ताइवान पर हमला करने की योजना की पोल खोलने वाला ऑडियो लीक

वॉशिंग्टन – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने ताइवान पर हमला करने की योजना तैयार की है। पहले चरण में चीन की सेना के लगभग डेढ़ लाख सैनिक और ९५३ जहाज़ ताइवान पर हमला करेंगे। दूसरे चरण में दो लाख सैनिक ताइवान को जीतने के लिए भेजे जाएँगे, ऐसी सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चायना और चीन की सेना की हुई बैठक में ताइवान पर हमले की चर्चा हुई। इस बैठक का ऑडियो सोशल मीडिया पर लीक हुआ है। जिनपिंग की हुकूमत पर नाराज़ कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य एवं सेना के कुछ अफसरों ने जानबूझकर इस ऑडियो क्लिप को लीक किया, ऐसी आशंका जतायी जा रही है।

चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी और पिपल्स लिबरेशन आर्मी पर प्रभाव वाले ‘ग्वांगदाँग मिलिटरी रीजन’ के वरिष्ठ अफसरों की १४ मई को बैठक हुई। चीनी सोशल मीडिया पर इस बैठक का लगभग एक घंटे का ऑडियो प्रसिद्ध किया गया। इसी बीच चीन से भागकर अमरीका में पनाह लेनेवाली जेनिफर झेंग ने सोशल मीडिया पर यह क्लिप शेअर करके सनसनी निर्माण की है। इसकी जानकारी सच होने का दावा सैन्य विश्‍लेषक कर रहे हैं।

दस दिन पहले कम्युनिस्ट पार्टी और सेना की ‘ग्वांगदाँग डीवाय-२०२२’ नामक बैठक हुई। डीवाय यानी डाँग युआन यानी ग्वांगदाँग स्थित सैन्य गतिविधि। राजधानी बीजिंग की तरह बड़े अहम ‘पर्ल रिवर डेल्टा’ क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर इस दौरान चर्चा हुई।

पर्ल रिवर डेल्टा क्षेत्र ग्वांगदाँग प्रांत का हिस्सा है। बड़ी जनसंख्या का यह क्षेत्र चीनी उद्योग क्षेत्र का केंद्र समझा जाता है। चीन को विश्‍व की कार्यशाला बनाने के पीछे इसी क्षेत्र का बड़ा हिस्सा होने का दावा किया जाता है। साथ ही चीन के व्यापार केंद्र ग्वांगझाऊ और हुवेई, टेंसेट जैसी प्रमुख कंपनियों का मुख्यालय वाले शंझेन जैसे हाय-टेक शहर इसी क्षेत्र का हिस्सा हैं। हाँगकाँग, मकाऊ, डॉन्गून, झाँगशैन, फोशैन जैसे अहम शहर भी इसी पर्ल रिवर डेल्टा का अंग हैं।

कुल मिलाकर चीन के आर्थिक और व्यापार की नाड़ी गाँगदाँग प्रांत से जुड़ी है। इस प्रांत की सुरक्षा तय करने के लिए बड़ी मात्रा में सैन्य गतिविधियाँ करने की बात कम्युनिस्ट पार्टी और सेना की बैठक में तय हुई। मौजूदा अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों के मद्देनज़र ताइवान पर हमला करने के लिए यही उचित समय है, इस पर इस बैठक में सहमति हुई। लेकिन, ताइवान पर हमला करने से पहले चीन ने आवश्‍यक सभी तैयारी करनी होगी, इस पर भी इस बैठक में सहमति हुई।

चीन ने ताइवान पर दो चरणों में हमला करने की योजना तैयार की है। पहले चरण में १.४० लाख सैनिक, ९५३ जहाज़, १६५३ मानव रहित वाहनों का समावेश होगा, ऐसा इस लीक ऑडियो से सामने आया है। दूसरे चरण में दो लाख सैनिक ताइवान में घुसपैठ करके कब्ज़ा करने की जानकारी सामने आ रही है। इस बैठक में ग्वांगदाँग के सैन्य इलाके के कमांडर मेजर जनरल झाऊ एवं इस क्षेत्र के कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी वैंग शोसिन मौजूद थे।

पिछले सात दशकों के इतिहास में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत और सैन्य अधिकारियों की बैठक के दाखिले इस तरह से सार्वजनिक नहीं हुए थे। पहली बार एक घंटे की बैठक का पूरा ऑडियो लीक होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्‍लेषक आश्‍चर्य व्यक्त कर रहे हैं। इस बैठक का हिस्सा रहे कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और सैन्य अधिकारियों ने ही यह वीडियो लीक किया होगा, ऐसी संभावना विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। इसके पीछे राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के विरोध में असंतोष की भावना हो सकती है, यह दावा कुछ विश्‍लेषकों ने किया है।

इसी बीच, चीन ने हमला किया तो ताइवान की सुरक्षा के लिए अमरीका सेना तैनात करेगी, यह ऐलान अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने किया था। लेकिन, चीन ने गंभीर परिणामों की चेतावनी देने पर पेंटॅगॉन राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के बयान पर खुलासा करने के लिए मज़बूर हुआ था। अमरीका ‘वन चायना पॉलिसी’ पर कायम होने का बयान करके ताइवान की सुरक्षा के लिए अमरीका प्रत्यक्ष फौजी योगदान नहीं करेगी, यह पेंटॅगॉन ने स्पष्ट किया। इस वजह से बायडेन प्रशासन ने चीन विरोधि संघर्ष में ताइवान को अकेला छोड़ा है, ऐसी आलोचना अमरीका में हो रही है। इससे पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ने बायडेन प्रशासन की ताइवान संबंधित नीति अस्थिर होने का आरोप लगाया था।

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