यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों के खिलाफ संघर्ष रशिया के अस्तित्व की जंग – राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

मास्को – यूक्रेन समेत पश्चिमियों के खिलाफ संघर्ष रशिया के लिए अस्तित्व की लड़ाई है, ऐसा इशारा राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दिया है। रशिया के शत्रु पिछले कई सालों से रशिया को अस्थिर करके इसके टुकड़े करने के इरादा रखते हैं और इनका मुकाबला करने के लिए रशियन जनता का एकजुट रहना आवश्यक है, ऐसा आवाहन भी रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया। इसी बीच, अमरीका के शीर्ष पत्रकार सेमूर हर्श ने दावा किया है कि, यूक्रेन की हार के संकेत मिलने पर अमरीका सीधे रशिया विरोधी युद्ध में शामिल होगी।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने मंगलवार को एक रक्षा उत्पादक कारखाने का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने रशिया-यूक्रेन युद्ध पर अपनी भूमिका रखी। ‘रशिया के शत्रु पश्चिमी देश अपनी भू-राजनीतिक नीति सुधारने के लिए रशिया-यूक्रेन युद्ध का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन, रशिया के लिए स्थिति अलग है। रशिया भू-राजनीतिक उद्देश्य पाने के लिए संघर्ष नहीं कर रही है। यूक्रेन और यूक्रेन के साथ पश्चिमियों के खिलाफ यह संघर्ष रशिया के अस्तित्व की लड़ाई है’, ऐसा इशारा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दिया है।

रशिया ने पिछले कई दशकों से यूक्रेन से संबंध सुधारने की कोशिश की। लेकिन, साल 2014 में पश्चिमियों ने कवराए विद्रोह के बाद स्थिति बदल गई, ऐसा दावा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया। इस दौरान उन्होंने पश्चिमी देशों द्वारा रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों की भी आलोचना की। ‘प्रतिबंध लागने के दो-तीन हफ्तों में रशिया टूट जाएगी, ऐसा पश्मिची देशों ने अनुमान लगाया था। भागीदार देशों ने सहयोग बंद करने पर रशियन उद्योग बंद पड़ जाएंगे, ऐसी उन्होंने उम्मीद की थी। अर्थव्यवस्था टूट जाएगी, हज़ारों नागरिक बेरोज़गार होंगे, सड़कों पर उतरकर लोग प्रदर्शन करेंगे और रशियन हुकूमत को अंदरुनी झटके लगने से टूट जाएगी, ऐसा वे सोचते थे। यही उनका उद्देश्य था लेकिन, ऐसा नहीं हुआ बल्कि, रशियन अर्थव्यवस्था अधिक मज़बूत, स्वतंत्र और सार्वभौम बनी’, इस पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने ध्यान आकर्षित किया।

इसी बीच, अमरीका के पत्रकार सेमूर हर्श ने दावा किया है कि, रशिया विरोधी युद्ध में अमरीका उतर सकती है। वॉशिंग्टन में आयोजित एक समारोह में उन्होंने यूक्रेनी सेना की हार पर बोलते हुए यह बयान किया। यूक्रेनी सेना पिछड़ने के संकेत प्राप्त हुए तो अमरीका नाटो के आधार पर युद्ध में उतरेगी, ऐसा हर्श ने कहा है। अमरीका ने यूरोप भेजी फौज और हथियारों के भंड़ार पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

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