यूरोप में आयोजित कृषि मंत्रियों की बैठक की पृष्ठभूमि पर यूरोप के हजारों गुस्साए किसाने ब्रुसेल्स में ‘ईयू’ के मुख्यालय पहुंचे

ब्रुसेल्स – यूरोपियन नेतृत्व लगातार कर रहे अनदेखी की पृष्ठभूमि पर यूरोपियन किसान फिर से ब्रुसेल्स पहुंचे हैं। सोमवार के दिन ट्रैक्टर सहित पहुंचे हजारों किसाने यूरोपिय महासंघ के मुख्यालय के करीबी सड़क पर धरना देते दिखाई दिए। इस दौरान किसान और सुरक्षा बल की मुठभेड़ होने की बात कही जा रही है और गुस्साए किसानों ने कुछ ठिकानों पर आगजनी करने का वृत्त है।

यूरोप में आयोजित कृषि मंत्रियों की बैठक की पृष्ठभूमि पर यूरोप के हजारों गुस्साए किसाने ब्रुसेल्स में ‘ईयू’ के मुख्यालय पहुंचेयूरोपियन महासंघ ने पिछले कुछ सालों में किसानों के विरोधी निर्णय करने का आरोप विभिन्न देशों के किसान लगा रहे हैं। किसानों पर थोपे नए नियम, अनुदान में हुई कटौती, धीमे सरकारी कारोबार, सस्ती कीमत में आयात करने के लिए दी हुई प्राथमिकता के कारण यूरोप के किसानों के हालात काफी खराब होने का दावा किसान संगठन कर रहे हैं। इस वर्ष के शुरू में जर्मनी में आरंभ हुए आंदोलन से किसानों का असंतोष फूटा था।

यूरोप में आयोजित कृषि मंत्रियों की बैठक की पृष्ठभूमि पर यूरोप के हजारों गुस्साए किसाने ब्रुसेल्स में ‘ईयू’ के मुख्यालय पहुंचेइसके बाद मात्र एक ही महीने में यूरोप के १५ से अधिक देशों में किसानों ने अपना असंतोष व्यक्त किया। इनमें फ्रान्स, स्पेन, पुर्तगाल, रोमानिया, नीदरलैंड जैसे प्रमुख देशों का समावेश है। अधिकांश देशों में किसानों ने ट्रैक्टर लेकर देश की राजधानी में धावा बोलकर चक्का जाम करने का चित्र दिखाई दिया। कई शहरों में आगजनी और पथराव की घटनाए होती दिखाई दी है। इससे रोज के कामकाज, कानून और सुव्यवस्था बिगड़ गई। इसकी गूंज स्थानिय स्तर के साथ यूरोपिय महासंघ में भी सुनाई पड़ी।

यूरोप में आयोजित कृषि मंत्रियों की बैठक की पृष्ठभूमि पर यूरोप के हजारों गुस्साए किसाने ब्रुसेल्स में ‘ईयू’ के मुख्यालय पहुंचेकिसानों की समस्या का हल निकालने के लिए महासंघ ने ब्रुसेल्स में सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में अपनी मांगों पर गंभीरता से गौर किया जाए, इस मंशा से किसानों ने महासंघ की ओर जा रहे सड़कों पर धरना देकर आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन को रोकने के लिए तैनात सुरक्षा बल के साथ किसानों की मुठभेड़ होने की जानकारी सामने आयी है। इस बीच कई जगहों पर आगजनी होने की बात कही जा रही है।

आगे जून महीने में यूरोपिय संसद का चुनाव हो रहा है। इसमें किसानों का मुद्दा उठने की संभावना है। विभिन्न देशों में शुरू इनके आंदोलन को दक्षिणपंथी गुट के दलों ने समर्थन प्रदान किया है और यह मुद्दा महासंघ के प्रमुख सदस्य देशों के शासकों के लिए मुश्किल बन सकता है, ऐसी चेतावनी विश्लेषक एवं माध्यमों

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