ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने राजे सलमान ने दिया सौदी दौरे का प्रस्ताव स्वीकार किया

तेहरान – सौदी अरब के राजे सलमान ने ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी को सौदी दौरे पर आमंत्रित किया है। राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने इस न्यौते का स्वीकार करने की खबरें ईरानी माध्यमों ने जारी की हैं। इस वजह से साल २०१६ से दोनों देशों का बाधित हुआ राजनीतिक सहयोग नए से शुरू होगा और दोनों देश अपने दूतावास भी जल्द ही शुरू करेंगे, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इस वजह से अबतक खाड़ी देशों ने ईरान की राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर की हुई घेराबंदी खत्म होगी, ऐसे स्पष्ट आसार दिखाई देने लगे हैं। खाड़ी क्षेत्र पर इसका लंबा असर होगा, ऐसा विश्वास सौदी और ईरान के विश्लेषकों ने व्यक्त किया है।

सौदी दौरेसाल २०१६ में सौदी अरब की हुकूमत ने शियापंथियों के स्थानीय धर्मगुरू निम्र अल-निम्र को फांसी की सज़ा सुनाई थी। ईरान में इसकी तीव्र गूंज सुनाई पड़ी और ईरान में स्थित सौदी दूतावास पर हमले हुए थे। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के देश में मौजूद अपने दूतावास बंद किए थे। बाद में खाड़ी में सौदी समर्थक यूएई, बहरीन, कुवैत, इजिप्ट, जॉर्डन इन देशों ने ईरान और सीरिया इन देशों को क्षेत्रीय संगठन से अलग किया था। सीरिया की अस्साद हुकूमत के विरोध में शुरू इस संघर्ष में सौदी और मित्रदेशों ने विद्रोहियों को सहायता मुहैया की थी। ऐसे में ईरान ने बहरीन में सत्ता परिवर्तन करवाने की कोशिश करने का आरोप अरब मित्र देशों ने लगाया था। ईरान परमाणु बम प्राप्त करता हैं तो हम भी परमाणु बम प्राप्त करेंगे, ऐसा इशारा सौदी ने दिया था।

सौदी दौरेऐसी स्थिति में दस दिन पहले चीन ने ईरान और सौदी के बीच मध्यस्थता की थी और इसकी अहमियत साबित हो रही है। कुल छह साल बाद खाड़ी के दो प्रतिद्वंद्वी देशों में नए से सहयोग शुरू करने की गतिविधियां शुरू हुई हैं। चीन में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की हुई इस चर्चा के बाद ईरान और सौदी के विदेश मंत्रियों की जल्द ही चर्चा होने की उम्मीद हैं। साथ ही आने वाले दो महीनों में ईरान और सौदी एक-दूसरे के देश में दूतावास शुरू करेंगे, यह भी कहा जा रहा है।

ऐसे में दोनों देशों के बीच सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को लेकर जल्द ही चर्चा हो सकती हैं, ऐसा दावा भी किया जा रहा है। ऐसा हुआ तो पिछले कई सालों से ईरान और सौदी के बीच बनी राजनीतिक, आर्थिक और सैन्यकी समस्याएं दूर होंगी, ऐसी खबरें दोनों देशों के माध्यम प्रदान कर रहे हैं। इस वजह से खाड़ी के इन दोनों देशों के समर्थकों का भी सहयोग स्थापित होगा, ऐसा खाड़ी के विश्लेषकों का कहना हैं। ईरान के ईंधन मंत्रालय ने ऐसे संकेत भी दिए हैं।

राजनीतिक एवं आर्थिक ताल्लुकात स्थापीत होने से पहले ही सौदी द्वारा हमारे ईंधन क्षेत्र में निवेश होने की उम्मीद होने का बयान ईरान ने किया है। सौदी के प्रभाव वाले ‘ओपेक प्लस’ जैसे ईंधन उत्पादक देशों की संगठन से भी यही उम्मीद होने की जानकारी ईरान के ईंधन मंत्रालय ने प्रदान की। साल २०१८ में अमरीका ने प्रतिबंध लगाने के बाद ईरान के ईंधन उत्पाद और निर्यात की भारी गिरावट हुई है। इस पृष्ठभूमि पर ईरान सौदी एवं अन्य ओपेक प्लस देशों से निवेश की उम्मीद रखता दिखाई दे रहा हैं। इसके बावजूद ईड़ान समर्थन येमन के हौथी विद्रोही हम सैदी अरब के खिलाफ जारी कार्रवाईयां बंद नहीं करेंगे, ऐसी चेतावनी दे रहे हैं। इन विद्रोहियों ने हमारी सौदी विरोधी शुरू कार्रवाईयां जारी रखी तो सौदी का ईरान पर अविश्वास बढ़ेगा और इससे दोनों देशों की चर्चा को खतरा बन सकता हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published.