यूरोपिय महासंघ ने चीन को प्रतिद्वंद्वी समझकर सख्त नीति तय करने की ज़रूरत – महासंघ के विदेश विभाग की सलाह

प्रतिद्वंद्वीब्रुसेल्स – चीन को ही प्रमुख प्रतिद्वंद्वी समझकर यूरोपिय महासंघ ने इस देश का सहयोग सीमित करें। इसमें राजनीतिक और आर्थिक इन दोनों क्षेत्रों के सहयोग का समावेश होगा। चीन यूरोपिय देशों के साथ अमरीका और अन्य समविचारी देशों के लिए प्रभावी प्रतिद्वंद्वी हैं और मौजूदा एवं आनेवाले समय में इससे होनेवाली चुनौतियों का विचार करके सख्त नीति बनाना ज़रूरी हैं, ऐसी सलाह यूरोपिय महासंघ के विदेश विभाग ने दी है। चीन विरोधी सख्त नीति अपनाने के साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अन्य देशों से सहयोग बढ़ाने पर जोर दे, यह आवाहन भी विदेश विभाग की रपट मे की गई है।

प्रतिद्वंद्वी‘यूरोपियन एक्सटर्नल ऐक्शन सर्विस’ नाम से पहचाने जा रहें महासंघ के विदेश विभाग ने चीन को लेकर नई रपट तैयार की हैं। यह रपट महासंघ के सदस्य देशों को पेश की गई और सोमवार से शुरू हुई बैठक में इसपर चर्चा होगी। महासंघ के सदस्य देशों के विदेशमंत्री रपट पर चर्चा करके चीन संबंधित संभावित नीति का प्लैन तय करेंगे, यह भी कहा जा रहा है। ‘विदेश विभाग की नई रपट यानी चीन अपनी नीति बदलेगा नहीं और महासंघ अब राजनीतिक और आर्थिक इन दोनों स्तरों पर चीन को प्रतिद्वंद्वी समझ रहा हैं, इसपर मुहर लगाना हैं’, ऐसा बयान महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी ने किया।

प्रतिद्वंद्वीकोरोना की महामारी और इसके बाद झिंजियांग, ताइवान और रशिया-यूक्रेन युद्ध के मुद्दों पर चीन और यूरोपिय महासंघ का लगातार विवाद हो रहा हैं। रशिया-यूक्रेन मुद्दे पर चीन ने अपनाई भूमिका की वजह से यूरोपिय देशों में तीव्र नाराज़गी हैं और दोनों ओर तनाव अधिक बढ़ा हैं। विदेश विभाग की नई रपट ने यह तनाव अब खत्म करने के परे गया दिखाया है। पिछले महीनें जर्मनी ने चीन पर बढ़ती निर्भरता कम करने के लिए चीन के व्यापार से जुड़ी नीति में बदलाव करने का ऐलान किया था। जर्मनी यूरोप का शीर्ष देश हैं और उससे किया गया यह ऐलान यूरोप और चीन दूर होने के स्पष्ट संकेत देते हैं।

‘व्यापारी भागीदार के तौर पर चीन का यकिनन स्वागत हैं। लेकिन, व्यापार की स्पर्धा को नुकसान पहुँचा रहीं चीन की रक्षात्मक नीति जर्मनी बर्दाश्‍त नहीं करेगा। व्यापार पर असर होगा, इस आशंका से चीन में हो रहें मानव अधिकारों के उल्लंघन को नज़रअदाज नहीं किया जाएगा। इसके आगे जर्मनी को व्यापार के मुद्दे पर ब्लैकमेल करना भी मुमकिन नहीं होगा’, ऐसें आक्रामक शब्दों में जर्मनी के व्यापारमंत्री हैबेक ने चीन को आगाह किया था। जर्मन व्यापारमंत्री ने किए बयान से जर्मनी के साथ ही यूरोपिय देश भी चीन संबंधित नीति में बदलाव करने की तैयारी में दिख रहे हैं।

इससे पहले साल २०२१ में प्रसिद्ध हुई रपट में भी महासंघ ने चीन का प्रतिद्वंद्वी ही ज़िक्र कियाथा।

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