यूक्रेन से हो रही अनाज की आयात के विरोध में पोलैण्ड के किसान आक्रामक हुए – १७५ टन अनाज सड़क पर फेका गया

वार्सा/किव – यूरोपिय देशों में यूक्रेन से हो रही अनाज की आयात का मुद्दा अब अधिक गरमाया है। सस्ते और अनिर्बंधित आयात की वजह से गुस्सा हुए पोलैण्ड के किसानों ने यूक्रेन से ट्रेन में भरकर पहुंचा लगभग १७५ टन अनाज सड़क पर फेकने की घटना सामने आयी है। यूक्रेन ने ऐसे में यह अनाज फेकने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है और पोलैण्ड ने किसानों के इस आंदोलन के पीछे रशिया का बढ़ावा होने का आरोप लगाया है।

रशिया के यूक्रेन के बंदरगाहों पर हो रहे हमलों की वजह से समुद्री मार्ग से हो रही अनाज की निर्यात को भारी नुकसान पहुंचा था। यूक्रेन से हो रही अनाज की आयात के विरोध में पोलैण्ड के किसान आक्रामक हुए - १७५ टन अनाज सड़क पर फेका गयाइस पृष्ठभूमि पर यूरोपिय महासंघ ने पहल करके यूक्रेन का अनाज यूरोपिय देशों के ज़रिये अन्य देशों को निर्यात करने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, वास्तव में यूक्रेन का अधिकांश अनाज बाहरी देशों में पहुंचने के बजाय यूरोपिय देशों में ही आयात होना शुरू हुआ है। सस्ते और महासंघ के किसी भी निकषों का पालन किए बिना यूक्रेन से अनाज की आयात करने से यूरोपिय देशों में अनाज के दरों की गिरावट शुरू हुई है।

इसके विरोध में यूरोप के किसान आक्रामक हुए हैं और यूक्रेन से हो रही आयात बंद करने के साथ इस पर प्रतिबंध लगाने की आक्रामक मांग कर रहे हैं। कुछ देशों में प्रतिबंध लागू हुए है, फिर भी पोलैण्ड जैसे देश में हो रही आयात पुरी तरह से बंद नहीं हुई है। इससे पोलैण्ड के किसानों का असंतोष फूटा है और उन्होंने यूक्रेन से पहुंच रहा अनाज सफर पर फेकना शुरू किया है। अब तक ऐसी चार घटनाएं हुई हैं और सैकड़ों टन अनाज सड़क पर फेका हुआ देखा गया है।

यूक्रेन से हो रही अनाज की आयात के विरोध में पोलैण्ड के किसान आक्रामक हुए - १७५ टन अनाज सड़क पर फेका गयायूक्रेन अब लिथुआनिया, स्लोवाकिया और जर्मनी जैसे देशों के ज़रिये पोलैण्ड में अनाज भेजने में लगा होने की बात सामने आयी है। इससे गुस्सा हुए पोलैण्ड के किसानों ने इन तीनों देशों की सीमा से हो रही व्यापारिक यातायात रोक दी है। इससे यूक्रेन में भेजे जा रहे शस्त्र एवं मानवीय सहायता को भी नुकसान पहुंचा है और सैकड़ों ट्रक्स पोलैण्ड के सरहदी इलाकों में अटके होने का दावा यूक्रेन ने किया है।

पोलैण्ड की सरकार ने इस मुद्दे पर किसानों के पक्ष की भूमिका अपनाई है और यूक्रेन से चर्चा करके इस मसले का हल निकालने का आश्वासन दिया है। लेकिन, यूक्रेन ने इसके लिए सीमा पर भेजे शिष्टमंड़ल से मुलाकात करने से पोलैण्ड के नेता और अधिकारी दूर रहने का वृत्त सामने आया है। पोलैण्ड में जल्द ही चुनाव का आयोजन होगा और किसान वर्ग की नाराज़गी टालने के लिए हुकूमत ने यूक्रेन से चर्चा टालने का दावा सूत्रों ने किया है।

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