सेंकाकू की सुरक्षा के लिए जापान सख्त भूमिका अपनाएगा – जापान की चीन को चेतावनी

टोकियो/बीजिंग – सेंकाकू द्वीप समूह पर दावा जता रहें और इस क्षेत्र में विध्वंसक भेजकर तनाव बढ़ा रहें चीन को जापान ने स्पष्ट चेतावनी दी है। ‘सेंकाकू द्वीप समूह ऐतिहासिक नज़रिये से जापान का अभिन्न अंग है। अंतरराष्ट्रीय नियम भी जापान की दावेदारी का समर्थन करते हैं। इसके बावजूद जापान अपने जमीनी क्षेत्र, समुद्री या हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए शांती से लेकिन सख्त भूमिका अपना सकता है’, एसी चेतावनी जापान ने दी। सेंकाकू की सीमा से करीबी इलाके में चीन के विध्वंसक ने गश्‍त लगाने के बाद जापान का यह बयान सामने आया है।

जापान के रक्षा मंत्रालय ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह चीन के विध्वंसक ने सेंकाकू के समुद्री क्षेत्र से करीबी इलाके में सफर किया। चीनी विध्वंसक ने कम से कम छह मिनिट इस क्षेत्र में गश्‍त लगाई। इसके बाद जापान ने अपने गश्‍ती पोत रवाना करके चीन के विध्वंसक को इस समुद्री क्षेत्र से पीछे हटने के लिए मज़बूर किया। जापान की सरकार ने इस घटना का गंभीर संज्ञान लेकर चीन को फटकार लगायी। साथ ही इसके आगे ऐसी घटना ना दोहराए, इसका ध्यान चीन रखें, यह भी जापान ने सुनाया।

इसी बीच जापान की सरकार के प्रवक्ता सेईजी किहारा ने ऐतिहासिक नज़रिये से और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार भी सेंकाकू पर जापान का अधिकार होने की याद चीन को दिलायी। जापान की समुद्री सीमा के करीब चीन जारी इन हरकतों को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा, यह चेतावनी भी किहारा ने दी। साथ ही जापान की सीमा के करीब फिर से ऐसी घटना हुई तो जापान शांती के साथ लेकिन, बड़ी सख्ती से इस हरकत पर जवाब देगा, ऐसा किहारा ने कहा। इसके बाद चीन ने जापान को धमकाया।

दियोऊ पर गैरज़िम्मेदाराना बयान कर रहें जापान किसी भी तरह का अधिकार नहीं रखता, ऐसा चीन ने कहा है। जापान के लिए सेंकाकू द्वीप समूह चीन के क्षेत्र का हिस्सा है और इस क्षेत्र में चीनी जहाज़ों की गतिविधियाँ पूरी तरह से जायज़ होने का दावा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने किया। पिछले महीनें में भी चीन के विध्वंसक ने सेंकाकू की सीमा में ६० घंटे से अधिक समय तक गश्‍त लगायी थी।

इसी बीच, अमरीका का ध्यान यूक्रेन युद्ध पर केंद्रित हुआ हैं और इस वजह से आत्मविश्‍वास बढ़ने पर चीन ने अपने पड़ोसी देशों के विरोध में आक्रामक गतिविधियाँ बढ़ाई हैं। जापान की तरह ताइवान को लेकर भी चीन ने ऐसी ही आक्रामक नीति अपनाई है।

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