अमरीका और कनाड़ा के विध्वंसकों ने गश्त लगाने के बाद ताइवान की खाड़ी में चीन ने की बड़ी हरकत

बीजिंग/ताइपे – ताइवान की खाड़ी में चीन की सैन्य गतिविधिया अधिक तीव्र होने लगी हैं। कुछ घंटे पहले अमरिकी और कनाड़ा के विध्वंसकों ने ताइवान की खाड़ी में संयुक्त गश्त लगाई है। मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अमरीका और मित्र देश प्रतिबद्ध होने का संदेश देने के लिए इस गश्त का प्रयोजन होने का ऐलान अमरिकी नौसेना ने किया था। इसपर गुस्सा हुए चीन ने ताइवान के हवाई और समुद्री क्षेत्र में २६ विमान और १३ जहाज़ रवाना किए। चीन ने पिछले दो महीनों में पहली बार ताइवान की खाड़ी में इतनी बड़ी मात्रा में अपनी नौसेना और वायु सेना का प्रदर्शन किया है। 

ताइवान की खाड़ीचीन पर आर्थिक संकट मंड़रा रहा हैं। रियल इस्टेट क्षेत्र और युवाओं में बढ़ रही बेरोज़गारी के कारण चीन की अर्थव्यवस्था के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी हुई हैं। ऐसी स्थिति में ताइवान पर सैन्य कार्रवाई करने के लिए ज़रूरी क्षमता अब चीन के पास नहीं रहीं और चीन ऐसा करेगा भी नहीं, यह दावा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने किया। ‘जी २०’ बैठक के दौरान राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ अनौपचाहिक चर्चा की। इसके बाद बायडेन यह दावा करते दिखाई दिए। 

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किए इस दावे के कुछ घंटे बाद ही अमरीका और कनाड़ा के विध्वंसकों ने ताइवान की खाड़ी में गश्त लगाई है। अमरिकी नौसेना के सातवें ‘फ्लीट’ का अंग होने वाली मिसाइलों से लैस ‘यूएसएस राफ्ल जॉन्सन’ और कनाड़ा की नौसेना के ‘एचएमसीएस ओटावा’ इन दो विध्वंसकों ने इस समुद्री क्षेत्र से सफर किया। किसी भी देश के अधिकार क्षेत्र से बाहरी समुद्री इलाके में हमारे इन विश्वंसक ने गश्त लगाने का बया अमरिकी नौसेना ने किया है।

इससे पहले जून महीने में भी अमरिकी युद्धपोत ने ताइवान की खाड़ी के करीब से यात्रा की थी। लेकिन, तब चीन के विध्वंसक ने अमरिकी युद्धपोत के करीब से काफी खतरनाक ढ़ंग से सफर किया था। अब अमरीका और कनाड़ा ने संयुक्त गश्त लगाने के बाद चीन ने ताइवान की खाड़ी में सीधे २६ विमान और १३ जहाज़ रवाना करके ताइवान के साथ अमरीका को भी चेतावनी देने की बात दिख रही है।

ताइवान हमारा सार्वभौम क्षेत्र होने का दावा चीन कर रहा हैं। ताइवान के मामले में अमरीका या अन्य किसी का भी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसी चीन की भूमिका है। साथ ही सेना के दम पर ताइवान पर नियंत्रण पाने की धमकी भी चीन दे रहा हैं।

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