रशिया ने ब्रिटिश युद्धपोत को डुबोया होता तो भी तीसरा विश्‍वयुद्ध भड़का नहीं होता – राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन का दावा

russia-british-warship-tww-2मास्को – क्रिमिया के समुद्री सीमा से करीब यात्रा कर रही ब्रिटीश युद्धपोत रशिया ने डुबोई होती तो भी इस मुद्दे पर तीसरा विश्‍वयुद्ध भड़कने की संभावना नहीं थी, ऐसी फटकार रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने लगाई है। साथ ही ब्रिटिश युद्धपोत ने रशिया की सीमा से की हुई यात्रा सिर्फ उकसाने के लिए ही थी, ऐसा आरोप भी पुतिन ने लगाया।

बीते हफ्ते में ब्रिटेन की युद्धपोत ‘एचएमएस डिफेन्डर’ ने क्रिमिया के करीबी समुद्री सीमा में यात्रा की थी। उस समय रशियन गश्‍तीपोतों ने इस ब्रिटिश युद्धपोत का पीछा करके ‘वॉर्निंग शॉटस्‌’ भी दागे थे। रशिया के लड़ाकू विमानों ने ब्रिटिश युद्धपोत को रोकने के लिए समुद्र में बम भी गिराए थे, ऐसा दावा भी रशियन रक्षाबल ने किया था। लेकिन, ब्रिटेन ने इस घटना से संबंधित रशिया ने किए सभी दावे ठुकराए हैं।

russia-british-warship-tww-1इस मामले में अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने आक्रामक भूमिका अपनाई। ‘रशिया ने बम गिराकर ब्रिटेन की युद्धपोत को डुबोया होता तो भी इससे तीसरा विश्‍वयुद्ध भड़क नहीं जाता। जिन्होंने इस मामले को अंजाम दिया वे देश ऐसे युद्ध में कभी भी जीत नहीं सकते और इस बात की उन्हें पुख्ता जानकारी है, यही सबसे अहम बात होती है’, ऐसी फटकार पुतिन ने लगाई। पुतिन की यह फटकार नाटो और नाटो की ‘कलेक्टिव डिफेन्स’ नीति के लिए था, यह दावा रशियन माध्यमों ने किया है।

नाटो को फटकार लगाने के साथ ही पुतिन ने क्रिमिया की उकसानेवाली घटना के पीछे अमरीका का ही हाथ होने का आरोप लगाया। बुधवार के दिन ब्रिटिश युद्धपोत ने ‘क्रिमिया’ की सीमा में प्रवेश करने से पहले अमरीका के विमान ने क्रेटे में मौजूद अड्डे से ‘ब्लैक सी’ की दिशा में उड़ान भरी थी, यह दावा पुतिन ने किया। ब्रिटिश युद्धपोत की क्रिमिया की मुहिम को लेकर कुछ गोपनीय कागजात ब्रिटेन की एक बस में पाए जाने की बात सामने आयी थी। पुतिन ने अमरीका के समावेश को लेकर किया हुआ दावा और ब्रिटेन में खुफिया कागज़ात बरामद होने जैसी घटनाओं की वजह से क्रिमिया की सीमा में रशिया और ब्रिटेन की हुई कथित मुठभेड़ का रहस्य अधिक बढ़ा है।

russia-british-warship-tww-3इसी बीच क्रिमिया में हुई घटना के बाद नाटो और युक्रैन ने ब्लैक सी के समुद्री क्षेत्र में ‘सी ब्रीज़ २०२१’ नामक युद्धाभ्यास करना शुरू करने की बात सामने आयी हैं। इस युद्धपोत में नाटो के सदस्य देश एवं युक्रैन के पांच हज़ार सैनिक शामिल हुए हैं। यह युद्धाभ्यास शुरू होने के बाद रशिया ने क्रिमिया में प्रगत ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा का परीक्षण करने की खबरें प्राप्त हुई थी।

ब्रिटेन की युद्धपोत रशिया ने डुबोने के बावजूद युद्ध भड़का नही होता, यह रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किया दावा यानी मानसिक दबाव नीति का हिस्सा होने की बात दिख रही हैं। असल में अमरीका, ब्रिटेन और नाटो के अन्य सदस्य देशों के साथ रशिया के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ हैं और इससे संघर्ष भड़क सकता हैं, ऐसी चिंता ज़िम्मेदार विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं।  रशिया के साथ र्इंधन सहयोग करने के लिए पहल कर रहीं जर्मनी में भी रशिया की आक्रामक नीति का असर दिखाई देने लगा हैं। हमारे देश द्वारा युद्ध भड़के ना, इसके लिए सभी देश सावधानी से कार्रवाई कर रही हैं। रशिया ने भी ब्रिटेन की युद्धपोत को सीधे लक्ष्य किए बगैर इसके इर्द-गिर्द बम गिराए थे, यह बात ध्यान आकर्षित करता हैं। लेकिन, ब्रिटेन के खिलाफ की गई यह कार्रवाई यानी अपनी लष्करी हरकत थी, यह बात दिखाकर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन नाटो के खिलाफ मानसिक युद्धनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसा दिखाई दे रहा हैं।

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