अमरीका के ‘इंडो-पैसिफिक फ्रेमवर्क’ में शामिल होने के लिए ताइवान की कोशिश

वॉशिंग्टन/ताइपे – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ऐलान किए हुए ‘इंडो-पैसिफिक इकॉनॉमिक फ्रेमवर्क’ में शामिल होने के लिए कोशिश की जाएगी, यह ऐलान ताइवान की सरकार ने किया है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती हरकतें और ‘बेल्ट ऐण्ड रोड इनिशिएटिव’ को चुनौति देने के लिए अमरीका द्वारा यह योजना लाने की बात कही जा रही है। इसी बीच, अमरीका की परमाणु पनडुब्बी ने ताइवान के करीब अमरिकी अड्डे का दौरा करने का वृत्त सामने आया है।

चीन की बढ़ती वर्चस्ववादी हरकतों की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। ताइवान के साथ बढ़ता सहयोग, लगातार हो रही सैन्य तैनाती एवं युद्धाभ्यास और ‘क्वाड’ इसी का हिस्सा माना जा रहा है। इसके साथ ही अमरीका ने ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र के देशों से व्यापारी संबंध विकसित करने के लिए नई योजना सामने लायी है।

इसे ‘इंडो-पैसिफिक इकॉनॉमिक फ्रेमवर्क’ नाम दिया गया है और इसी वर्ष सक्रिय करने के संकेत भी दिए गए हैं। इस योजना में जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत जैसे अमरीका के मित्रदेश शामिल होंगे और ‘एसियान’ देशों के समावेश की कोशिश हो रही है। अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी और मंत्रियों के पिछले महीने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के दौरे में इसे परखा गया था, यह भी कहा जा रहा है।

ताइवान की ओर से भी चीन विरोधी गठबंधन अधिक व्यापक करने की गतिविधियाँ हो रही हैं और ‘इंडो-पैसिफिक इकॉनॉमिक फ्रेमवर्क’ में शामिल होने का प्रस्ताव भी इसी का एक हिस्सा है। इससे पहले ताइवान ने पैसिफिक क्षेत्र के ‘सीपीटीटीपी’ नामक व्यापारी समझौते का हिस्सा होने के लिए अर्जी दाखिल की है। ‘इंडो-पैसिफिक इकॉनॉमिक फ्रेमवर्क’ समेत इस समझौते में ताइवान को शामिल किया गया तो यह बात चीन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। चीन ने व्यापारी सहयोग एवं आर्थिक ताकत के बल पर कई देशों को अपने पक्ष में निर्णय करने के लिए मज़बूर किया है। ताइवान का बढ़ता समावेश चीन की इस नीति को झटके देनेवाला साबित हो सकता है।

इसी बीच, अमरीका की परमाणु पनडुब्बी ‘यूएसएस नेवाडा’ ने पैसिफिक महासागर के अमरिकी रक्षाअड्डे गुआम का दौरा करने की बात सामने आयी है। इस दौरान पैसिफिक क्षेत्र के ताइवान के करीबी क्षेत्र से इसकी यात्रा किए जाने की बात कही जा रही है। अमरीका की परमाणु पनडुब्बी ने इस क्षेत्र से यात्रा करने की एवं गुआम पहुँचने का यह पिछले कुछ वर्षों में पहला अवसर बताया जा रहा है। अपने मित्रदेशों को आश्‍वस्त करने के लिए इस यात्रा का प्रावधान था, यह जानकारी अमरिकी नौसेना ने साझा की है।

चीन ने ताइवान के खिलाफ बनाई योजनाओं पर प्रत्युत्तर देने के लिए अमरीका और जापान ने एक-दूसरे से रक्षा सहयोग अधिक व्यापक करना तय किया है। इसके अनुसार ताइवान के करीब अमरीका एवं जापान के अड्डों पर मिसाइल एवं अन्य अहम हथियारों का भंड़ारण करने के संकेत दिए गए हैं।

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