परमाणु समझौते के लिए ईरान ज्यादा समय तक प्रतिक्षा नहीं करेगा – बायडेन प्रशासन को ईरान की चेतावनी

biden-iran-nuclear-1तेहरान – बायडेन प्रशासन की नीतियों पर नाराज़ हुए खाड़ी देश इस्रायल के साथ अमरीका के प्रतिद्वंद्वि देशों से हाथ मिला रहे हैं। इससे सावधान हुए बायडेन प्रशासन ने ईरान के परमाणु समझौते की बातचीत रोककर इस्रायल और अरब देशों को भरोसे में लेने की कोशिश गतिमान करने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसका संज्ञान लेकर ईरान ने बायडेन प्रशासन को धमकाया है और हम परमाणु समझौते के लिए ज्यादा समय तक प्रतिक्षा नहीं करेंगे, यह इशारा भी दिया है।

वियना में जारी बातचीत सफल हुई है और अमरीका एवं ईरान परमाणु समझौते के आखिरी चरण में पहुँचने का ऐलान यूरोपिय महासंघ ने दस दिन पहले किया था। बायडेन प्रशासन और ईरान ने भी वियना की बैठक के लिए अपने-अपने प्रतिनिधि भेजकर परमाणु समझौता पूरा करने की गतिविधियाँ शुरू की थीं। लेकिन, यह बातचीत अभी तक पूरी नहीं हुई है और बायडेन प्रशासन ने परमाणु समझौते की बातचीत आखरी चरण में रोक रखी है, यह आरोप ईरान लगा रहा है।

‘अमरीका अपनी ज़िम्मेदारी उचित ढ़ंग से नहीं निभाती’, यह आरोप ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबज़ादेह ने लगाया। ‘अंदरुनि कारणों की वजह से बायडेन प्रशासन ने इस परमाणु समझौते को बंधक बना रखा है। लेकिन, ईरान ज्यादा देर तक प्रतिक्षा नहीं करेगा। अमरीका इस पर राजनीतिक निर्णय ले’, ऐसा कहकर खातिबज़ादेह ने अमरीका पर दबाव ड़ाला।

biden-iran-nuclear-2‘यह बातचीत रुकने के लिए अमरीका ज़िम्मेदार है और अगले कुछ दिनों तक यह चर्चा रुकी रह सकती है’, यह चिंता खातिबज़ादेह ने व्यक्त की। इसी बीच वियना की बैठक में यूरोपिय महासंघ ने स्वीकारी हुई माँगों का अमरीका भी समर्थन करे। ऐसा हुआ तो ही अंतिम समझौते के लिए ईरान वियना में दाखिल होगा। ईरान इसके आगे किसी भी तरह की बातचीत नहीं करेगा’, यह इशारा ईरान के विदेश मंत्रालय ने दिया।

लेकिन, इसके साथ ही इस परमाणु समझौते के लिए ईरान अपनी ‘रेड लाईन्स’ पार नहीं करेगा, ना ही अपनी माँगें घटाएगा, ऐसा इशारा खातिबज़ादेह ने दिया है। वियना के परमाणु समझौते के प्रस्ताव मे ईरान ने रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ को आतंकी संगठनों की सूचि से निकालने की माँग की थी। बायडेन प्रशासन ने यह माँग स्वीकारने की खबरें प्रसिद्ध हुईं थी। लेकिन, इसके बाद इस्रायल और खाड़ी देशों ने इस पर नाराज़गी जताई थी।

ईरान के साथ अमरीका कर रहे परमाणु समझौते की वजह से खाड़ी देशों में असुरक्षितता की भावना अधिक बढ़ी है। इसी कारण अरब देशों ने अमरीका के प्रतिद्वंद्वि रशिया, चीन जैसे देशों से हाथ मिलाना शुरू किया है। साथ ही ईंधन के मुद्दे पर रशिया के खिलाफ होने से खाड़ी देशों ने अमरीका से स्पष्ट इन्कार किया है। इसकी वजह से बायडेन प्रशासन को इस्रायल और अरब देशों को आश्‍वस्त करना पड़ रहा है। इसी बीच दूसरी ओर ईरान वियना की चर्चा से पीछे हटने की धमकी दे रहा है। इसकी वजह से बायडेन प्रशासन फिलहाल मुश्‍किलों से घिरा हुआ है।

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