युक्रेन के मुद्दे पर रशिया युद्ध शुरू नहीं करेगा – विदेश मंत्री सर्जेई लॅवरोव्ह

मॉस्को/वॉशिंग्टन – युक्रेन मुद्दे पर पश्चिमी देशों के साथ शुरू हुई चर्चा हालाँकि असफल साबित हुई है, फिर भी रशिया उस मुद्दे पर युद्ध शुरू नहीं करेगा, ऐसा दावा रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅवरोव्ह ने किया है। लेकिन उसी समय, रशिया के हितसंबंधों पर हुआ हमला अथवा उनकी ओर की अनदेखी भी रशिया बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसा भी रशिया ने डटकर कहा है। रशिया ने अमरीका और नाटो के सामने रखा हुआ ‘सिक्युरिटी पैक्ट’ का प्रस्ताव ठुकराया गया होकर, इस पृष्ठभूमि पर लॅवरोव्ह की प्रतिक्रिया महत्त्वपूर्ण मानी जाती है।

Lavrov-Sergeiरशिया ने युक्रेन सीमा पर तैनाती बड़े पैमाने पर बढ़ाई होकर, लगभग सवा लाख जवान तैनात होने की बात बताई जाती है। इस तैनाती के साथ ही रशिया ने बेलारुस-युक्रेन सीमाभाग में भी लष्करी तैनाती शुरू की ऐसा बताया जाता है। रशिया की यह बढ़ती तैनाती अमरीका और ब्रिटेन समेत नाटो के लिए सिरदर्द बढ़ानेवाली साबित हुई है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ऐसा डर ज़ाहिर किया था कि रशिया फ़रवरी महीने के मध्य में युक्रेन पर आक्रमण करेगा। युक्रेन की यंत्रणाओं तथा अधिकारियों ने भी यह जताया था कि अगले महीने में रशिया हमला कर सकता है।

इस पृष्ठभूमि पर, रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅवरोव्ह ने, रशिया युद्ध शुरू नहीं करेगा ऐसा बयान करने के कारण उसकी ओर ध्यान आकर्षित हुआ है। ‘सब कुछ अगर रशिया की भूमिका पर निर्भर है, तो युद्ध नहीं होगा। हमें युद्ध नहीं चाहिए’, ऐसा लॅवरोव्ह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा। लेकिन उसी समय, अन्य किसी भी देश को रशिया के हितसंबंधों पर हमला करने नहीं दिया जाएगा अथवा हितसंबंधों की ओर अनदेखी की हुई भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, ऐसा भी लॅवरोव्ह ने इस इंटरव्यू के दौरान डटकर कहा।

Russia-Ukraineइसी बीच, रशिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह आरोप किया है कि अमरीका और नाटो परमाणु हमले की क्षमता बढ़ा रहे हैं। रशिया के ‘डिपार्टमेंट ऑफ आर्म्स कंट्रोल अ‍ॅण्ड नॉनप्रोलिफरेशन’ के निदेशक व्लादिमिर येरमाकोव्ह ने इस मामले में बयान किया। ‘नाटो के सदस्य होनेवाले और परमाणु क्षमता ना होनेवाले पाँच देशों में अमरीका ने लगभग 200 परमाणु बम रखे हैं। हमले के दौरान उनका इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक सुविधाओं का निर्माण भी किया गया है। ये परमाणु बम क्षेपणास्त्र की सहायता से रशिया पर दागे जा सकते हैं। उसके लिए नाटो सदस्य देशों के बीच संयुक्त अभ्यास भी जारी हैं’, ऐसा दावा येरमाकोव्ह ने किया। ये सभी गतिविधियाँ रशिया के विरोध में विकसित की जा रही परमाणु क्षमता का भाग होने की बात भी रशियन अधिकारियों ने जताई।

रशिया के विरोध में युक्रेन को हथियारों की सप्लाई करने के लिए अमरीका और ब्रिटेन जैसे देश हालाँकि आगे आए हैं, फिर भी अन्य युरोपीय देश इसके लिए कुछ खास उत्सुक नहीं हैं, यह बात सामने आ रही है। जर्मनी ने युक्रेन को हथियारों की सप्लाई करने से इन्कार किया होकर, जर्मन नागरिकों ने भी इस फ़ैसले का समर्थन किया है। हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण में, लगभग 60 प्रतिशत जर्मन नागरिकों ने कहा है कि युक्रेन को हथियारों की सप्लाई ना करने का सरकार का फ़ैसला उचित है।

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