नेताजी-२३

नेताजी-२३

आय.सी.एस. की पढ़ाई के साथ साथ सुभाष बदलते सामाजिक सन्दर्भों का भी अध्ययन कर रहा था। ज़ाहिर है कि असामान्य बुद्धिमत्ता की देन के कारण तथा उसके मन एवं बुद्धि के द्वार हमेशा खुले रहने के कारण उसे इस कार्य के लिए कुछ ख़ास मशक्कत नहीं करनी पड़ती थी। आते जाते आसानी से दिखायी देनेवाली, […]

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पृथ्वी को ही हिलाकर रख दिया!

पृथ्वी को ही हिलाकर रख दिया!

यांत्रिक ज्ञान विनाशकारी दिखाई दे सकता है और उसकी डिज़ाईन भी उसी प्रकार की लग सकती है, मग़र हक़ीक़त में वह ऐसा नहीं है। उसकी संकल्पना तैयार करके, उस पर काम करते समय डॉ. टेसला के मन में विध्वंस का नहीं बल्कि विधायक एवं मानवीय हित का ही विचार था। इस यांत्रिक ज्ञान का उपयोग […]

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नेताजी- २२

नेताजी- २२

ईश्वर हमारे जीवन में उचित ही करते हैं, ऐसा सुभाष का भरोसा रहने के कारण उसके जीवन में होनेवाली हर एक घटना में उसे एक चुनौती ऩजर आती थी। अत एव पिताजी को दिये हुए वचन के अनुसार वह आय.सी.एस. की पढ़ाई दिलोजान से कर रहा था। इतनी कि भूगोल इस विषय के लिए उसे […]

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वायरलेस ट्रान्समिशन और डॉ. टेसला

वायरलेस ट्रान्समिशन और डॉ. टेसला

आदिकाल से लेकर आज के आधुनिक युग तक मानव समाज ने एक-दूसरे के संपर्क में रहने के लिए, जानकारी हासिल करने के लिए विभिन्न प्रकार के भिन्न-भिन्न साधनों का उपयोग किया। आज के आधुनिक युग में मोबाईल फ़ोन्स  तथा इंटरनेट सर्फिंग  ये सब कुछ इसी प्रकार महत्त्वपूर्ण हैं, एवं एक-दूसरे के संपर्क में रहने के […]

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नेताजी-२१

नेताजी-२१

हालाँकि सुभाष के मन में आय.सी.एस. की परीक्षा देने की इच्छा नहीं थी, मग़र फिर भी उसने इस मामले में अपने पिता के साथ झूठ नहीं बोला। वह तो इंग्लैंड़ जाने के बाद बिना पढ़ाई किये भी आय.सी.एस. परीक्षा दे सकता था और फेल होने के बाद, ‘वैसे तो यह परीक्षा काफी मुश्किल रहती है […]

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मानवता दृष्टिकोन

मानवता दृष्टिकोन

संशोधन करते समय, उसके सुयोग्य उपयोग के बारे में डॉ.टेसला अत्यन्त सर्तक रहते थे। संशोधन का गलत उपयोग न हो इस बात का वे विशेष ध्यान रखते थे। कारण संशोधन द्वारा वैयक्तिक मान-सम्मान अथवा आर्थिक लाभ प्राप्त करना, यह उनका ध्येय कभी भी नहीं था। उनके संशोधन के पीछे मानवजाति का कल्याण यही मूलभूत प्रेरणा […]

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डॉ.निकोल टेसला – अज्ञात की खोज

डॉ.निकोल टेसला – अज्ञात की खोज

इस पत्र में टेसला कहते हैं, ‘‘इस क्षेत्र में मैंने अतिशय व्यापक विचार किया, कुछ अंतर से कोई मशीन कंट्रोल करने तक ही मैंने अपने संशोधन को मर्यादित नहीं रखा। तो स्वत: की ‘बुद्धी’ से काम करने वाली मशीन मुझे अपेक्षित है। जल्द ही मैं बिना किसी नियंत्रण के स्वयं ही अपने आप काम करनेवाली […]

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नेताजी-२०

नेताजी-२०

आसमान की बुलंदियों को छूने की चाह से इंग्लैंड़ आये सुभाष ने बड़ी उमंग और दृढ़निश्चय के साथ इंग्लैंड़ की भूमि पर कदम रखा| जिंदगी ने एक और नया मोड़ ले लिया था| मन में दृढ़निश्चय था, अँग्रे़ज छात्रों को भारतीयों की क़ाबिलियत दिखाने का; इच्छा थी, खुले वातावरण में बिना किसी तनाव के उच्च […]

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नेताजी-१९

नेताजी-१९

आय.सी.एस. की डिग्री प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड़ जाने का निर्णय लेते समय सुभाष के मन में निर्माण हुए वैचारिक आन्दोलन, भारतमाता से किसी भी परिस्थिति में प्रतारणा न करने के स्वयं के मन से किये हुए निर्णय से शान्त हो गये। साथ ही हेमन्त ने भी उसके विचारों का समर्थन करने के कारण उसके […]

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नेताजी-१८

नेताजी-१८

दुनिया पर हुकूमत करनेवाले अँग्रे़जों के सामर्थ्य को जानने के लिए इंग्लैंड़ जाने के उत्सुक सुभाष को आय.सी.एस. की परीक्षा देने की कल्पना से दूध में नमक की डली पड़ने जैसा हुआ। क्या किया जाये, यह उसकी समझ में नहीं आ रहा था। उसका जिगरी दोस्त हेमंत भी पास नहीं था। क्या अन्य किसी दोस्त […]

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