अमेरिका की ’एम270′ प्रणाली युक्रेन सेना तक पहुंचे पर रशिया के संरक्षणमंत्री शोईगु युक्रेन के डोम्बास पहुंचे

मॉस्को/किव्ह – अमेरिका द्वारा भेजे गए ’एम270′ मिसाईल प्रणाली युक्रेनी सेना को दी गई है। इसका इस्तेमाल करके शोईगू ने युक्रेन के डोम्बास प्रांत का दौरा किया। युक्रेन की प्रतिकार की संभावना के निष्कासन के लिए तुरंत गतिविधियां करके निर्णायक हमले करने का संदेश संरक्षणमंत्री शोईगु ने रशियन सेना को दिया। इसकी वजह से युक्रेन युद्ध में अधिक भयानक संहार करनेवाला नया पडाव शुरु होने के संकेत मिल रहे हैं।

’एम270'’लॉंग रेंज मल्टिपल लॉंच रॉकेट सिस्टम-एलएमआरएस’ श्रेणि वाले अमेरिका की ’एम270′ मिसाईल प्रणाली युक्रेनी सेना तक पहुंची है। जल्द ही इसका इस्तेमाल किया जाएगा। रशिया के खिलाफ लडने के लिए अपनी सेना को आधुनिक शस्त्रास्त्रों की जरुरत होने की बात कहकर युक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष व्लोदोमिर ज़ेलेन्स्की ने अमेरिका एवं अन्य पश्चिमी राष्ट्रों से अत्याधुनिक शस्त्रास्त्रों की मांग की थी। अमेरिका ने युक्रेनी सेना को अरबों डॉलर्स के शस्त्रास्त्रों की आपूर्ति करने की घोषणा की थी। पर इसके गंभीर परिणाम होंगे, ऐसा इशारा रशिया ने दिया था। इसकेनुसार ’एम270′ मिसाईल प्रणाली युक्रेनी सेना के हाथों में आई है, यह समाचार मिल रहे थे तब रशिया के संरक्षणमंत्री ने युक्रेन के डोम्बास प्रांत का दौरा करने की बात सामने आई है।

संरक्षणमंत्री शोईगु ने डोम्बास में रशियन सेना जनरल सर्जेई सुरोविकिन और कर्नल जनरल ऐलेक्ज़ैंडर लैपिन से मिले। युक्रेनी सेना का प्रतिकार होगा और वे यहां की बुनियादी सुविधाओं को लक्ष्य करें इससे पहले इस हिस्से की लश्करी मुहिम तेज़ी से आगे ले जाने की सूचना संरक्षणमंत्री शोईगु ने लश्करी अधिकारियों से की।

शस्त्रास्त्रों की आपूर्ति की तो इसके भयानक परिणाम होंगे, ऐसा रशिया ने पहले ही कहा था। इसके परिणामों से हम अलिप्त रहेंगे, अमेरिका इस भ्रम में ना रहे, ऐसा इशारा रशिया ने दिया था। तथा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने युक्रेन के नेतृत्व को भी ठोस शब्दों में आगाह किया था।

युक्रेन में रशिया की लश्करी कार्रवाई भले ही जारी रहे, फिर भी वास्तव में रशिया ने युक्रेन में युद्ध नहीं किया है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कहा था। रशिया ने अब तक युक्रेन के खिलाफ अपनी सारी लश्करी क्षमता का इस्तेमाल नहीं किया है, इसका अहसास राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने कराया था। तथा, युक्रेन का युद्ध बढाने के लिए अमेरिका युक्रेन को शस्त्रास्त्रों की आपूर्ति करने के आरोप रशिया ने लगाए थे। इससे सर्वाधिक हानि युक्रेन की ही होगी, इस ओर भी रशिया ने ध्यान आकर्षित किया था।

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