आर्थिक गिरावट और समाज में फैले असंतोष की स्थिति में चीनी कंपनियों द्वारा निजी सुरक्षा दल बनाने की पहल – १६ बड़ी कंपनियों ने निजी दल स्थापित करने का माध्यमों का दावा

बीजिंग – बीते कुछ महीनों से चीन को आर्थिक स्तर पर एक के बाद एक लग रहे झटके और विभिन्न प्रांतों में बढ़ रहे प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि पर सामाजिक असंतोष तीव्र होता दिख रहे हैं। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने इस स्थिति को खत्म करने के लिए हमेश का तरह अतिरिक्त सुरक्षा और प्रतिबंधों का इस्तेमाल करना शुरू किया है। फिर भी इससे कुछ भी असर नहीं हुआ है। इस वजह सेचीन की बड़ी कंपनियों ने निजी स्तर पर ‘वॉलेंटियर आर्मी’ का निर्माण करने की पहल करने की जानकारी सामने आ रही है। पश्चिमी माध्यमों ने इससे संबंधित वृत्त प्रसिद्ध किया है।

आर्थिक गिरावट और समाज में फैले असंतोष की स्थिति में चीनी कंपनियों द्वारा निजी सुरक्षा दल बनाने की पहल - १६ बड़ी कंपनियों ने निजी दल स्थापित करने का माध्यमों का दावाचीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के संस्थापक माओ झेडाँग के कार्यकाल में देश में ‘मिलिशिया’ के निर्माण को प्राथमिकता दी गई थी। माओ ने देश पर अपनी पकड़ अधिक से अधिक मज़बूत करने के लिए एवं विरोधियों को मिटाने के लिए इन ‘मिलिशिया’ का इस्तेमाल किया था। माओ की मौत और आर्थिक उदार नीति अपनाने के बाद चीन में इन दलों का प्रभाव कम हुआ था। लेकिन, अब शी जिनपिंग फिर एक बार माओ के कदम पर कदम रखकर ‘मिलिशिया’ की तरह इन दलों का निर्माण करने की ओर कदम बढ़ाते देखे जा रहे हैं।

आर्थिक गिरावट और समाज में फैले असंतोष की स्थिति में चीनी कंपनियों द्वारा निजी सुरक्षा दल बनाने की पहल - १६ बड़ी कंपनियों ने निजी दल स्थापित करने का माध्यमों का दावाचीन में लगभग १६ कंपनियों ने इस तरह के निजी दलों का गठन किया है। चीन के ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ के सहयोग से इन दलों का निर्माण किया गया है और इसे ‘पिपल्स आर्म्ड फोर्सेस डिपार्टमेंटस्‌’ नाम दिया गया है। इन दलों का गठन करने वाली कंपनियों में चीन के डेअरी क्षेत्र की सबसे बड़ी निजी कंपनी ‘यिली ग्रुप’ भी शामिल हैं। कंपनी के मुख्यालय होन वाले ‘इनर मंगोलिया’ प्रांत में इस दल का गठन किया गया है, ऐसी जानकारी कंपनी ने साझा की। बीते वर्ष से चीन की १५ सरकारी कंपनियों ने भी इसी तरह के दल खड़े करने की जानकारी सामने आयी है।

आर्थिक गिरावट और समाज में फैले असंतोष की स्थिति में चीनी कंपनियों द्वारा निजी सुरक्षा दल बनाने की पहल - १६ बड़ी कंपनियों ने निजी दल स्थापित करने का माध्यमों का दावाचीन में बनाए जा रहें इन दलों के पीछे कोरोना का फैलाव, आर्थिक गिरावट, समाझ में फैला असंतोष और ताइवान विरोधी संभावित संघर्ष प्रमुख वजह होने की बात कही जा रही है। कोरोना के दौरान लगाए सख्त लॉकडाऊन के विरोध में चीन के कई शहरों में तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी थी। कई हिस्सों में स्थानीय रक्षा यंत्रणा पर भी हमले हुए थे। रिअल इस्टेट, बैंकिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों को पहुंचे आर्थिक नुकसान की वजह से जनता नाराज़गी व्यक्त कर रही थी।

आर्थिक गिरावट और समाज में फैले असंतोष की स्थिति में चीनी कंपनियों द्वारा निजी सुरक्षा दल बनाने की पहल - १६ बड़ी कंपनियों ने निजी दल स्थापित करने का माध्यमों का दावादूसरी ओर चीन के कारखानों के कर्मचारियों में वेतन और अन्य कारणों से असंतोष होने का चित्रत्र भी सामने आ रहा है। पिछलेसाल से चीन के विभिन्न शहरों में कामगार प्रदर्शन कर रहे हैं। वर्ष २०२३ में चीन में प्रदर्शन और हड़ताल की १,७९४ घटनाएं होने की जानकारी ‘चाइना लेबर बुलिटन’ नामक गुट ने साझा की है। सितंबर से दिसंबर के तीन महीनों में ही सात सौ से अधिक बार कामगारों ने प्रदर्शन करने की जानकारी ‘चाइना डिसेंट मॉनिटर’ नामक अभ्यास गुट ने दर्ज़ की है। नए वर्ष के जनवरी १ से फ़रवरी ३ के दौरान चीन में १८३ प्रदर्शनों का आयोजन हुआ। इनमें से ४० प्रदर्शन ग्वांगडाँग प्रांत में होने की जानकारी है। यह प्रदर्शन समाज की अस्थिरता के संकेत देते है, ऐसा दावा पश्चिमी विश्लेषक कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर चीनी कंपनियों में निजी सुरक्षा दलों का गठन होना ध्यान आकर्षित कर रहा है।

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