चीन के सहयोग से परमाणु ऊर्जा प्रकल्प स्थापित करने की दिशा में सौदी की कोशिश – अमरिकी अखबार का दावा

रियाध – परमाणु ऊर्जा प्रकल्प से संबंधित अपनी मांग पर अमरीका का रिस्पान्स प्राप्त नहीं हो रहा है, यह भांपकर बेचैन हुए सौदी अरब ने अब इसके लिए चीन से सहायता पाने की तैयारी रखी है। अमरिकी अखबार ने यह जानकारी साझा की है। नागरी परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के लिए सौदी अब चीन से बाचतीत कर रहा हैं, ऐसा दावा इस अखबार ने किया है। चीन से बातचीत करने से अमरीका पर दबाव बढ़ेगा और बायडेन प्रशासन हमारी मांग का विचार करेंगे, इस सोच में सौदी होने का बयान इस अखबार ने किया है।

‘चाइना नैशनल न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन’ (सीएनएनसी) ने सौदी के लिए नागरी परमाणु ऊर्जा प्रकल्प स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर सौदी गंभीरता से विचार कर रहा हैं और साथ ही इस का निर्माण कतर और यूएई की सीमा के करीबी क्षेत्र में करने की तैयारी में सौदी लगा होने की बात इस अमरिकी अखबार ने कही है। सौदी ने इसके लिए की हुई पहल के मद्देनज़र अमरीका अब सौदी के नागरी परमाणु प्रकल्प को मंजूरी प्रदान करेगी, ऐसा विचार सौदी रखता है, यह बात वर्णित अखबार कह रहा है। इससे पहले इस्रायल के स्ट्रैटेजिक अफेअर्स विभाग के मंत्री रॉन डर्मर ने अमरिकी पत्रिका को दिए साक्षात्कार में सौदी के परमाणु प्रकल्प के प्रस्ताव को इस्रायल का विरोध ना होने के संकेत दिए थे।

अन्य देशों की तरह सौदी भी नागरी परमाणु ऊर्जा प्रकल्प शुरू कर सकता है। इसे ज्यादा देर तक विरोध करना मुमकिन नहीं होगा, ऐसा डर्मर ने कहा था। लेकिन, इस परमाणु प्रकल्प के लिए सौदी ने चीन नहीं, बल्कि अमरीका का विकल्प स्वीकार करना होगा, ऐसा इशारा डर्मर ने दिया था। उनके इस बयान के एक हफ्ते बाद ही सौदी इस प्रकल्प के लिए चीन से बातचीत करने में व्यस्त होने की जानकारी सामने आयी है। यह महज कोई संजोग नहीं हैं, बल्कि अमरीका पर दबाव बनाने का दाव दिख रहा है।

लेकिन, अमरीका का बायडेन प्रशासन एवं इस्रायल के विपक्ष के नेताओं ने भी सौदी के परमाणु ऊर्जा प्रकल्प की योजना मंजूर नहीं है। बायडेन प्रशासन ने इस पर स्पष्ट बयान नहीं किया है। लेकिन, मौजूदा दौर में बायडेन प्रशासन और सौदी अरब के बीच बने तनाव पर गौर करें तो इस प्रकल्प को बायडेन प्रशासन ने मंजूरी प्राप्त होने की संभावना नहीं दिखती। इसी बीच अमरीका और पश्चिमी देशों के वर्चस्व को चुनौती दे रही ब्रिक्स संगठन की सदस्यता भी सौदी अरब ने प्राप्त की है। अब चीन के साथ परमाणु ऊर्जा प्रकल्प स्थापित करने की तैयारी जुटाकर सौदी की हुकूमत अमरीका को फिर से उकसाती दिख रही है। इसपर अमरीका की प्रतिक्रिया सामने आ सकती हैं। साथ ही इस्रायल भी सौदी-चीन के इस परमाणु सहयोग के विरोध में सख्त भूमिका अपना सकता हैं। इस्रायल के मंत्री रॉन डर्मर ने ऐसे स्पष्ट संकेत भी दिए हैं।

अंतरराष्ट्रीय दबाव ठुकराकर ईरान ने परमाणु प्रकल्प शुरू करने के बाद सौदी ने तीखी प्रतिक्रिया दर्ज की थी। ईरान दावा कर रहा हो, फिर भी इस देश का परमाणु प्रकल्प नागरी नहीं बल्कि सैन्यकी उद्देश्य से बना हैं। ईरान अपना परमाणु प्रखल्प नागरी ऊर्जा के लिए बना होने का दिखावा कर रहा है और इसके आड़े परमाणु बम बना रहा हैं। यदि, ईरान परमाणु बम प्राप्त करता है तो सौदी भी पीछे नहीं रहेगा। सौदी भी परमाणु बम नबाएगा, ऐसी धमकी सौदी ने दी थी। इस योजना पर सौदी अरब काम कर रहा हैं, ऐसे दावे भी प्रसिद्ध हुए थे। इस पृष्ठभूमि पर सौदी अरब की नागरी परमाणु ऊर्जा से संबंधित मांग को अमरीका बारीकी से देख रही है। लेकिन, ईरान के परमाणु प्रकल्प को लेकर उदार भूमिका अपनाने से बायडेन प्रशासन को सौदी की मांग के खिलाफ जाकर निर्णय करने में कठिनाई हो सकती है। इसी कारण से बायडेन प्रशासन ने अभी तक इस मुद्दे पर बयान नहीं किया है।

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