नाइजर की सैन्य हुकूमत ने किया माली और बुर्किना फासो के साथ ‘मिलिटरी पैक्ट’ करने का ऐलान – नाइजर पर हमला होने पर दोनों देशों को हस्तक्षेप करने की अनुमति

नियामे – अफ्रीकी देशों के साथ पश्चिमी देशों ने नाइजर पर सैन्य कार्रवाई करने की तैयारी रखी होने की खबरें सामने आयी हैं। इस पृष्ठभूमि पर नाइजर की सैन्य हुकूमत ने भी अपनी गतिविधियां शुरू की हैं और पड़ोस के माली एवं बुर्किना फासो इन देशों के साथ ‘मिलिटरी पैक्ट’ करने का ऐलान किया है। इस समझौते के अनुसार नाइजर पर हमला हुआ तो माली और बुर्किना फासो की सेना को नाइजर में हस्तक्षेप करने की अनुमति प्रदान की गई है। इस नए समझौते की वजह से नाइजर के मुद्दे पर अफ्रीका में निर्माण हुआ तनाव अधिक बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। 

‘मिलिटरी पैक्ट’पिछले महीने जनरल चियानी के नेतृत्व में नाइजर की सेना ने राष्ट्राध्यक्ष बझूम के विरोध में बगावत की थी। पश्चिमी देशों के प्रभाव में होने वाले बझूम की सरकार का तख्तापलट करने से अमरीका और यूरोपिय देशों ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। ब्रिटेन, फ्रान्स के साथ यूरोपिय महासंघ ने भी नाइजर की आर्थिक सहायता रोक दी थी। नाइजर की सेना राष्ट्राध्यक्ष बझूम को रिहा करें, यह मांग भी पश्चिमी देशों ने रखी थी। 

वहीं, पश्चिम अफ्रीकी देशों की संगठन ने नाइजर की सेना को बझूम को रिहा करने के लिए सात दिन दिए थे। इस दौरान बझूम को फिर से सत्ता सौंपने को कहा गया था। इस अवधि में नाइजर की सेना यदि अपनी इस मांग को पूरा नहीं करती है तो सीधे सैन्य कार्रवाई करने की धमकी भी पश्चिमी अफ्रीकी देशों ने दी थी। लेकिन, नाइजर की सेना ने यह धमकी ठुकराई हैं और माली एवं बुर्किना फासो ने सैन्य हुकूमत को समर्थन घोषित करके सहायता प्रदान करने के लिए तैयार होने का ऐलान किया था। इन दोनों देशों ने कुछ दिन पहले अपने लड़ाकू विमान नाइजर में उतार कर तैनात किए हैं। 

दूसरी ओर नाइजर ने रशिया के ‘वैग्नर ग्रुप’ से भी सहायता मांगने की जानकारी सामने आयी थी। इसके बाद अफ्रीकी देशों के साथ पश्चिमी देशों में भी बेचैनी निर्माण हुई और उन्होंने अपना रुख अधिक आक्रामक किया है। पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर के मुद्दे पर कोई भी समझौता करने के लिए तैयार नहीं होने की बात भी स्पष्ट हुई है। नाइजर पर सैन्य कार्रवाई करने का दिन तय होने की चेतावनी भी पश्चिम अफ्रीकी देशों की संगठन ‘इकॉनॉमिक कम्युनिटी ऑफ वेस्ट अफ्रीकन स्टेटस्‌’ (इसीओडब्ल्यूएएस) ने दी है। पश्चिम अफ्रीकी देशों की सेना नाइजर की सीमा पर दाखिल होने का अहसास इस संगठन ने कराया था। वहीं, अफ्रीकी महासंघ ने नाइजर की सदस्यता रद्द की है और साथ ही प्रतिबंध लगाने के संकेत भी दिए हैं।

अफ्रीकी देश और पश्चिमी देशों के दबाव के सामने झुकने से नाइजर की सैन्य हुकूमत ने इनकार किया है। नाइजर में घुसकर हस्तक्षेप करना पार्क में टहलने उतना आसान नहीं होगा, इसपर जोरदार जवाब मिलेगा, ऐसी चेतावनी जनरल चियानी ने हाल ही में दी थी। इसके बाद अब समर्थन प्रदान कर रहें माली और बुर्किना फासो के साथ सैन्य समझौता करके नाइजर की सेना संघर्ष की तैयारी में जुटी दिख रही हैं। गुरुवार को माली और बुर्किना फासो के विदेश मंत्री ने नाइजर का दौरा करने की बात कही जा रही है।

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