रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर नाटो ने रशियन सीमा के करीबन तीन लाख सैनिकों की तैनाती करने की योजना बनाई

ब्रसेल्स – रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अपना दायरा अधिक बढ़ाने की कोशिश कर रही नाटो ने सैन्य स्तर पर भी जोरदार गतिविधियां शुरू की हैं। रशिया की सरहदों के करीबी नाटो के सदस्य देशों में लगभग तीन लाख सैनिकों की तैनाती करने की योजना नाटो ने बनाई हैं। इस वर्ष जुलाई महीने में आयोजित हो रही बैठक में इसका निर्णय होगा, ऐसा दावा अमरिकी रपट में किया गया हैं। लेकिन, यूक्रेन को फिलहाल जारी हथियारों की आपूर्ति की पृष्ठभूमि पर नाटो की योजनाओं पर अमल करना कठिन होने का अहसास कुछ पूर्व सेना अधिकारी और विशेषज्ञों ने कराया हैं।

रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर नाटो अधिक सक्रिय होता देखा जा रहा हैं। स्वीडन और फिलनैण्ड को नाटो की सदस्यता बहाल करने का निर्णय और यूक्रेन के रक्षा सहयोग को लेकर नाटो की जारी गतिविधियां ध्यान आकर्षित करती हैं। यूक्रेन नाटो के लिए ही संघर्ष कर रहा हैं, ऐसा चित्र दिखाकर सदस्य देशों पर रक्षा तैयारी बढ़ाने के लिए दबाव बनाया जा रहा हैं। सदस्य देशों को लगातार सैन्य क्षमता बढ़ाने का आवाहन किया जा रहा हैं।

इसके पीछे रशिया विरोधी गठबंधन अधिक मज़बूत करने की योजना होने की जानकारी सामने आयी है। रशिया-यूक्रेन युद्ध के दौरान रशियन सीमा से जुड़े नाटो देशों में सैन्य तैनाती बढ़ाने की तैयारी जुटाई जा रही हैं। रशियन सरहदों पर तीन चरणों में तीन लाख सैनिक तैनाती करने का प्रस्ताव हैं। पहले चरण में पोलैण्ड, नॉर्वे और बाल्टिक देशों में तैनाती के लिए एक लाख सैनिकों को तैयार रखने की योजना हैं। १० दिनों में यह तैनाती पुरी होगी, इस तरह से योजना बनाई जा रही हैं। दूसरे चरण में जर्मनी के साथ अन्य प्रमुख देशों से १० से ३० दिनों में एक लाख सैनिक तैनाती करने का उद्देश्य हैं।

नाटो की इस योजना के लिए सदस्य देशों द्वारा रक्षा क्षेत्र के लिए भारी निवेश की ज़रूरत हैं। लेकिन, यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर कई नाटो सदस्य देश इसके लिए सक्षम ना होने की बात स्पष्ट हुई हैं। इस वजह से नाटो ने बनाई योजना वास्तव में उतारना कठिन है, ऐसा मत विशेषज्ञों ने व्यक्त किया हैं।

मराठी मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.