ईरान के वरिष्ठ सेना अधिकारी का इस्रायल की मोसाद ने किया अपहरण – इस्रायल के प्रधानमंत्री ने स्वयं जानकारी साझा की

जेरूसलम – इस्रायल की गुप्तचर यंत्रणा ‘मोसाद’ ने ईरान के जनरल पद के सेना अफसर का बीते महीने अपहरण किया था। मोसाद ने इस साहसी कार्रवाई को अंजाम दिया, ऐसा इस्रायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा। तीन दशक पहले लापता हुए इस्रायली विमान पायलट की जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ईरानी सेना अधिकारी को उठाया गया, यह जानकारी प्रधानमंत्री बेनेट ने प्रदान की।

israel-mossad-kidnap-1वर्ष १९८६ में लेबनान में हवाई हमला करने के दौरान इस्रायल का लड़ाकू विमान दक्षिणी लेबनान में गिरा गया था। इस्रायल की सेना ने तुरंत कार्रवाई करके प्रमुख पायलट की रिहाई करवाई थी। लेकिन, लेबनीज चरमपंथी संगठन ‘अमाल’ ने लेफ्टनंट कर्नल रॉन अराद का अपहरण किया था। इसके बाद अमाल के चरमपंथियों ने लेफ्टनंट कर्नल अराद को ईरान के हाथ सौंप दिया। इसके बाद दो वर्षों तक अराद ईरान में कैद थे।

वर्ष १९८८ में ईरान ने अराद को दोबारा लेबनान पहुँचाया। इसके बाद अराद की रिहाई के लिए इस्रायल और लेबनीज यंत्रणाओं के बीच बातचीत शुरू हुई। लेकिन, अराद के बदले में लेबनीज चरमपंथियों ने आतंकियों को रिहा करने की माँग करने से इस्रायल ने इस पर इन्कार करके बातचीत रोक दी थी। इसके कुछ महीनों बाद लेफ्टनंट कर्नल अराद की मृत्यू होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, उनका शव इस्रायल को प्राप्त नहीं हुआ।

लेफ्टनंट कर्नल अराद से जुड़ी हुई सच्चाई जानने के लिए इस्रायल ने पहले भी कोशिश की थी। लेकिन, बीते महीने इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा ‘मोसाद’ ने सीधे ईरान के जनरल पद के अधिकारी का अपहरण करके यह जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की। इसकी अधिक जानकारी सार्वजनिक करना मुमकिन ना होने का बयान प्रधानमंत्री बेनेट ने किया। लेकिन, लंदन स्थित अरबी अखबार ने ‘मोसाद’ की इस कार्रवाई को लेकर कुछ दावे किए हैं।

सीरिया से ईरानी अफसर का अपहरण करने के बाद मोसाद ने उनसे अफ्रीका के किसी देश में कड़ी पूछताछ की। इसके बाद मोसाद ने वर्णित ईरानी जनरल को रिहा किया, ऐसा इस अखबार ने कहा है। इसी बीच खाड़ी क्षेत्र की अरबी वृत्तसंस्था ने मोसाद की अन्य कार्रवाई की भी जानकारी प्रदान की है।

मोसाद के एजंटस्‌ ने लेबनान के उत्तरी हिस्से के नाबी शित गांव में रॉन अराद की कबर खोदकर उनके हड्डियों के अवशेष से ‘डीएनए’ के नमूने प्राप्त किए हैं। मोसाद के प्रमुख डेविड बार्नी ने माध्यमों द्वारा साझा की गई इसकी जानकारी पर बयान करना टाल दिया। लेकिन, बीते महीने की मुहिम बड़े साहस की थी, ऐसा बार्नी ने कहा। गौरतलब है कि, बार्नी ने एक बैठक के दौरान यह बयान किया कि, हम इस मुहिम में असफल रहे। ऐसे में, इस्रायल के प्रधानमंत्री दफ्तर ने यह मुहिम सफल होने का दावा किया। इस मुहिम से बड़े उद्देश्‍य प्राप्त किए गए हैं, ऐसा इस्रायली प्रधानमंत्री के दफ्तर ने स्पष्ट किया।

मोसाद, विश्‍वभर में खुफिया कार्रवाईयों को अंजाम देने के लिए प्रसिद्ध है। बीते वर्ष ईरान की राजधानी तेहरान के करीब ईरान के प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीज़ादेह की हत्या मोसाद ने ही की थी, यह आरोप ईरान ने लगाया था। साथ ही ईरान के परमाणु प्रकल्पों में हुए संदिग्ध विस्फोट मोसाद ने ही करवाए थे। इसके अलावा मोसाद के पूर्व प्रमुख योसी कोहेन ने ईरान में घुसकर परमाणु कार्यक्रम से संबंधित दस्तावेज एवं सामान बरामद करने की खबरें भी प्रसिद्ध हुई थीं। इस वजह से मोसाद की कारवाईयाँ हमेशा से ही ईरान के लिए चुनौती देनेवाली साबित हुई हैं। ऐसी स्थिति में ईरान के वरिष्ठ सेना अधिकारी के अपहरण करने की कबूली देकर इस्रायल के प्रधानमंत्री ईरान को और एक चेतावनी देते हुए दिखाई दे रहे हैं।

इस्रायल ने ईरान पर खुफियां कार्रवाई करने का दिया इशारा

‘ईरान के परमाणु कार्यक्रम के साथ इस देश का लष्करी सामर्थ्य मिटाने की मुहिमों को आगे भी जारी रखा जाएगा। किसी भी क्षण, किसी भी जगह पर इस्रायल कार्रवाई करेगा’, यह इशारा इस्रायल के रक्षाबलप्रमुख लेफ्टनंट जनरल अविव कोशावी ने दिया है।

इस्रायल के रक्षाबलप्रमुख ने इससे पहले भी अपनी सेना को ईरान पर हमले करने के लिए तैयार रहने के आदेश दिए थे। लेफ्टनंट जनरल कोशावी की तरह इस्रायल की लष्करी गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख मेजर जनरल तमिर हेमन ने भी ईरान को धमकाया है। ईरानी हुकूमत फिलहाल स्थिर दिखाई दे रही है लेकिन, यह हुकूमत अगले दिनों में टूट जाएगी, यह इशारा हेमन ने दिया है।

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