पश्‍चिमी देशों ने रशिया के हितसंबंधों पर ध्यान देना होगा – अमरीका के वरिष्ठ कुटनीतिक हेन्री किसिंजर

लंदन – रशिया को यूरोप में चीन का प्रभाव केंद्र बनाना नहीं हैं तो पश्‍चिमी देशों को रशिया के हितसंबंधों पर ध्यान देना होगा, ऐसी सलाह अमरीका के वरिष्ठ कुटनीतिक हेन्री किसिंजर ने दी। ब्रिटेन के ‘टाईम्स नामक अखबार को दिए साक्षात्कार के दौरान उन्होंने नाटो ने रशिया के विरोध में यूक्रेन को सहायता प्रदान करने की सराहना की। लेकिन, साथ ही रशिया-यूक्रेन युद्ध खत्म कैसें करना हैं, यह बड़ा सवाल होने की चेतावनी भी उन्होंने दी। इससे पहले डावोस की ‘वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम की बैठक में किसिंजर ने यह कहकर सनसनी निर्माण की थी कि, शांति समझौते के लिए कोशिश करनी हैं तो यूक्रेन ने अपनी थोड़ी ज़मीन रशिया को देनी होगी।

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही अधिकांश पश्‍चिमी नेता और कुटनीतिक रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने शुरू किए यूक्रेन युद्ध की तीखें शब्दों में आलोचना कर रहे हैं। यूक्रेन पर हमला करनेवाले पुतिन को सबक सिखानी होगी और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन की हरतरह से सहायता करें, ऐसा स्वर पश्‍चिमी देशों ने लगाया हैं। इस पृष्ठभूमि पर वरिष्ठ कुटनीतिक किसिंजर ने रशिया पर अपनाई सौम्य भूमिका ध्यान आकर्षित करती है।

‘टाईम्स को दिए साक्षात्कार में किसिंजर ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ऐसी आलोचना की है कि, व्लादिमीर पुतिन ने भूल की हैं। यूक्रेन के मुद्दे पर पुतिन ने अपना संतुलन खो दिया हैं, ऐसा दावा भी अमरिकी कुटनीतिक ने किया। लेकिन, इसके बावजूद पश्‍चिमी देश रशिया को अनदेखा ना करें, ऐसी सलाह किसिंजर ने दी।

अमरीका एवं यूरोप के खाड़ी और आखाती देशों के संबंधों में फिलहाल तनाव होने पर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। ऐसें समय में चीन को अपना प्रभाव अधिक बढ़ाने का अवसर देना अमरीका के हित में नहीं होगा, यह दावा किसिंजर ने किया हैं। वैश्‍विक वर्चस्व चीनी कल्पना नहीं हैं, लेकिन, वह सामर्थ्यवान होना पश्‍चिमी देशों के हित में नहीं होगा, यह इशारा भी किसिंजर ने दिया।

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