रशिया के खिलाफ होने के लिए पश्‍चिमी देश भारत पर दबाव बढ़ाएँगे – चीन के मुखपत्र का दावा

western-pressure-indiaबीजिंग – वैश्‍विक स्तर पर भारत जिस मात्रा में उभर रहा है, उसी मात्रा में पश्‍चिमी देश भारत पर दबाव बढ़ाने की कोशिश करने लगे हैं| यूक्रैन युद्ध में भारत रशिया के खिलाफ हो जाए, इसके लिए पश्‍चिमी देश भारत पर डाल रहे दबाव यही दर्शाते हैं, ऐसा चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने अपने संपादकीय लेख में कहा है| साथ ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन और यूरोपिय कमिशन की अध्यक्षा उर्सुला वोन देर लेन दबाव बढ़ाने के लिए ही भारत आ रहे हैं, यह दावा चीनी विश्‍लेषक कर रहे हैं|

यूक्रैन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने अमरीका का दबाव नजरअंदाज करके रशिया के खिलाफ होना टाल दिया है| रशिया का करीबी सहयोगी देश चीन को भी इस मुद्दे पर भारत जैसी पुख्ता भूमिका अपनाना मुमकिन नहीं हो पाया है| चीन की कंपनियॉं रशिया से सहयोग टालने लगी हैं| ऐसी स्थिति में भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना करने के लिए चीन मज़बूर है| हमेशा  भारत विरोधी भूमिका अपनाने वाले चीन का सरकारी मुखपत्र भी इसके लिए भारत की सराहना करने के लिए मज़बूर हुआ था|

लेकिन, आनेवाले दिनों में पश्‍चिमी देश भारत पर रशिया के खिलाफ होने के लिए जोर लगाएँगे| भारत और अपने देश के हित समान होने के दावे यह देश करेंगे| लेकिन, असल में पश्‍चिमी देश सिर्फ अपने ही हितों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, इसका अनुभव भारत को जल्द ही होगा, यह दावा ग्लोबल टाईम्स ने अपने एडिटोरियल में किया है| इसके लिए चीनी अध्ययन मंडलों के विश्‍लेषकों का भी दाखिला दिया गया है| 

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