ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ को अमरीका ‘टेरर लिस्ट’ में ही रखेगी – इस्रायल के प्रधानमंत्री का दावा

जेरूसलम/वॉशिंग्टन – ईरान की सेना का प्रमुख विभाग रहे रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ को अमरीका ने आतंकियों की सूचि में शामिल किया है। लेकिन, अमरीका को ईरान के साथ परमाणु समझौता करना हो तो इस सूचि से रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ को हटाना होगा, ऐसी शर्त ईरान ने रखी थी। अमरीका का बायडेन प्रशासन यह शर्त स्वीकारने के लिए तैयार है और विदेशमंत्री ब्लिंकन ने ऐसे संकेत भी दिए थे। लेकिन, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ऐसा नहीं करेंगे, वे रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ को आतंकियों की सूचि में कायम रखेंगे, उन्होंने ऐसा वादा हमसे किए है, ऐसा इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा।

‘टेरर लिस्ट’अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की २४ अप्रैल को फोन पर बातचीत हुई थी। दोनों देश इससे संबंधित जानकारी देने से दूर रहे थे। लेकिन, दो दिन पहले इस्रायल के प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया के ज़रिये इस चर्चा का संदर्भ सार्वजनिक किया। ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ को ‘फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन’ यानी विदेशी आतंकी संगठनों की सूचि में कायम रखने के मुद्दे पर बायडेन प्रशासन के निर्णय का हम स्वागत कर रहे हैं, ऐसा प्रधानमंत्री बेनेट ने कहा।

इस वजह से अमरीका और इस्रायल के नेताओं के बीच रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के मुद्दे पर चर्चा होने की बात स्पष्ट हुई। अमरीका के माध्यमों ने इससे संबंधित खबर सार्वजनिक की है। साथ ही रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ को आतंकी संगठनों की सूचि में कायम रखना तय हुआ है। इसके साथ ही ईरान के लिए रिहायत की खिड़की बंद होने का दावा अमरिकी माध्यमों ने सूत्रों के दाखिले से किया। बायडेन प्रशासन के इस निर्णय की वजह से परमाणु समझौता पुनर्जिवित करने के रास्ते बंद हुए हैं, ऐसा माध्यमों का कहना है।

दस दिन पहले ईरान की माँगें स्वीकारने के संकेत देनेवाले बायडेन प्रशासन की भूमिका में हुए इस बदलाव पर आश्‍चर्य व्यक्त किया जा रहा है। इस्रायली प्रधानमंत्री का ऐलान और अमरिकी माध्यमों में प्रसिद्ध हुए खबरों पर बायडेन प्रशासन ने अब तक कोई बयान नहीं किया है। लेकिन, कुछ घंटे पहले अमरिकी कोषागार विभाग ने ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ से संबंधित र्इंधन की तस्करी के नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाए हैं। रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ के कुदस्‌ फोर्सस और हिज़बुल्लाह नामक ईरान से जुड़े आतंकी संगठन को इन प्रतिबंधों से लक्ष्य किया गया।

इसी बीच, पिछले दस महीनों से बायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ परमाणु समझौते की बातचीत शुरू करने के बाद इस्रायल और सौदी अरब नाराज़ थे। इस्रायल ने खुलेआम अपनी नाराज़गी व्यक्त करके ईरान के परमाणु समझौते से हम वचनबद्ध ना होने की बात इस्रायल ने ड़टकर कही थी। इसके बाद अमरिकी शासक डेमोक्रैट और रिपब्लिकन पार्टी के जनप्रितिनिधियों ने भी इस परमाणु समझौते का विरोध किया था। इसका दबाव बायडेन प्रशासन पर बढता जा रहा है। इसका लाभ उठाकर इस्रायल ने ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ को लेकर अमरीका पर दबाव बढ़ाया है।

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