रशिया ने अफ्रीकी देशों को दो लाख टन अनाज प्रदान किया – अफ्रीका में पश्चिमी देशों के प्रभाव को नुकसान पहुंचाने की कोशिश

मास्को/मोगादिशु – रशिया ने अफ्रीकी महाद्वीप के देशों को दो लाख टन अनाज़ मुफ्त में प्रदान किया है। रशिया के कृषि मंत्री दिमित्री पत्रुशेव्ह ने यह जानकारी साझा की और रशिया ने चलाया यह एक बड़ा मानवीय अभियान होने की बात कही है। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अनाज़ की आपूर्ति जारी रखने के लिए ‘ब्लैक सी ग्रेन डील’ को मंजूरी दी गई थी। लेकिन, यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने इसका गलत लाभ उठाने का दावा करके रशिया ने इस डील से बाहर होने का निर्णय किया था। रशिया के डील से पीछे हटने की वजह से अफ्रीकी देशों में अनाज की किल्लत होगी, ऐसी आरोप पश्चिमी देशों ने लगाया था। लेकिन, अफ्रीकी देशों को अनाज की मुफ्त आपूर्ति करके रशिया आलोचना कर रहे पश्चिमी देशों को करारा जवाब देती दिख रही है।रशिया ने अफ्रीकी देशों को दो लाख टन अनाज प्रदान किया - अफ्रीका में पश्चिमी देशों के प्रभाव को नुकसान पहुंचाने की कोशिश

यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अफ्रीकी देश रशिया का बहिष्कार करें, रशिया को अलग-थलग करने के लिए अमेरिका और मित्र देशों ने दबाव नीति का प्रयोग किया था। बायडेन प्रशासन ने अफ्रीकी देशों को परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी। लेकिन, इसके बावजूद अफ्रीकी देशों ने यह दबाव ठुकराया था। पिछले साल आयोजित रशिया-अफ्रीका समिट में अफ्रीकी महाद्वीप के ३० से अधिक देशों के राष्ट्रप्रमुख शामिल हुए थे। उस बैठक में अफ्रीकी देशों के राष्ट्रप्रमुखों की रही बड़ी मौजुदगी पश्चिमी देशों को झटका देनेवाली साबित हुई थी।

रशिया ने अफ्रीकी देशों के साथ सैन्य एवं द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की जोरदार कोशिश शुरू की है। पिछले कुछ सालों में रशियन कंपनियों ने अफ्रीका के खनिज क्षेत्र सहित प्रौद्योगिकी एवं अन्य क्षेत्र में भी निवेश करना शुरू किया है। अफ्रीका के कुछ देशों में फिलहाल रशिया की निजि सैन्य कंपनी के दल तैनात किए गए हैं। रशिया ने अफ्रीकी देशों को दो लाख टन अनाज प्रदान किया - अफ्रीका में पश्चिमी देशों के प्रभाव को नुकसान पहुंचाने की कोशिशइसके लिए रशिया ने अफ्रीकी नागरिकों की भर्ती शुरू करने के दावे भी सामने आए हैं। नाइजर जैसे देश के साथ रशिया ने स्वतंत्र रक्षा समझौता भी किया है। इससे पश्चिमी देशों के प्रभाव को बड़े झटके लगने लगे हैं।

पिछले साल आयोजित बैठक में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यह वादा किया था कि, ‘ग्रेन डील’ से पीछे हटने के बाद भी रशिया अफ्रीकी देशों को हो रही अनाज की आपूर्ति बंद नहीं करेगी। इसके बाद रशिया ने नवंबर महीने अफ्रीकी देशों को अनाज की मुफ्त आपूर्ति करना शुरू किया था।रशिया ने अफ्रीकी देशों को दो लाख टन अनाज प्रदान किया - अफ्रीका में पश्चिमी देशों के प्रभाव को नुकसान पहुंचाने की कोशिश पिछले साडे तीन महिनों के दौरान रशिया ने अफ्रीकी महाद्वीप के छह देशों को दो लाख टन अनाज की आपूर्ति की है। इनमें सोमालिया, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, माली, बुर्किना फासो, झिम्बाब्वे और इरिट्रिया का समावेश हैं। सोमालिया और सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिकन को ५०-५० हजार टन और माली, बुर्किना फासो, झिम्बाब्वे एवं इरिट्रिया को २५-२५ हजार टन अनाज प्रदान किया गया है, यह जानकारी कृषि मंत्री पत्रुशेव्ह ने साझा की।

अफ्रीकी देशों को जारी अनाज की इस आपूर्ति के बीच में ही अफ्रीका में रशिया से सबसे अधिक आयात कर रहे इजिप्ट ने सुएज नहर के क्षेत्र में ‘ग्रेन हब’ स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया है। रशिया से आयात हो रहे अनाज का भंड़ारण एवं अफ्रीका के अन्य देशों को इसकी आपूर्ति करने के लिए यह केंद्र अहम साबित होगा, ऐसा दावा इजिप्ट ने किया है। रशिया ने इस प्रस्ताव का समर्थन करने की जानकारी सुत्रों ने प्रदान की है।

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