तैवान की सुरक्षा तैयारी बढाने के लिए अमेरिकी संसद में ’आर्म तैवान ऐक्ट’ पेश

us-arm-taiwan-act-1वॉशिंग्टन/तैपेई – चीन की बढती कार्यवाहियों की पृष्ठभूमि पर तैवान की सुरक्षा तैयारी बढाने के लिए अमेरिका ने अधिक व्यापक गतिविधियां शुरु की हैं। अमेरिकी संसद में ’आर्म तैवान ऐक्ट’ विधेयक पेश किया गया है। इस विधेयक में तैवान को हर वर्ष तीन अरब डॉलर्स सुरक्षा सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। रिपब्लिकन पक्ष के संसद सदस्य माईक गैलाघर ने यह विधेयक पेश किया है।

us-arm-taiwan-act-2’चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी जिनपिंग ने तैवान का विलीनीकरण उनकी हुकूमत का प्रमुख ध्येय रखा है। इसके लिए बलप्रयोग करने का इशारा भी दिया है। बायडेन प्रशासन ने अफगानिस्तान, युक्रेन तथा ईरान जैसे मुद्दों पर दिखाए हुई ढीलेपन की वजह से चीन की सत्ताधारी हुकूमत अधिक आक्रामक हुई है। ऐसी स्थिति में तैवान की सुरक्षा के लिए अमेरिकी संसद ने आगे बढना जरुरी है’, इन शब्दों में गैलाघर ने विधेयक का समर्थन किया।

तैवान को चीन के संभावित आक्रमण का मुकाबला करने के लिए उचित स्रोतों की एवं शस्त्रों की जरुरत होने का दावा भी अमेरिकी संसद सदस्यों ने किया। ’आर्म तैवान ऐक्ट’ के अंतर्गत अमेरिका के संरक्षण विभाग को ’तैवान सिक्युरिटी असिस्टन्स इनिशिएटिव’ शुरु करने पर ज़ोर देना पडेगा। तो सन २०२३ से २०२७ इन पांच वर्षों तक तैवान को तीन अरब डॉलर्स की सुरक्षा सहायता हर वर्ष तैवान को देने पडेंगे। तैवान के ’असिमेट्रिक डिफेन्स’ को जरुरत सहायता दी जाने का प्रावधान भी ’आर्म तैवान ऐक्ट’ में है।

us-arm-taiwan-act-3इस ऐक्ट की पृष्ठभूमि पर तैवान को ’एफ-१६’ लडाकू विमानों की आपूर्ति नियोजित समय से पहले किया जाए इसके लिए अमेरिका की गतिविधियां शुरु हो चुकी हैं। हाल के करार अनुसार, सन २०२६ तक अमेरिका के नए ’ब्लॉक ७० एफ-१६’ विमान तैवान के हवाईदल में शामिल होंगे। मात्र चीन का बढता धोखा ध्यान में रखते हुए तैवान को शीघ्रता से आपूर्ति करने के लिए अमेरिका के संरक्षण विभाग ने कोशिश शुरु की है। इसके लिए ’एफ-१६’ का निर्माण करनेवाली लॉकहिड मार्टिन नामक कंपनी को निर्देश दिए जाएंगे, ऐसे संकेत पेंटगॉन के सूत्रों ने दिए हैं।

तो, तैवान की संसद ने ८.६ अरब डॉलर्स की अतिरिक्त डिफेन्स बजेट को हाल ही में मंरूर किया है। सन २०२२ के लिए तैवान ने १७ अरब डॉलर्स के संरक्षखर्च के लिए मान्यता दी थी। इसमें आठ अरब डॉलर्स से अधिक का प्रावधान है। क्रूज़ मिसाईल्स, अटैक ड्रोन सिस्टम्स एवं नई युद्धनौकाओं के लिए अतिरिक्त खर्च की तैयारी किए जाने की बात कही गई है।

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