एक निष्पक्ष विश्व व्यवस्था को आकार देने के चीन और रशिया के प्रयास – वरिष्ठ चीनी नेता यांग जिएची

बीजिंग/मॉस्को – ‘राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग व राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन के मार्गदर्शन में चीन एवं रशिया का संबंध सही मार्ग पर चल रहा है। दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय सामरिक सहयोग बढाने के लिए चीन रशिया के साथ सक्रिय कदम बढाना चाहता है। दोनों देशों के बीच सहभाजीत हितों की रक्षा और अधिक निष्पक्ष एवं सही दिशा में चलनेवाली विश्व व्यवस्था को विकसित करने के लिए चीन रशिया की सहायता करेगा’, ऐसा दावा चीन के वरिष्ठ नेता यांग जिएची ने किया है। आनेवाले कुछ ही दिनों में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग व राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन से मिलेंगे ऐसा कहा जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर जिएची की बात ध्यान आकर्षित करती है।

पिछले कुछ सालों में रशिया एवं चीन के बीच नज़दीकियां अधिक बढ रही हैं। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इसके लिए पहल की और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई मुद्दों पर दोनों देशों ने एक-दूसरे का समर्थन करने की भूमिका दिखाई देती है। आर्थिक, व्यापारी तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों ने भी दोनों देशों में सहयोग नई ऊंचाईयों पर जाने के संकेत मिल रहे हैं। कुछ महीनों पूर्व रशिया ने युक्रेन में शुरु की हुई लश्करी मुहिम के बाद चीन ने रशिया के खिलाफ भूमिका से इन्कार किया था। तो, ईंधन और अन्य स्तरों पर चीन रशिया के साथ सहयोग कर रहा है और पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए हुए प्रतिबंधों का भी चीन विरोध कर रहा है। इसके अलावा पश्चिमी देशों ने तैवान के बारे में स्वीकारी हुई नीति पर रशिया ने टीकाएं की हैं और चीन का समर्थन किया है।

रशिया एवं चीन के बढते सहयोग में अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के खिलाफ बनाई जानेवाली आघाडी ही मुख्य घटक है। रशिया ने पश्चिमी देशों को प्रत्युत्तर देने के लिए अमेरिकी चलन डॉलर के वर्चस्व को झटके देने की शुरुआत की है। इसके लिए स्थानिक चलनो समेत चीन के युआन को प्रधानता दी है। युक्रेन में संघर्ष के माध्यम से रशिया अमेरिका एवं युरोपिय देशों की संघटना वाले नाटो को चुनौती दे रही है। तो अमेरिका एवं युरोपिय देशों से तैवान समेत अन्य मुद्दों पर कार्यान्वित करनेवाली नीति को चीन विरोध कर रहा है और इस देश ने तकनीक एवं अंतरिक्ष क्षेत्र में भी अमेरिका को झटके दिए हैं। यह दोनों देश विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय गुटों के माध्यम से अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की व्यवस्था के लिए विकल्प निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं और जिएची का वकव्य इसका समर्थन करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.