ईरान ने इस्रायल की नागरी यंत्रणाओं पर किए सायबर हमले – इस्रायली अधिकारियों का आरोप

जेरूसलम – पिछले कुछ सालों से ईरान के कई सायबर हमलों को इस्रायली यंत्रणाओं ने नाकाम किया। ईरान इस्रायली नागरी यंत्रणाओं को सायबर हमलों के ज़रिये लक्ष्य करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, इस्रायली यंत्रणाओं ने इस मोर्चे पर प्राप्त की हुई क्षमता शत्रु को जोरदार जवाब दे रही है, ऐसा दावा इस्रायली अधिकारियों ने किया। नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर माध्यमों को इस अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह जानकारी ईरान और इस्रायल के बीच जारी सायबर युद्ध पर ध्यान आकर्षित कर रही है।

नागरी यंत्रणासाल २०२० में ईरान ने इस्रायल के पानी सप्लाई से संबंधित यंत्रणा पर सायबर हमले किए थे। इससे पहले ईरान के सायबर हमलावरों ने इस्रायली जनता को ड़राने के लिए नागरी यंत्रणाओं पर सायबर हमले करने की कोशिश की थी। इस्रायल का जनजीवन प्रभावित करके ड़र फैलाना ही मंशा होने की बात इस अधिकारी ने कही थी। पिछले कुछ सालों में ईरान द्वारा सायबर हमलों की मात्रा ७० प्रतिशत बढ़ी है, यह भी इस अधिकारी ने कहा। ईरान ने कुल २० सायबर युनिटस्‌‍ तैयार किए हैं और इनमें से कम से कम १० युनिटस्‌‍ इस्रायल को ही लक्ष्य करने के काम में लगे हैं, ऐसा अनुमान इस्रायली डिफेन्स फोर्सेस (आईडीएफ) की ‘सी४आई कोर’ ने लगाया है।

नागरी यंत्रणालेकिन, ‘आईडीएफ’ गुप्तचर संगठन शिन बेत और मोसाद ने संयुक्त रूप से सायबर हमलों के खिलाफ अपनी क्षमता प्रचंड़ मात्रा में बढ़ाई है। इस वजह से ईरान के इन हमलों को सफलता नहीं मिल पाए है, ऐसा दावा इस अधिकारी ने किया। इस अधिकारी का नाम सामने नहीं आया है, फिर भी उन्होंने यह जानकारी सार्वजनिक करने के लिए चुना हुआ समय काफी अहमियत रखता है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिमी देशों में चर्चा हो रही है। इसके लिए ईरान को प्रस्ताव दिए जा रहे हैं और ईरान ने भी अपनी माँगे स्पष्ट रूप से पश्चिमी देशों के सामने रखी है। चाहे कुछ भी हो जाए ईरान पर विश्वास रखना मुमकिन नहीं होगा, परमाणु हथियारों से सज्जित ईरान इस्रायल के अस्तित्व के लिए खतरा ही साबित होगा, ऐसा इस्रायल का कहना है।

ईरान और इस्रायल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के दौर में क्या जर्मनी के नाज़ी तानाशाह हिटलर ने वास्तव में यहूदियों का नरसंहार किया था? यह सवाल उठाकर ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने होलोकॉस्ट पर आशंका जताई थी। इसका दाखिला देकर होलोकॉस्ट नकारने की मानसिकता के कारण ही ईरान को परमाणु हथियार पाने नहीं दिया जा सकता, ऐसा इस्रायल के रक्षाबल प्रमुख अविव कोशावी ने कहा था। ऐसी स्थिति में ईरान इस्रायल के नागरी यंत्रणाओं पर सायबर हमले करने के दावे प्रसिद्ध हुए हैं। इस वजह से दोनों देशों के बीच सायबर युद्ध की जानकारी अधिक स्पष्ट रूप से सामने आ रही है। आनेवाले दिनों में इस मुद्दे पर लगाए जा रहे आरोप अधिक तीव्र होने की संभावना काफी बढ़ी है।

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