पश्चिमी देश वैश्विक आर्थिक संबंधों के ढ़ांचे को नष्ट कर रहे हैं – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन का आरोप

मास्को – कुछ पश्चिमी देश विश्व के आर्थिक और व्यापारिक व्यवस्था नष्ट कर रहे हैं, ऐसा आरोप रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने लगाया। रशिया के पूर्वी इलाके के व्लाडिवोस्टोक शहर में आयोजित ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम में बोलते समय पुतिन ने पश्चिमी देशों को लक्ष्य किया। यह देश उन्हें शीर्ष स्थान की ओर ले जा रही व्यवस्था को ही तबाह कर रहे हैं और विश्व के कई देशों का इसे विरोध होने का दावा भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया। पश्चिमी देशों के विध्वंसक गतिविधियों की वजह से आर्थिक और व्यापारिक संबंधों में नया अंतरराष्ट्रीय मॉडेल का उदय  हो रहा हैं, इसपर पुतिन ने ध्यान आकर्षित किया।

रविवार से  रशिया के पूर्व के व्लाडिवोस्टोक शहर में ‘ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम’ का आयोजन किया गया है। इसमें लगभग ६० से भी अधिक देशों के सात हज़ार से भी ज्यादा प्रतिनिधि एवं ७०० कंपनियों के अधिकारी मौजूद हैं। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर रशिया का प्रभाव काम होने की बात दर्शाने के लिए इस परिषद का आयोजन करने के लिए प्राथमिकता देने की जानकारी सुत्रों ने प्रदान की। चीन एवं उत्तर कोरिया इन देशों के वरिष्ठ नेता इस फोरम में मौजूद होने की बात बताई जा रही है।

‘ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम’ के एक कार्यक्रम में  बोलते समय राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने पश्चिमी देश और वह कर रहे निर्णयों को लक्ष्य किया। पश्चिमी देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की आर्थिक व्यवस्था नष्ट करने का आरोप लगाते हुए विश्व के कई देशों का इसे विरोध होने का ज़िक्र पुतिन ने किया। पश्चिमी देशों की विध्वंसक गतिविधियों की वजह से जिन देशों को वाकही आर्थिक और व्यापारीक सहयोग की ज़रूरत हैं, वह देश साथ मिल रहे हैं। आर्थिक और व्यापारीक संबंधों के ढ़ांचे में नए मॉडेल का उदय हो रहा हैं, ऐसा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने कहा।

पिछले कुछ सालों में रशिया ने चीन एवं अन्य देशों के सहयोग से अमरिकी वर्चस्व को चुनौती देने की कोशिश शुरू की  हैं। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर इसे अधिक ति प्राप्त हुई हैं और ‘ब्रिक्स’ एवं अन्य गुटों के माध्यम से विश्व के विभिन्न देशों से सहयोग बढ़ाना उसी का हिस्सा समझा जा रहा है। कुछ दिन पहले रशिया ने अफ्रीकी देशों के स्वतंत्र सम्मेलन का आयोजन करके इस महाद्वीप से सहयोग बढ़ाने के संकेत दिए थे।

साथ ही दूसरी ओर पश्चिमी देश यही चित्र दिखाने की कोशिश में है कि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रशिया अकेला हो रहा है। यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर रशिया के साथ कारोबार कर रहे देशों की संख्या कम होने के दावे अमरीका और यूरोपिय देश कर रहे हैं। रशिया को ईंधन व्यापार से प्राप्त हो रही आय एवं उसके अनाज़ की निर्यात भी कम होने की ओर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। लेकिन, ईस्टर्न इकॉनॉमिक फोरम के माध्यम से रशिया ने इन देशों को प्रत्युत्तर देने की बात दिख रही हैं।

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