ताइवान की सुरक्षा को लेकर अमरीका दुविधापूर्ण नीति त्याग दे – जापान के पूर्व प्रधानमंत्री की तीखी आलोचना

टोकियो – रशिया ने यूक्रैन पर हमला करने के बाद चीन भी ताइवान पर कब्ज़ा करने के लिए सैन्य कार्यवाही कर सकता है, यह इशारा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक दे रहे हैं| जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो ऐबे ने इस मुद्दे पर अमरीका को सीधे शब्दों में चेतावनी दी है| ‘ताइवान के प्रति दुविधा की नीति छोड़कर चीन के हमले से हम ताइवान की रक्षा करेंगे, यह ऐलान अमरीका करे, यह मॉंग ऐबे ने की है| साथ ही ताइवान पर चीन का हमला यानी जापान पर किया गया हमला होगा, यह इशारा ऐबे ने फिर से दिया है|

us-japan-taiwan-security-2ताइवान से जापान का योनागुनी द्विप मात्र ११० किलोमीटर की दूरी पर है| इसकी वजह से जैसे ही चीन हमला करके ताइवान पर कब्ज़ा करता है वैसे ही जापान असुरक्षित हो जाएगा, क्योंकि इससे जापान के समुद्री एवं हवाई क्षेत्र पर वर्चस्व स्थापित करना चीन के लिए आसान होगा| इसलिए जापान की सुरक्षा के लिए ताइवान भी चीन से सुरक्षित रहना आवश्यक है, इस पर जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो ऐबे ने ध्यान आकर्षित किया| हाल ही में एक अखबार को दिए गए साक्षात्कार के दौरान उन्होंने यह बात बड़े स्पष्टता से रखी| साथ ही ताइवान की सुरक्षा को अनदेखा कर रही अमरीका की ऐबे ने आलोचना भी की है|

ताइवान के मुद्दे पर चीन जंगी आक्रामकता का प्रदर्शन कर रहा है और साथ ही साथ अमरीका चीन में निवेश कर रही है, यह भी स्पष्ट हो रहा है| यह बात चीन का उत्साह बढ़ा रही है| रशिया ने यूक्रैन पर हमला करने के बाद चीन की आक्रामकता अधिक बढ़ने के आसार हैं| क्योंकि, रशिया ने ताइवान चीन का ही हिस्सा होने की बात स्वीकारी है| ऐसी स्थिति में ताइवान पर चीन का हमला होने की संभावना बढ़ी है| ऐसे निर्णायक समय में अमरीका की रणनीतिक स्तर की दुविधापूर्ण नीति दिख रही है, यह चीन के लिए फायदे की बात साबित होती है, इस पर जापान के पूर्व प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया|

साथ ही यूक्रैन पर हमला करके रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने यूरोपिय देशों को आईना दिखाया है, ऐसी फटकार ऐबे ने लगाई| यूरोपिय देश अपने सहयोगी देश की सुरक्षा नहीं कर सके| बल्कि, उन्हें रशिया और चीन में अपनी कंपनियों ने किए निवेश की चिंता अधिक सता रही है| चीन ‘सप्लाई चेन क्राईसिस’ के ज़रिये हमें मुश्किल से डाल सकता है, इस ड़र से यूरोपिय देश चीन के खिलाफ भूमिका अपनाने से बच रहे हैं, यह गंभीर आरोप भी ऐबे ने लगाया|

अमरीका और पश्‍चिमी देशों के ऐसे गैर-जिम्मेदार रवैये की वजह से यूक्रैन के बाद ताइवान को भी खतरा निर्माण हुआ है, ऐसे स्पष्ट संकेत ऐबे ने इस साक्षात्कार में दिए हैं|


अमरिकी परमाणु हथियार तैनात करने का जापान विचार करे – शिंजो ऐबे की सिफारीश

us-japan-taiwan-security-1जापान अपने देश में अमरिकी परमाणु हथियार तैनात करने पर विचार करे, यह सुझाव पूर्व प्रधानमंत्री ऐबे ने दिया है| ताइवान पर चीन का हमला होने का खतरा बढ़ने का बयान करके ऐबे ने यह मॉंग उठाकर सनसनी निर्माण की है| परमाणु हथियारों से मुक्त विश्‍व के लिए जापान कोशिश कर रहा है| परमाणु हथियारों का विरोध करने की जापान की भूमिका रही है| लेकिन, जिन देशों के पास परमाणु हथियार हैं, उन देशों के साथ ‘न्युक्लियर शेअरिंग’ यानी परमाणु हथियारों को लेकर सहयोग करने में क्या दिक्कत है, ऐसा सवाल ऐबे ने उठाया|

परमाणु देशों के साथ ऐसा सहयोग करके परमाणु हथियारों का निर्णय करने की प्रक्रिया में परमाणु हथियार ना रखनेवाले देशों को शामिल करना संभव होगा, यह ऐबे का कहना है| उनकी यह मॉंग चीन को चौंका सकती है| ताइवान को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री ऐबे काफी आक्रामक नीति अपना रहे हैं, ऐसी शिकायत चीन कर रहा है| इसके जरिये चीन जापान को धमका रहा है| ऐसी स्थिति में ऐबे ने परमाणु हथियारों के विकल्प को लेकर रखे सुझाव पर चीन का तीखा बयान आ सकता है|

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