रशिया से धोखा होने का दावा करके अमेरिका की पूर्व युरोप में तैनाती बढाने की तैयारी

– ५० हजार जवानों समेत युद्धानौकाएं एवं लडाकू विमान तैनात करने के संकेत

वॉशिंग्टन/मॉस्को – युक्रेन पर रशियन आक्रमण के बढते धोखे के दौरान अमेरिका ने पूर्व युरोप मे संरक्षण तैनाती अधिक बढाने के संकेत दिए हैं। पिछले सप्ताह में अमेरिका के ’कैम्प डेविड’ में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन द्वारा अयोजित बैठक में इस संदर्भ में विकल्प पेश किए गए। जरुरत होने पर पूर्व युरोपिय देशों में ५० हजार जवानों समेत युद्धनौकाएं एवं लडाकू विमान तैनात किए जाएंगे, ऐसे संकेत बायडेन प्रशासन के सूत्रों ने दिए हैं। अमेरिका के परराष्ट्रमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने  युक्रेन में अमेरिका के संरक्षणदल उतर सकते है, ऐसी भी संभावना व्यक्त की है। रशिया को दिए जानेवाले सेमिकंडक्टर्स के निर्यात पर निर्बंध लगाने का इशारा भी अमेरिका द्वारा दिया गया।

us-east-europe-deploymentरशिया एवं पश्चिमी देशों में युक्रेन के मुद्दे पर हुई चर्चा किसी भी हल के बिना असफल साबित हुई है। इस अलफलता की पृष्टभूमि पर दोनों तरफ से पुन: आक्रामक लश्करी गतिविधियां शुरु होने की बात दिख रही है। रशिया ने युक्रेन सीमा पर संरक्षण तैनाती बढाई है और बेलारुस में भी अतिरिक्त लश्करी टुकडियां तथा संरक्षणयंत्रणा भेजी है। रशिया द्वारा पूर्व युक्रेन में भी गतिविधियां जारी होने के दावे युक्रेन एवं पश्चिमी देशों द्वारा की जा रही हैं। दूसरी तरफ अमेरिका समेत अन्य नाटो सदस्य देशों ने रशिया के संभवनीय आक्रमण को प्रत्युत्त्र देने के लिए तैयारी शुरु की है।

अमेरिका एवं ब्रिटेन ने युक्रेन में मिसाईलों समेते अन्य शस्त्र भेजे हैं। ब्रिटेन तथा कैनडा ने अपनी स्पेशल फोर्सस की टुकडियां युक्रेन में तैनात की हैं। रशियन सीमा के पासवाले लाटविया, लिथुआनिया एवं इस्टोनिया में संरक्षण तैनाती भी बढाई जा रही है। सोमवार से भूमध्य क्षेत्र में नाटो का व्यापक नौदल अभ्यास भी शुरु होने गया है जिसमें अमेरिका की विमान वाहक युद्धनौका, कैरियर स्ट्राईक ग्रूप समेत शामिल हैं। मात्र इसके आगे बढकर युरोप में संरक्षण तैनाती अधिक बढाने के संकेत अमेरिका के बायडेन प्रशासन ने दिए हैं।

पिछले सप्ताह में अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने संरक्षण विभाग समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में संरक्षण विभाग द्वारा कुछ प्रस्ताव पेश किए जाने की बात सूत्रों ने कही। इनमें से के प्रस्ताव के अनुसार, जरुरत पडने पर पूर्व युरोप में ५० हजार अमेरिकी जवान तैनात किए जा सकते हैं। इन जवानों समेत अमेरीकी युद्धनौकाएं तथा लडाकू विमान भी तैनात किए जाएंगे, ऐसा बायडेन प्रशासन के सूत्रों ने कहा। वर्तमान आंकडों के अनुसार, युरोप के १५ देशों में अमेरिका के ६३ हजार से अधिक जवान तैनात हैं। इनमें से पूर्व युरोपिय देशों में तैनाती हजार से कम है। ऐसी पृष्ठभूमि पर, ५० हजार जवान तैनात किए जाने का प्रस्ताव ध्यान आकर्षित कर रहा है।

तो, रशिया को निर्यात किए जानेवाले सेमिकंडक्टर्स की आपूर्ति रोकने के संकेत अमेरिकी सूत्रों ने दिए हैं। रशिया पर लादे गए निर्बंधों में सेमिकंडक्टर्स पर निर्बंधों के बारे में गंभीरता से विचार किया जा रहा है, ऐसा अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है। रशिया अधिकतम सेमिकंडक्टर्स एवं चिप्स चीन से आयात करती है। मात्र प्रगत तंत्रज्ञान तथा हवाई क्षेत्र के लिए आवश्यक चिप्स तैवान के  ‘टीएसएमसी’ से बनवाती है। रशिया पर निर्बंधों के लिए अमेरिका इस कंपनी पर दबाव डाल सकती है, ऐसा कहा जा रहा है।

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