ताइवान की सीमा में लड़ाकू विमानों की घुसपैंठ बढ़ानेवाले चीन को अमरीका और ऑस्ट्रेलिया की चेतावनी

तैपेई/कॅनबेरा/बीजिंग – चीन द्वारा ताइवान की हवाई सीमा में जारी घुसपैंठ की, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने आलोचना की है। अमरीका की प्रवक्ता जेन साकी ने, चीन की लष्करी हरकतों को ऊकसाऊ बताकर, अमरीका ताइवान के साथ डटकर खड़ी है, यह स्पष्ट किया। ऑस्ट्रेलिया के विदेश विभाग ने भी चीन की घुसपैंठ पर ऐतराज़ जताया होकर, ताकत का इस्तेमाल करके इंडो-पैसिफिक की स्थिरता ना बिगाड़े, ऐसा चीन को जताया है। चीन की घुसपैंठ पर ताइवान के राष्ट्राध्यक्ष की तीखी प्रतिक्रिया आई होकर, अगर चीन ने आक्रमण की कोशिश की, तो क्षेत्रीय शांति खतरे में पड़ेगी, ऐसी चेतावनी उन्होंने दी।

us-aus-warns-chinaपिछले चार दिनों में चीन के लगभग डेढ़ सौ विमानों ने ताइवान के ‘एअर डिफेन्स आयडेंटिफिकेशन झोन’ (एडीआयझेड) में घुसपैंठ करने की बात सामने आई है। सोमवार को चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ के लगभग ५६ विमानों ने ताइवान के ‘एडीआयझेड’ में घुसपैंठ की। यह अब तक की सबसे बड़ी घुसपैंठ साबित हुई है। इस साल में चीन द्वारा जारी घुसपैंठ की मात्रा में ५० प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी होने की जानकारी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दी।

चीन ने मार्च २०१९ से ताइवान के ‘एडीआयझेड’ में घुसपैंठ करने की शुरुआत की थी। पिछले साल चिनी विमानों ने ३८० बार घुसपैंठ की थी। लेकिन इस साल अक्तूबर महीने में ही घुसपैंठ करने वाली चीनी विमानों की संख्या ६०० के पार हुई है। पिछले चार दिनों में चीन ने १४९ विमानों की घुसपैंठ की, ऐसा ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया। चिनी विमानों की यह घुसपैंठ ‘ग्रे झोन वॉरफेअर’ का भाग होकर, ताइवान की रक्षा क्षमता और मनोधैर्य खत्म करने का उद्देश्य इसके पीछे है। पिछले कुछ दिनों में चिनी विमानों की गतिविधियाँ, ताइवान के विरोध में आक्रमण की क्षमता दिखा देनेवालीं होने का दावा भी विश्लेषकों ने किया है।

चीन की इन हरकतों पर ताइवान समेत अन्तर्राष्ट्रीय स्तर से तीव्र प्रतिक्रिया आई है। ‘तैवान के नज़दीक जारी चीन की लष्करी गतिविधियाँ उकसानेवालीं होकर, उस पर अमरीका तीव्र चिंता ज़ाहिर कर रही है। चीन की हरकतें ख़तरा बढ़ानेवालीं होकर, शांति और स्थिरता कमज़ोर करनेवाली साबित हुई हैं। चीन ताइवान पर लष्करी, राजनीतिक तथा आर्थिक स्तर पर दबाव लाने की कोशिशें फौरन रोकें’, ऐसा व्हाईट हाउस के प्रवक्ता जेन साकी ने चेताया। इस समय उन्होंने, अमरीका ताइवान को रक्षा सहायता प्रदान करने की नीति भी कायम रखेगी, यह भी स्पष्ट किया। अमरीका के साथ ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन की घुसपैंठ पर नाराज़गी ज़ाहिर की है।

‘चीन की बढ़ती घुसपैंठ चिंताजनक है। ताइवान के मुद्दे पर हल निकालने के लिए चीन ताकत का, दबाव का अथवा धमकाने का मार्ग ना अपनाएँ’, ऐसी चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के विदेश विभाग ने दी है। उसी समय, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र सुरक्षित रहना ज़रूरी होकर, अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन होना चाहिए, ऐसी फटकार भी लगाई। ऑस्ट्रेलिया का विदेश विभाग चीन को यह जता रहा है कि तभी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी अ‍ॅबॉट ताइवान दौरे पर दाखिल हुए हैं।

तैवान की राष्ट्राध्यक्ष त्साई इंग-वेन तथा प्रधानमंत्री सु त्सेंग-चँग ने भी चीन की घुसपैंठ पर आक्रामक प्रतिक्रिया दर्ज़ की। ताइवान लष्करी संघर्ष नहीं चाहता, लेकिन अगर लोकतंत्र और जीवनशैली को खतरा उत्पन्न हुआ, तो सुरक्षा के लिए ताइवान चरम सीमा के कदम उठा सकता है, ऐसी चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष त्साई इंग-वेन ने दी है। उसी समय, अगर चीन के आक्रमण के सामने ताइवान पराजित हुआ, तो उसके भयानक परिणाम एशिया की शांति पर दिखाई देंगे, ऐसा भी इंग-वेन ने चेताया। प्रधानमंत्री सु त्सेंग-चँग ने, चीन की बढ़ती घुसपैंठ को मर्यादा लाँघने की कोशिश बताई है।

इसी बीच, चीन की चेतावनियों को नजरअंदाज करके फ्रान्स का प्रतिनिधिमंडल ताइवान का दौरा करनेवाला है, ऐसी खबर सामने आई है। आनेवाले शुक्रवार को फ्रान्स के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल ताइवान की संसद की भेंट करेगा, ऐसी जानकारी ताइवान सरकार द्वारा दी गई। फ्रेंच सदस्य ताइवान की भेंट ना करें, ऐसी चेतावनी फ्रान्स में नियुक्त चिनी राजदूत ने दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.