अमेरिका सहित ‘जी ७’ गुटों ने रशियन संपत्ति कुर्क करने की कोशिश की तो प्रत्युत्तर भी ‘जैसे को तैसा’ रहेगा – राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता की चेतावनी

मास्को/वॉशिंग्टन- अमेरिका सहित ‘जी ७’ गुट ने विदेशों में स्थित रशियन संपत्ति कुर्क करके उसे यूक्रेन के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की तो इस पर रशिया का प्रत्युत्तर भी ‘जैसे को तैसा’ रहेगा, ऐसी चेतावनी रशिया ने दी है। पश्चिमी देशों की शुरू इन कोशिशों को कानूनी स्तर पर चुनौती दी जाएगी और ऐसी कोशिशों की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था की नींव कमज़ोर हो सकती है, ऐसा इशारा राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने दिया है। रविवार को अमेरिका की शीर्ष वेबसाईट ने ‘जी ७’ देशों ने यूक्रेन को आर्थिक सहायता मुहैया करने के लिए रशियन संपत्ति इस्तेमाल करने की योजना बनाने का वृत्त दिया था। इसपर रशिया की आक्रामक प्रतिक्रिया सामने आती दिख रही है।

रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाए थे। इसमें रशियन ईंधन क्षेत्र के साथ रक्षा उद्योग, बैंक और अन्य बड़ी कंपनियों का समावेश था। यह प्रतिबंध लगाने के साथ ही रशिया के विदेश मुद्रा भंड़ार का हिस्सा होने वाले ३०० अरब डॉलर और संपत्ति कुर्क किया गया था। इस निर्णय की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी आलोचना हुई थी।

अमेरिका सहित ‘जी ७’ गुटों ने रशियन संपत्ति कुर्क करने की कोशिश की तो प्रत्युत्तर भी ‘जैसे को तैसा’ रहेगा - राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता की चेतावनीपिछले दो सालों में पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंधों की वजह से रशियन अर्थव्यवस्था या युद्ध की आर्थिक सहायता पर असर नहीं हुआ है और उल्टा पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था ही मुश्किलों में फंसती दिख रही है। साथ ही अमेरिका और यूरोपिय देशों को ही यूक्रेन को देने के लिए निधि की किल्लत महसूस होने के दावे लगातार सामने आ रहे हैं। इस वजह से अब यूक्रेन के हर्जाने और पुननिर्माण का मुद्दा उठाकर इसके लिए रशियन निधि का इस्तेमाल करने की कोशिश हो रही है।

अमेरिका सहित ‘जी ७’ गुटों ने रशियन संपत्ति कुर्क करने की कोशिश की तो प्रत्युत्तर भी ‘जैसे को तैसा’ रहेगा - राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता की चेतावनीअमेरिका की शीर्ष वेबसाईट ‘ब्लूमबर्ग’ ने प्रदान किए वृत्त के अनुसार पश्चिमी देश रशिया की कुर्क की हुई संपत्ति गिरवी रखकर यूक्रेन के लिए कर्ज खड़ा कर सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार युद्ध खत्म होने के बाद यूक्रेन में नुकसान का हर्ज़ाना भरने की ज़िम्मेदारी रशिया पर थोपी जाएगी। रशिया ने इससे इनकार किया तो विदेशों में कुर्क की हुई रशियन संपत्ति एवं निधि कब्जे में करने की योजना को बढ़ावा दिया जाएगा, यह दावा ‘ब्लूमबर्ग’ ने किया है।

बायडेन प्रशासन ने इससे संबंधित प्रस्ताव पेश किया है और यूरोपिय देशों के साथ ही चर्चा शुरू है, ऐसी जानकारी अमेरिका सहित ‘जी ७’ गुटों ने रशियन संपत्ति कुर्क करने की कोशिश की तो प्रत्युत्तर भी ‘जैसे को तैसा’ रहेगा - राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता की चेतावनीअमेरिकी अधिकारी ने प्रदान की। अमेरिकी संसद में इस मुद्दे को लेकर एक विधेयक भी पेश किया गया है। ‘जी ७’ और यूरोपिय महासंघ की मंजूरी के बाद रशियन संपत्ति अमेरिका कूर्क करके यूक्रेन को सौंपने की प्रक्रिया शुरू करेगी, ऐसी जानकारी सूत्रों ने प्रदान की है। अमेरिका और यूरोपिय देशों के इस निर्णय को रशिया कानूनन चुनौती देगी, इसकी कल्पना होने से कानूनी स्तर की प्रक्रिया मज़बूत करने की कोशिश हो रही है।

राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के प्रवक्ता पेस्कोव ने पश्चिमी देशों को आगाह करते हुए ‘जैसे को तैसा’ प्रत्युत्तर देने की एवं कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। रशियन संपत्ति का इस्तेमाल करने का निर्णय करने वालों को इसके संभावित परिणामों की कल्पना होनी चाहिये, यह इशारा भी पेस्कोव ने दिया है।

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