विश्‍व की महासत्ताओं का बड़ा संघर्ष शुरू होने की संभावना बढ़ी – अमरिकी रक्षाबलप्रमुख का इशारा

world-leaders-conflict-1वॉशिंग्टन – ‘चीन और रशिया, अमरीका के सामने की दो वैश्‍विक महाशक्तियां हैं| इन दोनों देशों ने ध्यान आकर्षित करनेवाला सैन्य सामर्थ्य प्राप्त किया है और मौजूदा नियमों पर आधारित वैश्‍विक व्यवस्था बदलने की क्षमता इन देशों में है| वैश्‍विक महाशक्तियों का संघर्ष शुरू होने की संभावना बढ़ने के दौरान अस्थिर हुए विश्‍व में अमरीका प्रवेश कर रही है’, यह इशारा अमरीका के रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले ने दिया| इसी बीच परमाणु हथियारों के मोर्चे पर चीन की प्रगति विश्‍व की सुरक्षा का संतुलन बिगाड़नेवाली साबित होगी, यह इशारा अमरीका के स्ट्रैटेजिक कमांड ने दिया है|

world-leaders-conflict-2कुछ दिन पहले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ७७३ अरब डॉलर्स के विक्रमी रक्षा खर्च का ऐलान किया| अफ़गानिस्तान से सेना वापसी के बाद भी अमरीका के रक्षाखर्च में इस बढ़ोतरी पर अमरिकी सिनेट की ‘आर्म्ड सर्विसस कमिटी’ ने रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन और रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले से सवाल किए| इस पर बोलते हुए रक्षाबलप्रमुख जनरल मिले ने रशिया-यूक्रैन युद्ध का दाखिला दिया|

‘रशिया के यूक्रैन पर हमलें सिर्फ यूरोप ही नहीं, बल्कि विश्‍व की शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है| दूसरे विश्‍वयुद्ध के खत्म होने के बाद पिछले ७८ सालों में स्थापित हुई वैश्‍विक व्यवस्था को रशिया के यूक्रैन पर हमले से बड़ा झटका लगा है’, ऐसा कहकर जनरल मिले ने रशिया की आलोचना करके अमरीका के बढ़ते रक्षाखर्च का समर्थन किया|

world-leaders-conflict-3साथ ही विश्‍व सबसे बड़ी अस्थिरता की ओर झुक रहा है, यह इशारा रक्षाबलप्रमुख जनरल मिले ने दिया| चीन और रशिया जैसी वैश्‍विक महासत्ताओं से विश्‍व की व्यवस्था को खतरा निर्माण होने का ज़िक्र जनरल मिले ने किया| साथ ही रशिया और चीन के हायपरसोनिक मिसाइलों के हमलों का अमरीका के पास जवाब ना होने की कबूली रक्षामंत्री ऑस्टिन और जनरल मिले ने दी|

अमरिकी स्ट्रैटेजिक कमांड के प्रमुख एडमिरल चार्ल्स रिचर्ड ने भी चीन की बढ़ती परमाणु क्षमता का खतरा रेखांकित किया| पिछले साल जुलाई में चीन ने अंतरमहाद्विपीय बैलेस्टिक मिसाइल वाहक हायपरसोनिक ग्लाइडर का परीक्षण किया| अपने इस ग्लाइडर ने १०० मिनिटों में ४० हज़ार किलोमीटर पार करने का दावा चीन ने किया था| चीन की इस क्षमता की ओर ध्यान आकर्षित करके एडमिरल रिचर्ड ने इसकी तुलना में अमरीका की रणनीतिक क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता स्पष्ट की|

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