ताइवान के करीब से युद्धपोत रवाना कर रहे अमरीका और कनाड़ा को चीन की धमकी

china-threaten-us-canada-2बीजिंग – अमरीका और कनाड़ा के युद्धपोतों ने ताइवान के समुद्री क्षेत्र से यात्रा करने पर चीन ने गुस्सा व्यक्त किया है। अमरीका और कनाड़ा के युद्धपोतों की गश्‍त इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता की क्षति करती है, यह आरोप चीन के विदेश मंत्रालय ने लगाया। इस पर मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए अमरीका और कनाड़ा अपने मित्रदेशों के साथ हैं, यह संदेश देने के लिए ही इस गश्‍त का प्रावधान था, ऐसा अमरीका ने कहा है।

china-threaten-us-canada-3चीन और ताइवान का विभाजन वाला १८० किलोमीटर चौड़ाई का यह समुद्री क्षेत्र सुरक्षा के नज़रिये से विश्‍व का सबसे अधिक संवेदनशील पट्टा माना जाता है। इस समुद्री क्षेत्र में चीन और ताइवान के गश्‍तपोतों की बड़ी संख्या में तैनाती है। बीते कुछ हफ्तों में तनाव बढ़ने पर चीन और ताइवान ने इस समुद्री क्षेत्र में गश्‍त अधिक बढ़ाई है। ऐसी स्थिति में १५ अक्तुबर के दिन अमरीका के बुर्के वर्ग की ‘यूएसएस डेवे’ युद्धपोत और कनाड़ा के ‘एचएमसीएस विनीपेग’ विध्वंसक ने ताइवान के समुद्री क्षेत्र से यात्रा की।

अमरीका की सेना ने निवेदन जारी करके इन युद्धपोतों की गश्‍त का समर्थन किया। लेकिन, अमरीका और कनाड़ा के युद्धपोतों ने ताइवान के समुद्री क्षेत्र से यात्रा करने की वजह से चीन की बेचैनी बढ़ी है। चीन की सेना ने अमरीका और कनाड़ा के युद्धपोतों ने की गश्‍त इस क्षेत्र में तनाव बढ़ाकर शांति और स्थिरता के लिए खतरा साबित होने का बयान किया है। साथ ही ताइवान को चीन का क्षेत्र होने का दावा करके देश की सुरक्षा को चुनौती देनेवालों के खिलाफ चीन की सेना हमेशा तैयार रहती है, ऐसी धमकी चीन की सेना ने दी।

china-threaten-us-canada-1चीन बीते कुछ दिनों से लगातार ताइवान को धमका रहा है। बीते हफ्ते चीन के डेढ़ सौ से अधिक लड़ाकू विमानों ने मात्र तीन दिनों में घुसपैठ की थी। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने सार्वजनिक स्तर पर ताइवान के विलयन का बयान करके यह इशारा दिया था कि, यह विलयन समझौते से हुआ तो हित में होगा। इस पर ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई र्इंग-वेन ने चीन के लष्करी सामर्थ्य के खिलाफ खड़े होने का ऐलान किया था और इसके बाद चीन के माध्यमों ने ताइवान को ‘डूम्सडे’ यानी संपूर्ण विनाश की धमकी दी थी। साथ ही ताइवान विरोधी मुहिम के लिए चीन की सेना ‘हाय अलर्ट’ पर होने का ऐलान भी किया था।

इसी बीच, चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम स्तर पर जा पहुँचा है और अगले दिनों में चीन ताइवान पर हमला कर सकता है, यह दावा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक कर रहे हैं। ऐसे में विश्‍लेषक यह इशारें भी दे रहे हैं कि, ताइवान के मुद्दे पर अमरीका और चीन का संघर्ष भड़क सकता है। इससे चीन द्वारा अमरीका और कनाड़ा को दिए जा रहे इशारों

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