पश्चिमियों के प्रतिबंधों के कारण रशिया के अनाज़ निर्यात पर असर – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

मास्को – यूक्रेन पर हमले करके रशिया पूरे विश्व में भुखमरी का गंभीर संकट निर्माण कर रही है, ऐसा आरोप अमरीका और यूरोपिय देशों ने लगाया था। लेकिन, पश्चिमी देशों ने ही रशिया पर यूक्रेन का युद्ध और बाद में प्रतिबंध थोंपे हैं, ऐसा आरोप रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने लगाया है। पश्चिमी देशों ने यह प्रतिबंध हटाए तो रशिया खाद और अनाज़ का निर्यात कर सकेगी, यह बयान रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने कहा। अनाज़ के वैश्विक संकट का हल निकालने का ज़िम्मा यूक्रेन और पश्चिमी देशों पर होने की याद रशियन विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने दिलायी।

रशिया और यूक्रेन का युद्ध शुरू होकर १०० दिन पूरे हुए हैं। रशिया यूक्रेन पर अपनी पकड़ मज़बूत कर रही है, यह दावा हो रहा है। रशियन सेना यूक्रेन के अनाज़ भंड़ार की ओर आगे बढ़ रही है, ऐसी खबरें भी प्राप्त हो रही हैं। यूक्रेन के इन अनाज़ के भंड़ारों पर कब्ज़ा करके रशिया यूक्रेन के साथ अफ्रीकी एवं कुछ एशियाई देशों को घेर रही है, यह आरोप पश्चिमी देशों द्वारा लगाया जा रहा है। इस वजह से निर्माण होनेवाले अनाज़ के वैश्विक संकट के लिए रशिया ज़िम्मेदार होने की आलोचना की जा रहा हुई है।

ऐसी स्थिति में, सोमवार को रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन में फोन पर बातचीत हुई। इस दौरान रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने प्रतिबंधों का मुद्दा उठाया। रशिया ने नियंत्रण पाए यूक्रेन के पूर्वीय तट के बंदरगाह से अनाज़ का निर्यात शुरू हो सकता है। इससे इस पर निर्भर देशों की दिक्कत दूर हो सकती है, इस पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, इसके लिए पश्चिमी देशों को रशिया पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने होंगे, यह प्रस्ताव रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने रखा।

पश्चिमियों की नीति के कारण विस्वभर में अनाज़ और धान की किल्लत सता रही है, ऐसा आरोप रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने इस दौरान लगाया। पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंध हटाए तो रशिया खाद का निर्यात शुरू करेगी, ऐसा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने स्पष्ट किया। इसी दौरान खाड़ी देशों की यात्रा कर रहे रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने भी विश्वभर में उभरे अनाज़ के संकट के लिए यूक्रेन और पश्चिमी देश ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया। यूक्रेन और पश्चिमी देश चाहें तो विश्व से अनाज़ का संकट दूर हो सकता है, इन शब्दों में लैव्हरोव्ह ने अमरीका और यूरोपिय देशों को लक्ष्य किया।

इसी बीच, वैश्विक स्तर पर हो रहा गेहूं के कुल निर्यात में रशिया और यूक्रेन २९ प्रतिशत गेहूं ‘ब्लैक सी’ के मार्ग से निर्यात करते हैं। साथ ही यूक्रेन बड़ी मात्रा में मकई का भी निर्यात करता है। यूक्रेन के बंदरगाहों में फिलहाल २.२० करोड़ टन अनाज़ मौजूद होने का दावा किया जा रहा है।

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