रशिया द्वारा युक्रेन पर आक्रमण करने का अमेरिका-नाटो का आरोप हास्यास्पद – रशिया के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख

मॉस्को – रशिया युक्रेन पर आक्रमण करने को तैयार है इस अमेरिका और नाटो के आरोपों का रशिया ने फिर से एक बार खंडन किया है । हम युद्ध नहीं चाहते है , हमें युद्ध की आवश्यकता नहीं है, ऐसा रशिया के  सुरक्षा परिषद के प्रमुख निकोलाय पत्रुशेव्ह ने कहा है | नाटो युक्रेन को अपने गट में खींचने की कोशिश कर रहा है| कोई भी इस बात से सहमत नहीं होगा कि नाटो का कदम सुरक्षा कारणों से था , ऐसा आरोप रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने किया है ।

युक्रेन पर आक्रमण

रशिया युक्रेन पर कभी भी हमला कर सकता है, ऐसी चेतावनी अमेरिका की तरफ से बार बार दी जा रही है । नाटो भी रशिया पर ऐसे आरोप लगा रहा है और इसके परिणाम गंभीर होंगे ऐसी चेतावनी अमेरिका और नाटो ने रशिया को दी है| ब्रिटेन ने भी इस मुद्दे पर आक्रामक भूमिका ली  है। ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने नाटो को प्रस्ताव दिया है कि वह यूरोप को रशिया के आक्रमण से बचाने के लिए सैनिकों को तैनात करने के लिये तैयार है । ब्रिटिश प्रधान मंत्री ने रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है इस बात का संकेत दिया था। उस पृष्ठभूमि पर , नाटो को दिया हुआ उनका प्रस्ताव लक्षवेधी है।

हालांकि, अमेरिका और नाटो का  रशिया के यूक्रेन पर आक्रमण करने की साजिश का यह आरोप हास्यास्पद है ऐसी आलोचना  रशिया की सुरक्षा परिषद के प्रमुख निकोलाय पत्रुशेव्ह ने की । इस आरोप में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। रशिया ना युद्ध चाहता है और ना ही उसको युद्ध की आवश्यकता है ऐसा पत्रुशेव्ह ने आगे कहा। रशिया के विदेश मंत्री लॅव्हरोव्ह  ने कहा है कि नाटो रशिया के आक्रमण की संभावना का हवाला देते हुए युक्रेन को अपने गट में खींचने की कोशिश कर रहा है। लॅव्हरोव्ह ने यह भी दावा किया कि युक्रेन नाटो में शामिल होने के लिए तैयार नहीं है।

युक्रेन पर आक्रमणसुरक्षा की दृष्टी से युक्रेन को नाटो में शामिल करने का प्रयास किसी को भी स्वीकार्य नहीं हैं।  युक्रेन का नाटो में शामिल करना रक्षा निर्णय नहीं हो सकता है ऐसा कह कर रशिया के विदेश मंत्री ने इतिहास की याद दिलाई । 1999 में, नाटो ने यूगोस्लाविया में लगभग तीन महीने तक बमबारी की थी । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों का उल्लंघन करके  लीबिया पर हमला किया गया था। हर कोई जानता है कि नाटो ने अफगानिस्तान में क्या किया है ऐसा कहकर, रशिया के विदेश मंत्री ने उनका देश नाटो पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं है, ऐसा संदेश दिया |

इसी बीच, युक्रेन ने नाटो में शामिल होने के संकेत देने के बाद रशिया ने युक्रेन की सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिकों को तैनात किया है| इसके बाद रशिया युक्रेन पर आक्रमण करने के लिये तैयार है, ऐसा आरोप अमेरिका और नाटो रशिया पर कर रहे है। लेकिन रशिया ने यह तैनाती सुरक्षा कारणों से की गई है ऐसा कहते हुए ,अमेरिका-नाटो के आरोपों का लगातार खंडन किया है । हालांकि, रशिया पहले ही चेतावनी दे चुका है कि अगर युक्रेन नाटो में शामिल होता है, तो इसे युद्ध की घोषणा माना जाएगा। जबकि एक तरफ अमेरिका और ब्रिटेन रशिया  के खिलाफ आक्रामक रुख अपना रहे हैं तो दुसरी तरफ नाटो सदस्य फ्रांस और जर्मनी रशिया के खिलाफ जाने के लिए तैयार नहीं हैं। जर्मनी ने रशिया के खिलाफ युक्रेन को हथियार देने से इनकार कर दिया है| इससे यह स्पष्ट होता है कि युक्रेन के प्रश्न पर नाटो के भीतर गंभीर मतभेद हैं। वहीं युक्रेन के मुद्दे पर अनावश्यक आक्रामक रुख अपनाने वाले अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष जो बायडेन पर अमेरिका से ही आलोचना होती दिख रही है |

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