अमेरिका के करीबी क्युबा, वेनेजुएला और निकारागुआ में रशिया मिसाइल तैनात करें – रशियन सांसद की मांग

मास्को – अमेरिका ने ब्रिटेन के अड्डे पर परमाणु अस्त्र तैनात करने की तैयारी जुटाने की खबरें हाल ही में प्रसिद्ध हुई थी। इसपर रशिया की प्रतिक्रिया सामने आयी है। रशिया भी अमेरिका के करीबी अपने मित्र देशों में मिसाइल तैनात करें, ऐसी मांग रशियन सांसद एलेक्सी झुरावलेव्ह ने की है। अमेरिका और नाटो का रशियन प्रभाव क्षेत्र में हो रहे प्रवेश पर रशिया ने अब तक हर बार प्रत्युत्तर दिया था। इस वजह से रशिया आगे के दौर में भी क्युबा, वेनेजुएगा और निकारागुआ में मिसाइल तैनात करके अमेरिका को उसी की भाषा में जवाब दे सकेगी, ऐसा दावा झुरावलेव्ह ने किया है।

वर्ष १९६२ में सोवियत रशिया ने क्युबा में परमाणु अस्त्र तैनात करने का निर्णय किया था। इसपर अमेरिका की तीखी प्रतिक्रिया सामने आयी थी। रशिया ने यह तैनाती हटाई नहीं तो अमेरिका उसपर हमला किए बिना नहीं रहेगी, ऐसा इशारा अमेरिका के उस समय के राष्ट्राध्यक्ष जॉन एफ. केनेडी ने दिया था। अमेरिका के करीबी क्युबा, वेनेजुएला और निकारागुआ में रशिया मिसाइल तैनात करें - रशियन सांसद की मांगइस वजह से पूरा विश्व परमाणु युद्ध की खाई में धकेला जाने की भयंकर संभावना खड़ी हुई थी। यह संकट इतिहास में ‘क्युबन मिसाइल क्राइसिस’ के तौर पर दर्ज़ हुआ है। तब सोवियत रशिया ने अपना निर्णय रद किया और वह समस्या खत्म हुई थी। लेकिन, रशियन सांसद एलेक्सी झुरावलेव्ह ने फिर से क्युबा, वेनेजुएला और निकारागुआ में मिसाइल तैनात करने की मांग करके ‘क्युबन मिसाइल क्राइसिस’ की याद ताज़ा की है।

रशिया ने इन मित्र देशों में मिसाइल तैनात करने का निर्णय करना बड़ा संवेदनशील मुद्दा बनेगा, इसका हमें अहसास होने का बयान भी एलेक्सी झुरावलेव्ह ने किया है। लेकिन, नाटो ने अब तक रशिया के प्रभाव क्षेत्र में की हुई घुसपैठ पर हमेशा से रशिया का प्रत्युत्तर मिलता रहा है, यह कहकर यूरोप में हो रही अमेरिका की रशिया विरोधी तैनाती का जवाब देना आवश्यक होने का दावा झुरावलेव्ह कर रहे हैं।

यूक्रेन युद्ध रशिया ने जीत लिया है और आगे के समय में यूक्रेन के अधिक से अधिक क्षेत्र पर कब्ज़ा करके रशिया आगे बढ़ती रहेगी, ऐसी चिंता यूक्रेन और उसके मित्र देश व्यक्त कर रहे हैं। ब्रिटेन, जर्मनी, इस्टोनिया सहित नाटो ने भी यह ड़र जताया है कि, आगे के समय में यूरोपिय देशों पर हमला करने की तैयारी रशिया ने जुटाई है।अमेरिका के करीबी क्युबा, वेनेजुएला और निकारागुआ में रशिया मिसाइल तैनात करें - रशियन सांसद की मांग लेकिन, रशिया ने यह आरोप ठुकराए हैं। ऐसे में यूक्रेन युद्ध में रशिया की जीत हो रही हैं और तभी अमेरिका ने अपने यूरोपिय सहयोगी देशों में भारी मात्रा में मिसाइल, परमाणु अस्त्र और बम की बौछार करने की क्षमता रखने वाले ‘बी ६१-१२’ विमान तैनात करने की गतिविधियां शुरू की है।

अमेरिका अब १५ सालों बाद ब्रिटेन में फिर से परमाणु अस्त्र तैनात कर रही हैं। ब्रिटेन के सफोल्क प्रांत के ‘लैकनहिथ’ अड्डे पर यह तैनाती होगी। इसके लिए अमेरिका ने पांच करोड़ डॉलर का निधि आरक्षित रखा है। साथ ही परमाणु हमला करने योग्य उन्नत ‘एफ-३५ए’ लड़ाकू विमान के दो स्क्वाड्रन भी वहां तैनात किए जा रहे हैं। यह पुरी तैनाती रशिया विरोधी होने की बात स्पष्ट हो रही हैं। इससे अमेरिका और ब्रिटेन एवं नाटो के अन्य सदस्य देशों ने रशिया विरोधी युद्ध की बड़ी तैयारी जुटाने की बात स्पष्ट दिखने लगी है। इसी कारण से रेड सी के क्षेत्र में अमेरिकी युद्धपोतों पर हौथी के विद्रोही और सीरिया-इराक में मौजूद अमेरिकी अड्डों पर ईरान समर्थक आतंकवादी संगठनों के हमले हो रहे हैं। इसके बावजूद अमेरिका उस ओर पर्याप्त ध्यान देने के लिए तैयार नहीं हैं। अमेरिका के बायडेन प्रशासन की नज़रे अभी भी रशिया पर लगी है, यही इसकी प्रमुख वजह बताई जा रही है।

अपने विरोध में अमेरिका ने बनाई इस रणनीति का अहसास रखने वाली रशिया ने इसके विरोधी गतिविधियां शुरू की है। झुरावलेव्ह भी क्युबा, वेनेजुएला और निकारागुआ जैसे अपने मित्र देशों में मिसाइल तैनात करने की तैयारी करने की सलाह रशिया को देकर अमेरिका को चेतावनी देते दिख रहे हैं। इससे पहले रशिया ने अपने करीबी मित्र देश बेलारूस में परमाणु अस्त्र तैनात किए हैं। यूरोपिय देशों के साथ अमेरिका ने भी इसपर तीव्र चिंता जताई थी।

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