अमरीका को रशिया से अधिक चीन के परमाणु हथियारों का खतरा – वरिष्ठ अमरिकी सेना अधिकारी का इशारा

वॉशिंग्टन – परमाणु हथियारों को लेकर चीन कर रहे दावे विश्‍वासार्ह नहीं हैं और गलतफहमी होने पर इसका हल निकालने की यंत्रणा भी उपलब्ध ना होने से चीन के परमाणु हथियारों का खतरा रशिया से अधिक होगा, ऐसा इशारा अमरिकी ‘स्ट्रैटेजिक कमांड’ के उप-प्रमुख लेफ्टनंट जनरल थॉमस बुसिअर ने दिया। अमरिकी सेना ने भी चीन के बढ़ते परमाणु अस्त्रों की रपट जारी की है और इसमें चीन के रक्षाबल सबसे अधिक निवेश परमाणु हथियारों की क्षमता बढ़ाने के लिए कर रहे हैं, यह इशारा भी दिया है।

russia-us-china-nuclear-weapons-2चीन की परमाणु हथियारों को लेकर बीते महीने से चिंता बढ़ानेवाले कई रपटें सामने आ रही हैं। जून में ‘स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इन्स्टिट्यूट’ (सिप्री) नामक अध्ययन मंड़ल नेजारी की रपट में चीन के पास ३५० परमाणु अस्त्र होने की बात दर्ज़ है। चीन अपने परमाणु अस्त्रों का भंड़ार तेज़ी से बढ़ा रहा है और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी शुरू होने का इशारा ‘सिप्री’ की रपट में दिया गया था।

इसके बाद बीते महीने में भी अमरिकी अध्ययन मंड़ल ‘फेडरेशन ऑफ अमरिकन सायंटिस्टस्‌’ ने इस विषय की नई रपट जारी की है। इसमें चीन द्वारा झिंजियांग प्रांत के पूर्वीय क्षेत्र में परमाणु अस्त्रों के लिए आवश्‍यक लगभग ११० ‘सिलोस’ का निर्माण जारी होने का इशारा दिया गया है। इस अध्ययन मंड़ल ने चीन की गतिविधियों के सैटेलाईटस्‌ से प्राप्त फोटो भी जारी किए थे। चीन ने इससे पहले निर्माण किए हुए एवं निर्माण कार्य जारी होनेवाले ‘सिलोस’ की कुल संख्या पर गौर करें तो चीन के परमाणु हथियारों की संख्या ४०० से ९०० के बीच में होगी, ऐसा बयान अमरिकी अध्ययन मंड़ल ने किया है।

russia-us-china-nuclear-weapons-1इसके बाद अब अमरिकी सेना ने ‘चायनीज टैक्टिक्स’ नामसे जारी की हुई रपट में भी चीन के बढ़ते परमाणु अस्त्रों की संख्या पर ध्यान केंद्रीत किया है। चीन ने सार्वजनिक स्तर पर स्पष्ट तौर पर ‘मिनिमल डिटरन्स अप्रोच’ की परमाणु नीति अपनाई है, लेकिन चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ परमाणु अस्त्रों की क्षमता बड़े पैमाने पर बढ़ा रही है। परमाणु अस्त्रों से संबंधित किसी भी समझौते पर चीन ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस वजह से छोटे एवं मध्यम दूरी के परमाणु अस्त्र विकसित करने के लिए चीन अबद्ध है, यह बात अमरिकी सेना की रपट से सामने लायी हैं। चीन परमाणु अस्त्रों के लिए बड़ी मात्रा में निवेश कर रहा है, यह इशारा भी ‘चायनीज टैकक्टिस’ रटप ने दी है।

अमरीका के परमाणु अस्त्रों का ज़िम्मा संभाल रही ‘स्ट्रैटेजिक कमांड’ ने भी चीन के परमाणु खतरे का अहसास दिलाया है। ‘स्ट्रैटेजिक कमांड’ के उप-प्रमुख लेफ्टनंट जनरल थॉमस बुसिअर ने चीन के परमाणु हथियार रशिया के परमाणु खतरे से अधिक घातक साबित होंगे, यह इशारा भी दिया है। इसमें चीनी परमाणु अस्त्रों के सिर्फ आँकड़ों का संबंध नहीं है, बल्कि चीन जिस तरीके से परमाणु हथियार बढा रहा है, वह भी खतरनाक है, यह इशारा लेफ्टनंट जनरल थॉमस बुसिअर ने दिया। परमाणु अस्त्रों के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए अमरीका और चीन के दरमियान स्वतंत्र यंत्रणा उपलब्ध नहीं है, इस ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

कुछ दिन पहले अमरिकी विदेशमंत्री ने भी चीन के परमाणु के खतरा का ज़िक्र किया था। ‘बीते कई दशकों में चीन ने परमाणु अस्त्रों के मुद्दे पर न्यूनतम स्तर पर प्रतिबंध की नीति अपनाई थी। लेकिन, अब चीन की हुकूमत इस नीति से दूर जाती हुई दिख रही है। चीन बीते कुछ वर्षों में परमाणु हथियारों की संख्या तेज़ी से बढ़ा रहा है’, इन शब्दों में अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने चीन के बढ़ते एटमी हथियारों को लेकर चिंता जताई थी।

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