ताइवान के साथ रक्षा समझौते को अमरीका की मंजूरी

वॉशिंग्टन/तैपेई – युक्रेन युद्ध तथा चीन की बढ़ती हरकतों की पृष्ठभूमि पर, ताइवान की रक्षा सिद्धता बढ़ाने के लिए अमरीका ने अधिक व्यापक गतिविधियाँ शुरू की हैं। अमरीका के विदेश विभाग ने ताइवान को नई रक्षा सहायता मंज़ूर की है। इसमें ‘पॅट्रिऑट मिसाईल सिस्टिम’ की तैनाती तथा देखभाल का समावेश है। फरवरी महीने में अमरीका ने ताइवान में तैनात पॅट्रिऑट क्षेपणास्त्रों के आधुनिकीकरण को मंज़ूरी दी थी।

ताइवान के साथ रक्षा समझौते को अमरीका की मंजूरीअमरीका के ट्रम्प प्रशासन ने चीन के विरोध में आक्रामक नीति के भाग के रूप में ताइवान को बड़े पैमाने पर शस्त्र सहायता प्रदान करने का फैसला किया था। दो साल पहले अमरीका और ताइवान के बीच ‘एफ-१६ व्ही’ इन लड़ाकू विमानों की खरीद का महत्वाकांक्षी समझौता किया गया था। उसके बाद अमरीका ने ताइवान को ‘हार्पून’ क्षेपणास्त्र, ‘हाय मार्स’ रॉकेट यंत्रणा, ‘स्लॅम-इआर’ क्षेपणास्त्र देने का भी ऐलान किया था। इसी दौरान ताइवान ने ’पॅट्रिऑट मिसाईल्स’, ड्रोन्स, स्मार्ट माईन्स और हॉवित्झर्स के संदर्भ में चर्चा शुरू करने की खबरें भी सामने आई थीं।

इनमें से हॉवित्झर्स और ’पॅट्रिऑट मिसाईल्स’ की सप्लाई के संदर्भ में समझौते संपन्न हुए होकर, उस पर अमल भी शुरू हुआ है। ताइवान के साथ रक्षा समझौते को अमरीका की मंजूरीअमरीका के विदेश विभाग ने किया फ़ैसला यह उसी का भाग है। इस फ़ैसले के तहत पॅट्रिऑट मिसाईल्स की तैनाती और संबंधित तांत्रिक मुद्दों को पूरा करने के लिए ९.५ करोड़ डॉलर्स का समझौता किया जानेवाला है। बायडेन प्रशासन से ताइवान को रक्षा सहायता प्रदान करने के संदर्भ में यह तीसरा समझौता साबित हुआ है।

युक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने ताइवान के साथ सहयोग बढ़ाने के संकेत दिए हैं। जनवरी महीने में अमरीका की संसद में ‘आर्म तैवान ऍक्ट’ नामक विधेयक प्रस्तुत किया गया है। इस विधेयक में ताइवान को हर साल तीन अरब डॉलर्स की रक्षा सहायता प्रदान करने का प्रावधान है।

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