चीन की धमकियों की परवाह किए बिना अमरिकी सिनेट की सभापति पेलोसी तैवान पहुँचीं

ताइपे – अमरिकी सिनेट की सभापति नैन्सी पेलोसी ताइवान गई तो चीन शांत नहीं बैठेगा’, ऐसी धमकी चीन के विदेश मंत्रालय ने दी थी। तो, चीन के सरकारी मुखपत्र ने इस मसले पर ताइवान समेत अमरीका से युद्ध  शुरू करने की धमकी दी थी। पेलोसी का विमान गिराने का इशारा भी चीनी मुखपत्र ने दिया था। चीन की इन धमकियों की परवाह किए बिना नैन्सी पेलोसी मंगलवार रात ताइवान पहुँचीं। इस वजह से क्रोधित हुए चीन ने ताइवान की खाड़ी बंद करने का ऐलान करके ताइवान के करीबी क्षेत्र में छह ठिकानों पर युद्धाभ्यास का आयोजन किया है। इसी बीच चीन की गतिविधियाँ एक दिखावा हैं और इस बार अमरीका ने पेलोसी की ताइवान यात्रा से चीन को सीधी चुनौती दी है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

सिंगापुर और मलेशिया का दौरा करके वहां से नैन्सी पेलोसी ताइवान की राजधानी ताइपे की ओर रवाना हुईं। उनके विमान को ताइवान की वायु सेना के छह ‘एफ१६’ विमानों ने सुरक्षा मुहैया की थी। इसके अलावा कुल २५ साल बाद अमरीका के ज्येष्ठ नेताओं में से कोई ताइवान का दौरा कर रहा है, इस वजह से ताइवान की जनता इसका उल्लास मना रही हैं। साथ ही चीन के खतरे के मद्देनज़र ताइवान ने पूरी सैन्य तैयार करने की खबरें अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने दिखाई थी। ताइवान की हवाई सुरक्षा  यंत्रणा, लड़ाकू विमान और टैंक भी चीन के हमले का जवाब देने की तैयारी में होने की बात इससे स्पष्ट हुई।

पेलोसी ताइपे जाएंगी, यह स्पष्ट होने के बाद चीन ने अपने लड़ाकू विमान ताइवान की हवाई सीमा के करीब रवाना किए थे। साथ ही ताइवान के क्षेत्र के करीब लगभग छह ठिकानों पर युद्धाभ्यास का आयोजन करके चीन अपना बेचैनी जता रहा है। इसके अलावा वियतनाम में आयोजित ईस्ट एशिया समिट में चीन के विदेशमंत्री अमरीका के विदेशमंत्री से मुलाकात नहीं करेंगे, ऐसा कहकर चीन ने राजनीतिक स्तर पर भी अमरीका को जवाब देने की कोशिश की है। अमरीका के नेता ने ताइवान का ऐसे दौरा करना यानी ‘वन चायना पॉलिसी’ का उल्लंघन है। चीन इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसा चीन के विदेशमंत्री ने कहा है। इससे अमरीका को काफी बड़ा नुकसान होगा, ऐसी धमकी चीन के विदेशमंत्री वैंग ई ने दी है।

चीन की सेना पेलोसी की इस ताइवान यात्रा पर आक्रामक प्रत्युत्तर देगी, ऐसा चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने कहा है। ऐसे में चीन के सोशल मीडिया पर चीनी और ताइवान के लड़ाकू विमानों में टकराव होने के दावे किए गए थे। लेकिन, ताइवान ने यह वृत्त बेबुनियाद होने की बात कही है। चीन कितनी भी आग उगले, वह अमरीका को सैन्य जवाब देने की भूल नहीं करेगा, ऐसा विश्लेषक कह रहे हैं। आनेवाले दिनों में चीन अमरीका और ताइवान के खिलाफ आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर प्रतिबंधों जैसी कार्रवाई कर सकता है। लेकिन, ताइवान पर हमला करने की और इसके ज़रिये अमरीका को सैन्य चुनौती देने का निर्णय चीन नहीं करेगा, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। लेकिन, चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के कार्यकाल का तीसरा सत्र करीब है और तभी ताइवान के मसले पर आक्रामक और सख्त निर्णय करना उनके राजनीतिक भविष्य के लिए काफी आवश्यक बात है, इस पर भी कुछ विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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