पाकिस्तान के सैन्य ठिकाने और चौकियों के लिए चीन ने जाल बिछाया

इस्लामाबाद – सौदी अरब, यूएई इन मित्रदेशों ने पाकिस्तान की आर्थिक सहायता करने से इन्कार किया है। इसी बीच ‘आईएमएफ’ ने भी पाकिस्तान को बेलआऊट देने से पहले काफी सख्त माँगेम रखी हैं। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान ने चीन के सामने नए कर्ज़ के लिए हाथ फैलाए हैं। पाकिस्तान की इस स्थिति का लाभ उठाकर चीन ने नया कर्ज़ देने की तैयारी दर्शायी है। लेकिन, इसके बदले में पाकिस्तान अपने देश की सैन्य चौकियों का इस्तेमाल करने की अनुमति चीनी सेना को प्रदान करे, यह शर्त चीन ने रखी है। पाकिस्तान के राजनीतिक सूत्र के दाखिले से कुछ वृत्तसंस्थाओं ने यह जानकारी साझा की। इसी बीच चीन की गुप्तचर यंत्रणा के वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को पाकिस्तान के सेनाप्रमुख और आयएसआय के प्रमुख से मुलाकात की थी।

पाकिस्तान के कराची युनिवर्सिटी के परिसर में चीन के ‘कन्फ्युशियस इन्स्टीट्युट’ के अधिकारियों के वाहन पर पिछले महीने आत्मघाती हमला हुआ था। इस वारदात में कन्फ्युशियस इन्स्टीट्युट के प्रमुख समेत अन्य दो अधिकारी मारे गए थे। बलोचिस्तान के आज़ादी की माँग कर रहे बलोच लिबरेशन आर्मी नामक संगठन के माजिद ब्रिगेड ने इस हमले का ज़िम्मा स्वीकार किया था। साथ ही आनेवाले समय में भी चीनी नागरिक और उनकी सुरक्षा के लिए ग्वादर में तैनात चीनी सैनिकों को भी लक्ष्य किया जाएगा, ऐसी चेतावनी बलोच विद्रोहियों ने दी थी।

कराची का विस्फोट और बाद में बलोच विद्रोहियों ने धमकाने से ड़रे हुए चीन ने सीधे पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के ठिकानों पर हवाई हमले करे, ऐसी सूचना चीन के सरकारी मुखपत्र ने की थी। साथ ही पिपल्स लिबरेशन आर्मी अपना सैन्य दल पाकिस्तान भेजे, यह सुझाव भी दिया था। पाकिस्तान में नई सरकार बनानेवाले शाहबाज शरीफ की सरकार ने कराची विस्फोट पर चिंता जताकर चीनी नागरिकों को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने का ऐलान किया था। इसके बावजूद पाकिस्तान में अलग-अलग प्रकल्पों पर काम कर रहे चीनी अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी और नागरिकों ने शीघ्र ही चीन से भागना शुरू किया।

इन गतिविधियों के बीच प्रधानमंत्री शरीफ ने सौदी अरब और यूएई का दौरा करके अपने देश को आर्थिक संकट से बचाने की कोशिश की। लेकिन, सौदी और यूएई ने पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देने से इन्कार किया। ऐसे में १८ मई को कतार की राजधानी दोहा में ‘आईएमएफ’ के अधिकारी और पाकिस्तानी नेताओं की बैठक भी नाकाम हुई। इससे पाकिस्तान को फिर से चीन की ओर भागना पड़ा। पाकिस्तान के नए विदेशमंत्री बिलावल भुट्टो फिलहाल चीन के दौरे पर हैं और उन्होंने विदेशमंत्री वैंग ई से मुलाकात की।

इससे पहले चीन ने पाकिस्तान के सामने अपनी नई माँगे रखी हैं, ऐसा दावा हो रहा है। नया कर्ज़ पाना हो तो पाकिस्तान ने शीतयुद्ध के समय पर और आतंकवाद विरोधि युद्ध में अमरीका को दिए अपने देश के अड्डे या सैन्य चौकियों का इस्तेमाल करने की अनुमति चीन को प्रदान करे, यह माँग चीन ने सामने रखी है। इसमें अफ़गानिस्तान के करीबी पाकिस्तान के शम्सी हवाई अड्डे का समावेश होने का दावा किया जा रहा है।

पिछले कुछ दिनों की गतिविधियों पर गौर करें तो पाकिस्तान चीन को सैन्य अड्डे देने के लिए तैयार होने की संभावना बढ़ी है। कराची के विस्फोट के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने चीन का दौरा करके चीनी नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी देने की तैयारी दिखायी थी। लेकिन, चीन ने यह माँग ठुकरायी थी। इसके बाद चीन ने पाकिस्तान के सामने सैन्य चौकियों की रखी माँग और आगे के कुछ ही घंटों में पाकिस्तान के विदेशमंत्री को बुलाकर चीन ने अलग संकेत दिए हैं।

साथ ही चीन की गुप्तचर यंत्रणा के वरिष्ठ अधिकारी चेंग गुओपिंग पाकिस्तान पहुँचे हैं। चेंग ने पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल बाजवा और आईएसआई के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल नदीम अंजूम से मुलाकात की। पाकिस्तान में अहम निर्णय सरकार नहीं, बल्कि सेना करती है। इस वजह से चीनी अधिकारियों की इस मुलाकात की गंभीरता बढ़ी है।

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