जॉर्डन स्थित सैन्य अड्डे पर हुए ड्रोन हमले में अमेरिका के तीन सैनिकों की मौत – ईरान पर हमला करने के लिए बायडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ा

अम्मान/वॉशिंग्टन/तेहरान – जॉर्डन स्थित अमेरिका के सैन्य अड्डे पर रविवार रात ड्रोन हमला हुआ। इस हमले में तीन सैनिक मारे गए और ३४ घायल हुए। घायलों में से आठ के हालात बड़े खराब होने का दावा किया जा रहा है। पिछले तीन महीनों से गाजा पट्टी में इस्रायल-हमास संघर्ष हो रहा हैं और इस बीच इराक-सीरिया में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों पर ईरान से जुड़े आतंकवादियों ने हमले किए हैं। इससे जॉर्डन के सैन्य ठिकाने पर हुए हमले के लिए भी ईरान ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया जा रहा है। ईरान ने यह आरोप ठुकराया है। लेकिन, अमेरिकी सैनिकों की मौत का कारण बने ईरान के इन हमलों पर राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन कम से कम अब फौजी प्रत्युत्तर दे, ऐसी मांग अमेरिका में जोर पकड़ रही हैं।

जॉर्डन स्थित सैन्य अड्डे पर हुए ड्रोन हमले में अमेरिका के तीन सैनिकों की मौत - ईरान पर हमला करने के लिए बायडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ासीरिया की सीमा के करीबी जॉर्डन स्थित ‘टॉवर २२’ नामक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ड्रोन हमला हुआ। अमेरिका के ‘सेंट्रल कमांड’ (सेंटकॉम) ने इस हमले की जानकारी साझा की। इस हमले में अमेरिका के तीन सैनिक मारे गए और घायल सैनिक दिमागी बिमारी की शिकायत कर रहे हैं। इस वजह से लैटिन अमेरिकी देश क्यूबा की तरह जॉर्डन में तैनात अपने सैनिकों पर इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक शस्त्र का प्रयोग होने के संकेत अमेरिका दे रही है। लेकिन, जॉर्डन स्थित अड्डे पर अमेरिकी हवाई सुरक्षा यंत्रणा तैनात है। इसके बावजूद यह यंत्रणा ड्रोन हमला रोक क्यो नहीं सकी, यह सवाल किया जा रहा है।

जॉर्डन स्थित सैन्य अड्डे पर हुए ड्रोन हमले में अमेरिका के तीन सैनिकों की मौत - ईरान पर हमला करने के लिए बायडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ाअमेरिकी माध्यमों ने इस हमले के लिए ईरान को ज़िम्मेदार बताया है। लेकिन, ईरान ने यह आरोप ठुकराया है। ‘टॉवर २२’ खाड़ी क्षेत्र में मौजूद अमेरिका का एक अहम अड्डा समझा जाता है। वहां अमेरिका के ३५० सैनिक तैनात हैं। आयएस विरोधी संघर्ष में अमेरिका के इस सैन्य अड्डे को बड़ी अहमियत प्राप्त हुई थी। इस वजह से इस अड्डे पर हुआ हमला अमेरिका के लिए चेतावनी होने की बात स्थानीय माध्यम कह रहे हैं।

जॉर्डन में मौजूद अमेरिकी अड्डे पर किसने हमला किया, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। फिर भी, इराक में मौजूद ईरान से जुड़ी आतंकवादी संगठन ने जॉर्डन-सीरिया की सीमा से हमला करनेकी कबुली दी है। ‘टॉवर २२’ से कुछही दूरी पर मौजूद अमेरिका की गश्ती चौकी पर हमला करने का दावा इस आतंकी संगठन ने किया है।

जॉर्डन स्थित सैन्य अड्डे पर हुए ड्रोन हमले में अमेरिका के तीन सैनिकों की मौत - ईरान पर हमला करने के लिए बायडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ासोमवार को हुए इस हमले पर अमेरिका प्रत्युत्तर देगी, यह ऐलान राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किया है। लेकिन, बायडेन प्रशासन ईरान विरोधी कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं दिख रहा है। अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी के नेता और सैन्य विश्लेषक और जनता ने इस हमले पर क्रोन व्यक्त किया है। ईरान अपने संभाले आतंकवादियों की संगठनों का इस्तेमाल करके खाड़ी क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों पर हमले कर रहा हैं। इन हमलों में अमेरिकी सैनिक मारे जा रहे हैं और ऐसे में शांत रहना योग्य नहीं होगा। ईरान पर हमला करके राष्ट्राध्यक्ष बायडेन इन हमलों पर प्रत्युत्तर दे, ऐसी मांग अमेरिका में की जा रही है। इसके बावजूद राष्ट्राध्यक्ष बायडेन इन हमलों पर प्रत्युत्तर दे का बयान कर रहे हैं। लेकिन, फिर भी वह ईरान का स्पष्ट ज़िक्र करने के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसा आरोप उनके विरोधी लगा रहे हैं।

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