ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ पर लगाए गए प्रतिबंध शिथिल करने से अमरीका और मित्रदेशों पर हमले बढ़ेंगे – अमरीका के सैन्य की गुप्तचर यंत्रणा के अध्यक्ष का इशारा

वॉशिंग्टन – परमाणु समझौते की प्रक्रिया आगे बढ़ानी हो तो अमरीका ईरान को हर्ज़ाना दे। तथा रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ को आतंकी संगठनों की सूचि से हटाए, ऐसी शर्तें ईरान ने बायडेन प्रशासन के सामने रखी हैं। परमाणु समझौता करने की कड़ी कोशिश कर रहा बायडेन प्रशासन इन शर्तों के लिए भी तैयार होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, परमाणु समझौते के लिए रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ को प्रतिबंधों से राहत दी गई तो अमरिकी नागरिक और अमरीका के सहयोगी देशों पर ईरान के हमले बढ़ेंगे, ऐसी चेतावनी अमरिकी सैन्य की गुप्तचर संस्था के अध्यक्ष लेफ्टनंट जनरल स्कॉट बेरियर ने दी।

ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ पर लगाए गए प्रतिबंध शिथिल करने से अमरीका और मित्रदेशों पर हमले बढ़ेंगे - अमरीका के सैन्य की गुप्तचर यंत्रणा के अध्यक्ष का इशाराअमरीका और ईरान के बीच वियना में हो रही बातचीत में रुकावट आई है। इस चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए पिछले हफ्ते यूरोपिय महासंघ के विशेष प्रतिनिधि ने ईरान का दौरा किया था। इस दौरान ईरान ने परमाणु समझौते की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए ईरान ने अमरीका के सामने नयी शर्तें रखी थीं। ईरान की इन माँगों पर अमरीका में मिश्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई थी। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की ही शासक डेमोक्रैट पार्टी में इस परमाणु समझौते को लेकर मतभेद निर्माण होने की बात सामने आयी है।

परमाणु समझौते के लिए ईरान की माँग मंजूर करके रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ को आतंकी संगठनों की सूचि से हटाने की बायडेन प्रशासन की भूमिका का डेमोक्रैट पार्टी के उदार विचारधारा के सिनेटर्स समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में कुछ डेमोक्रैट सिनेटर्स रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ को आतंकी संगठनों की सूचि में कायम रखने पर ड़टे हुए हैं। अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने सीधे सिनेट की जाँच समिती के सामने बयान करते हुए ईरान की शर्त स्वीकारने की तैयारी दर्शायी थी।

रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ को आतंकी संगठनों की सूचि में रखकर अमरीका को विशेष लाभ प्राप्त नहीं हुआ। बल्कि, ईरान के इस संगठन पर पाबंदी जारी रखी तो परमाणु समझौते की प्रक्रिया में बाधा आएगी, ऐसा दावा विदेशमंत्री ब्लिंकन ने किया। इस वजह से बायडेन प्रशासन परमाणु समझौते के लिए रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ को आतंकी संगठनों की सूचि से हटाकर प्रतिबंधों से रियायत देगा, ऐसे स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे हैं। लेकिन, अमरीका की सैनिकी गुप्तचर संस्था के अध्यक्ष लेफ्टनंट जनरल बेरियर ने इस मुद्दे पर बायडेन प्रशासन को चेतावनी दी है।

रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ पर लगाए गए प्रतिबंध शिथिल करने से इस क्षेत्र के अमरिकी सैनिक और सहयोगी देशों पर ईरान के हमले बढ़ेंगे, ऐसी चेतावनी लेफ्टनंट जनरल बेरियर ने दी। ईरान के परमाणु कार्यक्रम से विश्व की सुरक्षा का खतरा है। साथ ही ईरान और ईरान से जुडे आतंकी संगठनों से भी खाड़ी के देशों को खतरा है, इस ओर बेरियर ने ध्यान आकर्षित किया।

इसी बीच, राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था की अध्यक्षा हेन्स ने ईरान खाड़ी में अमरीका के संबंधों के लिए खतरा बन रहा है, इसकी याद दिलायी। साथ ही आनेवाले समय में इस्रायल और ईरान का संघर्ष छिड़ सकता है, यह चेतावनी भी हेन्स ने दी।

बेरियर और हेन्स जैसे वरिष्ठ अधिकारियों की चेतावनी की वजह से ईरान की माँगें मंजूर करना बायडेन प्रशासन के लिए उतना आसान नहीं रहा। इसी दौरान यूक्रैन युद्ध शुरू होने के बाद रशिया के ईंधन पर अन्य देशों की निर्भरता कम करने के लिए अमरीका को ईरान के ईंधन की ज़रूरत है। इसके लिए बायडेन प्रशासन कड़ी कोशिश कर रहा है और यह बात ईरान ने समझ ली है। इसका हर मुमकिन लाभ उठाकर ईरान ने परमाणु समझौते के लिए अमरीका के सामने अधिक सख्ती से नयी शर्तें रखी हुई दिख रही हैं।

इसके साथ ही खाड़ी क्षेत्र में ईरान की आक्रामकता बढ़ रही है, यह इस देश ने इराक में किए हमलों से स्पष्ट हुआ है। इसी दौरान ईरान इस्रायल को भी सर्वनाश की चेतावनी दे रहा है। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता, इस बात पर अमरीका के जनप्रतिनिधि बायडेन प्रशासन का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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