नेताजी सुभाषचंद्र बोस – १३

नेताजी सुभाषचंद्र बोस – १३

आख़िर जॉंच समिति का ‘निर्णय’ आ ही गया। सुभाष का जवाब तथा उसमें वर्णित कॉलेज के भारतीय छात्रों पर किये जानेवाले अन्याय की घटनाओं के बारे में सुनकर दरअसल जॉंच समिति के सदस्य भौचक्के-से हो गये थे, अस्वस्थ हो चुके थे….लेकिन उनके भी हाथ बँधे हुए थे। वे सरकार के दृष्टिकोण से इस घटना, नहीं, […]

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समय की करवट (भाग १)

समय की करवट (भाग १)

नींद में हम कई बार करवटें बदलते हैं। कई बार किसी कारणवश यदि नींद न आ रही हो, तो करवटें बदलते हुए सारी रात निकल जाती है, मगर नींद तो आती ही नहीं। इसी पर आधारित एक वाक्प्रचार भी हमने कई बार कथाओं-उपन्यासों में पढ़ा होगा – ‘समय ने करवट बदली’। समाजजीवन में, वैश्विक/राष्ट्रीय स्तर […]

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वर्ल्ड कोलंबियन एक्स्पो – २

वर्ल्ड कोलंबियन एक्स्पो – २

‘वर्ल्ड कोलंबियन एक्स्पो’ में लॉर्ड केल्वीन भी सहभागी हुए थे। ‘इंटरनेशनल नायगरा कमीशन’ के अध्यक्ष के रूप में उनकी अपनी पहचान थी। इस ‘नायगारा कमिशन’ पर नायगारा के उस जगप्रसिद्ध जलप्रपात पर जलविद्युत प्रकल्प बनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। टेसला के प्रदर्शन को देखकर लॉर्ड केल्वीन आश्‍चर्यचकित हो उठे थे। पहले ‘एसी करंट सिस्टम’ […]

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नेताजी सुभाषचंद्र बोस – १२

नेताजी सुभाषचंद्र बोस – १२

प्रेसिडेन्सी कॉलेज की ‘अनुचित घटनाओं की’ जॉंच करने के लिए कोलकाता विश्‍वविद्यालय के पूर्व कुलगुरु न्यायमूर्ति सर आशुतोष मुखर्जी की अध्यक्षता में एक जॉंच समिति का गठन किया गया था। समिति का कामकाज शुरू हुआ। उसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने में कुछ दिन अभी शेष थे। लेकिन तब तक प्राचार्य जेम्स से रहा नहीं जा […]

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वर्ल्ड कोलंबियन एक्स्पो

वर्ल्ड कोलंबियन एक्स्पो

फुटबॉल वर्ल्डकप, ऑलिंपिक्स्‌ जैसे बड़े ‘इव्हेन्ट’ आज के समय में आयोजित करना और उन्हें यशस्वी कर दिखाना यह तंत्रज्ञान और व्यवस्थापनों के विकास के कारण आसान विषय बन चुका है। परन्त १८९३ में स्थिति ऐसी नहीं थी। इसीलिए अमरीक के शिकागों में आयोजित किये जाने वाले ‘वर्ल्ड कोलंबियन एक्स्पो’ को अपार महत्त्व उस समय दिया […]

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नेताजी सुभाषचंद्र बोस – ११

नेताजी सुभाषचंद्र बोस – ११

प्रेसिडेन्सी कॉलेज के इतिहास के प्राध्यापक प्रो. ओटन की भारतविद्वेषी निरंकुश आलोचना के ख़िलाफ़ तथा उनके द्वारा छात्रों को मारपीट किये जाने के निषेध में सुभाष के नेतृत्व में कॉलेज के छात्रों की जारी हड़ताल आख़िर ओटन के दो कदम पीछे हटने के निर्णय के कारण ख़त्म हुई। मग़र तब भी प्राचार्य अपनी मग़रूरी से […]

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नेताजी – १०

नेताजी – १०

सन १९१५ में हुए इंटर की परीक्षा के निराशाजनक नतीजे से बेचैन होकर, कम से कम अगले दो सालों तक तो मन लगाकर बी.ए. की पढ़ाई करने का सुभाष ने तय किया था। लेकिन यह बात होनेवाली नहीं थी। शुरुआती कुछ दिनों में सुभाष ने अच्छी पढ़ाई की। लेकिन सन १९१६ की शुरुआत से नियति […]

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डॉ.निकोल टेसला – बहुमूल्य सम्मान

डॉ.निकोल टेसला – बहुमूल्य सम्मान

राजा ऑब्रेनेव्हिक ने स्वयं आगे बढ़कर डॉ.टेसला के मार्गदर्शनानुसार बेलग्रेड इस शहर में बिलकुल एक ही वर्ष में बिजली लाकर दिखा दिया। बेलग्रेड शहर में बिजली का आना, इस शहर के लिए एक अद्भूत घटना साबित हुई। यहॉं की जनता ने बिजली का उत्साहपूर्वक धूम-धाम से स्वागत किया। सर्बिया के राजा ऑब्रेनेव्हिक ने डॉ.टेसला को […]

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नेताजी – ९

नेताजी – ९

दूर पहाड़ी के उस पार रहनेवाले उन साधुमहाराज द्वारा नेताजी सुभाष के जीवन की दिशा को स्पष्ट किये जाने पर गुरु की खोज समाप्त कर वह जब कोलकाता वापस आया, तब बेजान बन चुके घर में पुनः नवचेतना की लहर दौड़ गयी। पिताजी ने तो उसे अपने सीने से लगाकर रोना ही शुरू कर दिया। […]

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डॉ. निकोल टेसला – युरोप का प्रवास

डॉ. निकोल टेसला – युरोप का प्रवास

‘टेसला कॉईल’ के संशोधन का प्रमुख आधार ‘इंपल्स’ ही थी। इसके बारे में डॉ.टेसला अधिकाअधिक विचार करने लगे। विद्युतप्रवाह बगैर वायर के सहारे प्रवास कर सकता है तो केवल इंपल्स के कारण ही इस बात का विश्‍वास उन्हें हो चुका था। उस समय एक और महत्त्वपूर्ण बात डॉ.टेसला के ध्यान में आई। इस इंपल्स के […]

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