संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव का इशारा – मानवता परमाणु विनाश से एक कदम दूरी पर है

संयुक्त राष्ट्र – यूक्रेन का युद्ध और एशिया एवं खाड़ी में उभरते परमाणु खतरों की पृष्ठभूमि पर एक भूल मानवता को परमाणु संहार की ओर पहुंचा सकती है, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने दी। सोमवार से न्यूयॉर्क में ‘न्यूक्लियर नॉनप्रोलिफरेशन ट्रीटि’ के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय बैठक शुरू हुई है। इस बैठक की शुरूआत करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने परमाणु विनाश पर चेतावनी देकर परमाणु हथियारों के बढ़ते खतरों का अहसास कराया। पिछले साल स्वीडिश अध्ययन मंड़ल ‘सिप्री’ ने जारी की हुई रपट में विश्व के नौं परमाणु देशों ने तैनात किए एटमी हथियारों की संख्या बढ़ने की जानकारी सामने लायी थी। इस पृष्ठभूमि पर हुई यह बैठक और महासचिव का इशारा ध्यान आकर्षित करता है।

धरती पर परमाणु हथियारों की संख्या कम करने के लिए परमाणु हथियार प्रसार बंदी समझौते का प्रावधान किया गया था। लेकिन, इस समझौते पर विश्व के सभी देशों ने अब तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

हस्ताक्षर ना करनेवाले देशों ने इसमें कई बदलाव सूचित किए हैं। इन बदलावों के लिए सात साल पहले एक व्यापक बैठक का आयोजन किया गया था। लेकिन, इसमें भी समझौते पर सहमति नहीं हो पाई थी। इस पृष्ठभूमि पर सोमवार से संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल से नई परिषद का आयोजन किया गया है। यह परिषद एक महीना चलेगी और परमाणु हथियारों के प्रसारबंदी संबंधित कानून के विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की।

सोमवार को संयुक्त राष्ट्रसंगठन के महासचिव एंटोनिओ गुतेरस  के भाषण से इस परिषद की शुरूआत हुई। इस दौरान उन्होंने विश्व में बढ़ रहें परमाणु खतरों का अहसास कराया। ‘शीतयुद्ध के बाद पहली बार परमाणु हथियारों का खतरा काफी मात्रा में बढ़ता दिख रहा है। भू-राजनीतिक उद्देशों से विकसित किए जा रहें परमाणु हथियार नई नई उंचाई प्राप्त कर रहे हैं। मौजूदा समय पर विश्व में लगभग १३ हज़ार परमाणु हथियार हैं। विश्व के विभिन्न देश परमाणु हथियारों के लिए अरबों डॉलर्स खर्च रहे हैं। लेकिन, इससे प्राप्त होनेवाली सुरक्षा की गारंटी फंसानेवाली है। परमाणु हथियारों के प्रसार का खतरा बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए आवश्यक घटक कमज़ोर हो रहे हैं’, ऐसी चेतावनी गुतेरस ने दी। इसी बीच खाड़ी, कोरियन क्षेत्र और यूक्रेन संघर्ष में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होने का संकट भी मंड़रा रहा है, इस पर महासचिव ने ध्यान आकर्षित किया।

इस साल की शुरुआत में ही सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों ने परमाणु युद्ध रोकना और परमाणु हथियारों का प्रसार रोकने के मुद्दे पर संयुक्त निवेदन जारी किया था। ‘परमाणु हथियारों का खतरा काफी लंबे परिणाम कर सकता है। इस वजह से इसका इस्तेमाल बचाव के उद्देश्य पूर्ण करने के लिए ही करना होगा। यह समस्या अधिक बिगड़ने से रोकना और युद्ध से बचना ही इसका उद्देश्य होना चाहिये। परमाणु हथियारों की संख्या में बढ़ोतरी रोकनी होगी’, ऐसा इस निवेदन में कहा गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.