अमेरिका-जपान के नौदल अभ्यास के बाद चीन के ३९ लड़ाकू विमानों की तैवान के सीमा में घुसपैठ

china-taiwan-us-japan-naval-exercise-2तैपेई – रविवार को चीन के ३९ लडाकू विमानों ने तैवान के हवाई हद में प्रवेश किया। चीन की इस वर्ष की यह सबसे बडी तो अब तक की दूसरी बडी घुसपैठ है। कुछ घंटे पहले अमेरिका और जापान की युद्धनौकाओं ने तैवान के करीब ’फिलिपाईन्स सी’ में बडा युद्धाभ्यास किया था। तत्पश्चात चीन ने अपने विमान रवाना करके तैवान का साथ देनेवाले अमेरिका और जापान को इशारा देने का दावा किया जा रहा है।

तैवान के संरक्षण मंत्रालय ने दी हुई जानकारी के अनुसार रविवार रात को चीन के २४ जे-१६ तथा १० जे-१० लडाकू विमान, परमाणुवाहक एच-६ बॉम्बर और इलेक्ट्रॉनिक युद्धतंत्र इस्तेमान किए जानेवाले विमानों ने तैवान की हद में घुसपैठ की। तैवान के हवाईदल ने रडार पर चीनी विमानों की घुसपैठ पहचानने के बाद अपने लडाकू विमान रवाना किए। इसके साथ ही तैवान की सेना ने हवाई सुरक्षा यंत्रणा कार्यान्वित करके चीन के घुसपैठी लडाकू विमानों को इशारा दिया। तब चीनी विमान लौट जाने की बात तैवान ने कही।

china-taiwan-us-japan-naval-exercise-3इस वर्ष में चीन के लडाकू विमानों की यह सबसे बडी घुसपैठ है। चीन ने पिछले २३ दिनों में तैवान की हद में १५ बार लडाकू विमान भेजे हैं। पिछले वर्ष २ अक्तूबर के दिन चीन के ५६ विमानों ने तैवान की हद में प्रवेश करके इस क्षेत्र में बहुत तनाव बढाया था। पिछले सारे वर्ष में चीन ने तैवान के हवाई क्षेत्र में ९६१ विमान भेजे थे। पिछले वर्ष अमेरिका में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद चीनी विमानों की घुसपैठ की तीव्रता बढी है। रविवार की इस घुसपैठ की चीन ने कोई भी प्रतिक्रिया दर्ज नहीं की है।

परंतु कुछ घंटे पहले अमेरिका एवं जापान की युद्ध्नौकाओं ने तैवान की खाडी के पास ’फिलिपाईन्स सी’ क्षेत्र में बडा अभ्यास आयोजित किया था। इसमें अमेरिका के नौदल में से ‘युएसएस कार्ल विन्सन’, ‘युएसएस अब्राहम लिंकन’ नामक दो विमान वाहक युद्धनौकाओं समेत ‘युएसएस अमेरिका’, ‘युएसएस इसेक्स’ तो जापान की एम्फिबियस विमान वाहक युद्धनौका और विध्वंसक शामिल हुए थे। इसके साथ अमेरिका के अतिप्रगत लडाकू, इलेक्ट्रॉनिक युद्धतंत्र में इस्तेमाल किए जानेवाले विमान और गश्त विमानों ने संयुक्त गश्त लगाई थी।

china-taiwan-us-japan-naval-exercise-1मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए यह संयुक्त अभ्यास करने का बात अमेरिकी नौदल ने घोषित की थी। अमेरिकी नौधल के इस अभ्यास के जवाब में चीन ने तैवान की सीमा में इतनी बडी संख्या में विमान भेजकर अमेरिका और जापान को इशारा देने का दावा अमेरिका के माध्यम कर रहे हैं। चीनी लडाकू विमानों की घुसपैठी की बढती घटनाए तैवान पर आक्रमण से पहले की रिहर्सल होने का इशारा अंतररष्ट्रीय विश्लेषकों ने कुछ दिन पहले ही दिया था।

पिछले सालभर में चीन तैवान के खिलाफ अधिक आक्रामक बना है और ’ग्रे ज़ोन वॉरफेयर’ तथा युध्दाभासों की तीव्रता बढाए हैं, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। चीन का नेतृत्व तथा लश्करी अधिकारी तैवान को निरंतर धमका रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक चीन और तैवान के बीच युद्ध के बारे में विभिन्न संभावनाएं वर्णित कर रहे हैं। पर चीन द्वारा तैवान पर किए हुए आक्रामण से तुरंत परिणाम निकलने की संभावना नहीं है, क्योंकि चीन तैवान पर आक्रमण करता है तो अमेरिका एवं मित्रराष्ट्र भी युद्ध में उतरेंगे, परंतु इसमें कोई भी निर्णायक विजय हासिल नहीं कर पाएगा, ऐसा दावा अमेरिका के नामचीन अध्ययन मंडल ‘ब्रुकिंग्ज् इन्स्टिट्यूट’ के अध्ययनकर्ताओं ने किया था। इसलिए यह युद्ध प्रदीर्घ काल तक चलेगा, ऐसी संभावना इन विश्लेषकों ने दर्ज की है।

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