ताइवान और चीन के बीच नया तनाव – ताइवान में चीनी सेमीकंडक्टर कंपनियों पर छापे

ताइपे – चीन की सेना ने ताइवान पर हमला करने की तैयारी करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। लेकिन, उसके पहले सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में चीन और ताइवान के बीच संघर्ष शुरू होता हुआ दिख रहा है। ताइवान की यंत्रणाओं ने चीन की १० कंपनियों पर छापे मारके ७० से अधिक लोगों की कड़ी पूछताछ शुरू की है। चीनी सेमीकंडक्टर कंपनियाँ ताइवान के इंजिनियर्स, कुशल मनुष्यबल अपनी ओर खींचने की अवैध कोशिश कर रही हैं, ऐसा आरोप ताइवान ने लगाया है। पिछले तीन महीनों में ताइवान ने चीनी कंपनियों पर की हुई यह दूसरी कार्रवाई है।

‘इंटिग्रेटेड सर्किटस्‌’ या ‘मायक्रोचिप’ नामक सेमीकंडक्टर्स को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के ‘ब्रेन’ के तौर पर जाना जाता है। स्मार्टफोन से अंतरिक्ष में स्थापित हो रहे उपग्रहों तक सभी क्षेत्रों में सेमीकंडक्टर्स का विभिन्न तरह से इस्तेमाल होता है। कम लागत से सेमीकंडक्टर्स का उत्पादन कर रही ताइवान की कंपनियों की पूरे विश्व में बड़ी माँग है।

कोरोना के दौरान ‘सप्लाई चेन क्राइसिस’ यानी वैश्विक सप्लाई चेन में बाधा निर्माण हुई। चीन से भरोसा उठने से अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपना निवेश हटाना शुरू किया। तब अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के विरोध में व्यापार युद्ध के तहत ताइवान की सहायता से सेमीकंडक्टर्स के निर्माण के लिए आवश्यक सामान का चीन को हो रहा सप्लाइ रोक रखा था। इसके बाद अब तक ताइवान से चीन को यह सप्लाइ सामान्य नहीं हुआ है।

अमरीका और चीन के इस भू-राजनीतिक तनाव की वजह से चीन की सेमीकंडक्टर उत्पादक कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। इससे बेचैन हुए चीन ने ताइवान के सेमीकंडक्टर क्षेत्र के इंजिनियर्स एवं कुशल मनुष्यबल अपनी ओर खींचना शुरू किया, यह आरोप ताइवान के कामगार मंत्रालय ने लगाया है। ताइवान में स्थापित चीनी सेमीकंडक्टर कंपनीयाँ अपराधों में शामिल होने का आरोप राष्ट्राध्यक्षा त्साई ईंग वेन की सरकार ने लगाया है।

इस पृष्ठभूमि पर पिछले चौबीस घंटों में ताइवान की यंत्रणाओं ने राजधानी ताइपे के अलावा शिंचू, तायुआन शहर में चीनी कंपनियों पर छापे मारे। सेमीकंडक्टर इंजीनियर्स और संबंधित कामगारों को अवैध पद्धति से चीन पहुँचाने के आरोप के तहत चीनी कंपनियों के ७० से अधिक लोगों की पूछताछ हुई। ‘सिंगापुर पोस्ट’ नामक अखबार ने यह जानकारी प्रसिद्ध की। इस वजह से चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ने की बात इस अखबार ने कही है।

पिछले तीन महीनों में ताइवान की त्साई सरकार ने चीनी कंपनियों पर यह दूसरी कार्रवाई की है। इससे पहले मार्च में अंतरराष्ट्रीय स्तर की नामांकित ‘ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी – टीएसएमसी’ ने की हुई पुछताछ के दौरान आठ चीनी कंपनियाँ स्थानीय इंजिनियर्स को लालच दिखाकर अपनी ओर खींचने की बात स्पष्ट हुई। ताइवानी इंजिनियर्स और कामगारों को ढ़ाई गुना वेतन देने का लालच दिखाकर चीन ताइवान की बुद्धि की चोरी कर रहा है, ऐसी आलोचना हुई थी। ताइवान के कानून के अनुसार यह अपराध साबित होता है। लेकिन, चीन ने ताइवान के यह आरोप ठुकराए थे।

अमरिकी खोजकर्ता एवं वैज्ञानिकों ने हमें काम करने के लिए मज़बूर करके चीन अब अमरिकी बुद्धिसंपदा की चोरी कर रहा है, यह आरोप अमरीका ने भी लगाया था।

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