डॉ.निकोल टेसला – ह्युमनॉईड रोबोटिक्स

डॉ.निकोल टेसला – ह्युमनॉईड रोबोटिक्स

इस जबरदस्त यांत्रिक ज्ञान का लाभ अमेरिका के संरक्षणोदलों को उपलब्ध करके देने वाला प्रस्ताव डॉ.टेसला ने ही प्रस्तुत किया था। इस यांत्रिक ज्ञानपर आधारित पणडुब्बियाँ एवं पाणतीर (टोर्पेडो) उसी प्रकार वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी पर चलने वाली युद्ध नौकाओं के प्रस्ताव डॉ.टेसला ने अमेरिकन नौदल को दिया। परन्तु अमेरिकन नौदल ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर […]

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समय की करवट (भाग ३) – पुनः ‘इंडिया’

समय की करवट (भाग ३) – पुनः ‘इंडिया’

समय करवट बदलते समय दुनिया में, ख़ासकर भारत में क्या स्थित्यन्तर हो रहे हैं, यह हम देख रहे हैं। हमारा देश ‘इंडिया’ बनाम ‘भारत’ इनमें कैसे विभाजित हुआ है, यह जानने की हम कोशिश कर रहे हैं। खुली हवा में रपट करने की अपेक्षा नेट पर के ‘फ़ार्मव्हिले’ में अपना जी रिझानेवाली, वक़्त आने पर […]

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नेताजी-१७

नेताजी-१७

जानकीबाबू से अनपेक्षित रूप से प्राप्त हुई इस सूचना के कारण सुभाष हक्काबक्का रह गया| दरअसल उस जमाने में आय.सी.एस. को भारत में रहनेवाली सर्वोच्च प्रतिष्ठा को देखते हुए वह प्रलोभन ही काफ़ी था| साथ ही, पिछले वर्ष ही आय.सी.एस. के लिए इंग्लैंड़ गये अपने कुछ सहपाठियों के उदाहरण भी सुभाष के सामने थे कि […]

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नेताजी-१६

नेताजी-१६

बी.ए. की परीक्षा में प्राप्त हुए उज्ज्वल यश के कारण सुभाष पर लगा असफलता का धब्बा पूरी तरह मिट चुका था| अब बुरे दिन ख़त्म हो चुके थे| नयी उमंग के साथ उसने एम.ए. में ऍडमिशन लिया था| ‘एक्स्परिमेंटल सायकॉलॉजी’ इस विषय में एम.ए. करने का ध्येय उसने निश्चित किया था| ऊपरि तौर पर देखा […]

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डॉ.निकोल टेसला – फिनिक्स की उड़ान

डॉ.निकोल टेसला – फिनिक्स की उड़ान

नायगारा के जलविद्युत प्रकल्प एवं उसी के द्वारा बफेलो एवं न्यूयार्क शहरों में विद्युतभार संवाहन, ये सब कुछ उस भीषण अग्निकांड के केवल ११ महीने पश्चात् ही डॉ.टेसला ने कर दिखलाया था। अपयश से हारकर टूटे जाने की बजाय यदि कोई पुन: सफलता की सीढ़ी पार कर जाता है, तो उसे ‘फिनिक्स’ पक्षी की तरह […]

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नेताजी – १५

नेताजी – १५

सन १९१९ के मार्च महीने में सुभाष ने बी.ए. की परीक्षा दी। कॉलेज के इस आख़री साल में अपनी क़ाबिलियत को साबित करने के लिए उसने सच्चे दिल से मेहनत की थी। उसकी कुछ भी ग़लती न होने के बावजूद भी प्रेसिडेन्सी कॉलेज में से अपमानित होकर निकाल बाहर कर दिये जाने की चुभन भी […]

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समय की करवट (भाग २) – ‘इंडिया’ या ‘भारत’?

समय की करवट (भाग २) – ‘इंडिया’ या ‘भारत’?

….तो समय करवट बदल रहा है! खूब….बहुत खूब! इस सारे घटनाक्रम में डेढ़सौ वर्ष की गुलामी और पच्चास-साठ वर्ष की गरीबी सहन करनेवाला भारत, समय की करवट के नीचे से मुक्त होते हुए दिखायी दे रहा है। यह हुई ‘मॅक्रो लेव्हल’। लेकिन ‘मायक्रो लेव्हल’ का क्या? जैसे कहावत है – ‘दूर के ढोल सुहावने’ (‘दुरून […]

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नेताजी सुभाषचंद्र बोस – १४

नेताजी सुभाषचंद्र बोस – १४

फ़ौजी भर्ती के लिए अख़बारों में आवाहन प्रकाशित होने के बाद वहॉं अपनी क़िस्मत आ़जमाने का ख़याल सुभाष के दिल में आया। उसे पहले से ऐसे जोशभरी और हमेशा ‘हॅपनिंग’ रहनेवालीं बातों का आकर्षण हुआ करता था। इसलिए उसने इस बात का भी अनुभव करने की ठान ली और वह निर्देशित समय पर युनिव्हर्सिटी आ […]

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क्रान्तिगाथा – ४

क्रान्तिगाथा – ४

हालात काफ़ी मुश्किल बन गये थे। अब भारत में एक भी राज्य ऐसा नहीं था, जिस पर अँग्रेज़ों का कब्ज़ा नहीं था। कुछ जगह अँग्रेज़ों का प्रत्यक्ष राज था, वहीं कुछ पर वे अप्रत्यक्ष रूप से शासन कर रहे थे। अब इन हालातों को न चाहते हुए भी जनता को स्वीकार तो करना ही पड़ […]

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डॉ.निकोल टेसला – महत्वकांक्षा का जुनून

डॉ.निकोल टेसला – महत्वकांक्षा का जुनून

डॉ. टेसला ने अपने पेटंट को मॉर्गन को देने से इन्कार किया था, क्या इसी कारण से आग लगी थी? अथवा डॉ. टेसला के साथ वॉर ऑफ करंटस् में पराभूत होने वाले एडिसन के बीच होने वाले वाद-विवाद का यह परिणाम था? वह एक अपघात था या घातपात? उस घातपात का निशाना डॉ. टेसला थे […]

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