रशिया-यूक्रैन विवाद में युरोप अमरीका के दबाव का शिकार ना हों – फ्रान्स के अर्थमंत्री का आवाहन

europe-us-russia-ukraine-conflict-3पैरिस/वॉशिंग्टन – रशिया-यूक्रैन संघर्ष छिड़ने पर युरोपीय देशों को अमरीका से अधिक नुकसान पहुँचेगा और अमरीका के दबाव का शिकार होकर युरोप निर्णय ना करें, यह आवाहन फ्रान्स के अर्थमंत्री ब्रुनो ले मेर ने किया है। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन की रशिया यात्रा के बाद मात्र २४ घंटों के भीतर ही फ्रेंच अर्थमंत्री ने यह बयान करके ध्यान आकर्षित किया है। युरोपीय महासंघ के विदेश प्रमुख जोसेप बॉरेल ने भी, यूक्रैन के मुद्दे पर युरोपीय महासंघ एवं अमरीका को सता रही चिंता अलग अलग होने का बयान किया है। एक के बाद एक सामने आए इन बयानों की वजह से रशिया-यूक्रैन संघर्ष के मुद्दे पर पश्‍चिमी देशों में सहमति ना होने के स्पष्ट संकेत प्राप्त हुए हैं।

europe-us-russia-ukraine-conflict-2अमरीका ने पिछले कुछ दिनों में आक्रामक रवैया अपनाया हैं और रशिया कभी भी यूक्रैन पर हमला करेगा, ऐसे दावे अमरिकी नेता एवं यंत्रणाएँ कर रही हैं। इन दावों के बाद अमरीका ने युरोप में सेना तैनाती बढ़ाई है और यूक्रैन को भी बड़ी मात्रा में हथियारों की आपूर्ति की है। इसके साथ ही अमरीका युरोपीय देशों पर भी, रशिया से जारी सहयोग कम करने के लिए दबाव बनाने में जुटी होने का चित्र सामने आ रहा है। दो दिन पहले अमरीका और जर्मनी के राष्ट्रप्रमुख की हुई बैठक में राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने जर्मनी पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। रशिया के साथ बनायी ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ ईंधन पाइपलाइन बंद करने पर जर्मनी पुख्ता भूमिका अपनाएँ, यह दबाव बायडेन ने बनाया था। लेकिन, इसपर स्पष्ट भूमिका अपनाने से जर्मनी दूर रही थी। इस पृष्ठभूमि पर, फ्रेंच अर्थमंत्री इस मुद्दे पर बयान करके, युरोप और अमरीका के बीच मतभेद होने के दावों की पुष्टि करते दिख रहे हैं।

europe-us-russia-ukraine-conflict-1‘यूक्रैन में युद्ध छिड़ने पर इसका सबसे अधिक नुकसान युरोपीय देशों को पहुँचेगा और इससे अमरीका पर ज़्यादा कुछ असर नही होगा। इस वजह से युरोपीय देश अमरीका के दबाव का शिकार होकर निर्णय ना करें’, ऐसा इशारा अर्थमंत्री ले मेर ने दिया। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने रशिया का दौरा करने का मुद्दा, यूक्रैन के मसले पर युरोप की नीति अलग होने की बात दर्शाता है, यह दावा भी फ्रेंच अर्थमंत्री ने किया।

इसी बीच रशिया की विदेश प्रवक्ता मारिआ झाखारोव्हा ने यूक्रैन के मुद्दे पर जर्मनी को लक्ष्य किया है। जर्मनी एक अमरीका का ‘ऑक्युपाईज स्टेट’ बना है और जर्मन सरकार किसी भी मुद्दे पर स्वतंत्र निर्णय नहीं कर सकती, यह आरोप झाखारोव्हा ने लगाया। जर्मनी में अमरीका ने तैनात किए ३० हज़ार सैनिक दबावगुट की तरह काम कर रहे हैं, यह दावा भी उन्होंने किया।

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