अमरीका-इस्रायल प्रायोजित ‘एमईएडी’ से ईरान समेत क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा – ईरान के विदेश मंत्रालय का इशारा

तेहरान – ‘अमरीका-इस्रायल ने खाड़ी देशों से हवाई सुरक्षा समझौता करने से इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता स्थापित नहीं होगी। बल्कि, इस समझौते की वजह से तनाव अधिक बढ़ने से अविश्वास बढ़ेगा। ईरान इस समझौते को राष्ट्रीय और क्षेत्रिय सुरक्षा के लिए खतरे के तौर पर देख रहा है’, ऐसी चेतावनी ईरान के विदेश मंत्रालय ने दी। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन अगले कुछ दिनों में इस्रायल के दौरे पर जाएंगे और इससे पहले ईरान से प्राप्त हुई यह चेतावनी अहमियत रखती है। ऐसे में इस्रायल-अमरीका और अरब देशों की संयुक्त हवाई सुरक्षा के संबंधित प्रस्ताव पर काफी पहले ही काम शुरू हुआ है, ऐसा इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने कहा है।

‘एमईएडी'इस्रायल, अमरीका, संयुक्त अरब अमिरात (यूएई), बहरीन, मोरोक्को, इजिप्ट की ‘नेगेव’ परिषद में संयुक्त हवाई सुरक्षा यंत्रणा का प्रस्ताव पेश किया गया था। ईरान की रक्षा संबंधी क्षमता बढ़ने से इससे उभरते खतरे को ध्यान में रखकर नेगेव परिषद ‘मिडल ईस्ट एअर डिफेन्स’ (एमईएडी) पर सहमति हुई थी। फिलहाल सौदी अरब और खाड़ी के अन्य कुछ ही देश इसमें शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन जल्द ही वे भी ‘एमईएडी’ का हिस्सा बनेंगे, यह दावा किया जा रहा है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन का इस्रायल दौरा इसके लिए काफी अहम साबित हो सकता है।

‘एमईएडी'इसका संज्ञान ईरान ने लिया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासेल कनानी ने इस मुद्दे पर ईरान की चिंता स्पष्ट शब्दों में रखी। दूसरे देशों का खाड़ी क्षेत्र में प्रवेश होना खतरनाक बात है। इस क्षेत्र में हथियारों के भंड़ार बनाकर यहां पर सुरक्षा और स्थिरता स्थापित नहीं हो सकेगी बल्कि, इससे प्रचंड़ तनाव निर्माण होगा और अविश्वास फिर से बढ़ेगा, ऐसा कनानी ने कहा है। साथ ही ईरान ‘एमईएडी’ की ओर अपने और इस क्षेत्र की सुरक्षा के खतरे के तौर पर ही देख रहा है, ऐसा कहकर कनानी ने इसमें शामिल होनेवाले देशों को आगाह किया है।

पर्शियन खाड़ी के साथ खाड़ी क्षेत्र में अमरीका और इस्रायल की हरकतें खतरनाक हैं। इसी कारण वर्णित क्षेत्र के देश अमरीका और इस्रायल से सहयोग ना करें, यह माँग करके ईरान इस क्षेत्र के देशों को इस मुद्दे पर धमका रहा है। ऐसे में, सीरिया, इराक, लेबनान और येमन पर ईरान का प्रभाव प्रचंड़ बढ़ा है और इस वजह से हमारी सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण हुआ है, ऐसा खाड़ी देशों का कहना है। येमन के हौथी विद्रोहियों ने सौदी और यूएई पर किए हमलों के मद्देनज़र इस खतरे की तीव्रता अधिक बढ़ी है, ऐसा खाड़ी देशों का कहना है।

इस पृष्ठभूमि पर मार्च में आयोजित हुई ‘नेगेव’ परिषद में ‘एमईएडी’ पर चर्चा हुई, इस पर इस्रायल ने काम भी शुरू किया है, यह जानकारी प्रदान करके इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने ईरान की चिंता नए से बढ़ाई है। अमरिकी नेता एवं रक्षा मुख्यालय के साथ इस मुद्दे पर बातचीत हुई है, यह कहकर रक्षामंत्री गांत्ज़ ने ‘एमईएडी’ जल्द ही सक्रीय होगी, ऐसा कहा है। इस वजह से ईरान चाहे कितनी भी आपत्ति जताए और धमकाय तब भी इससे ‘एमईएडी’ की प्रगति पर कोई असर नहीं होगा, इस बात पर इस्रायल के रक्षामंत्री ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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