युक्रेन की सीमा के पास रशिया के ९० हज़ार जवान तैनात – युक्रेन के रक्षा मंत्रालय का आरोप

किव्ह/वॉशिंग्टन – युक्रेन पर लष्करी दबाव बढ़ाने के लिए और इस क्षेत्र में तनाव निर्माण करने के लिए रशिया ने युक्रेन की सीमा के पास ९० हज़ार जवान तैनात किए होने का आरोप युक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने किया। केवल भू-सीमा ही नहीं, बल्कि ब्लैक सी के क्षेत्र में भी रशियन युद्धपोतों की गतिविधियाँ बढ़ने का दावा युक्रेन कर रहा है। लेकिन युक्रेन को नाटो में सहभागी करने की कोशिश कर रही अमेरिका ने इस पर सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया दी है। इतनी बड़ी संख्या में सेना तैनाती की क्या आवश्यकता होगी, इसपर अमेरिका विचार कर रही है, ऐसा अमेरिका के रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले ने कहा है।

Russian-troops-Ukraineपिछले हफ्ते में ही अमरीका के विश्लेषकों ने यह दावा किया था कि युक्रेन की सीमा के पास रशिया नए से सेना तैनाती कर रहा है। सैटेलाइट फोटोग्राफ्स का हवाला देकर रशिया की इस तैनाती पर चिंता ज़ाहिर की गई थी। किसी भी लष्करी अभ्यास की पूर्वसूचना नहीं दी गई है, ऐसे में युक्रेन की सीमा के पास बड़े पैमाने पर हुई रशिया की सेना तैनाती चिंता का कारण साबित होती है, इस पर अमरिकी विश्लेषकों ने गौर फरमाया था। बेलारूस के साथ हुए अभ्यास के बाद रशिया ने धीरे धीरे से यह सेना तैनाती बढ़ाई, ऐसा दावा किया जाता है।

युक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने अमरिकी विश्लेषकों का यह दावा शुरू शुरू में ठुकराया था। लेकिन दो दिन बाद युक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने जारी की जानकारी के अनुसार, सीमा से लगभग २६० किलोमीटर की दूरी पर रशियन लष्कर की बड़ी टुकड़ी तैनात है। इसमें टैंक्स, लष्करी वाहनों का बड़ा बेड़ा होने का भी दावा किया जाता है। सीमा के पास रशिया की यह तैनाती यानी युक्रेन पर दबाव बढ़ाने का मामला है, ऐसी आलोचना युक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने की।

इससे पहले अमरिकी विश्लेषकों ने और अब युक्रेन ने किए इन आरोपों पर रशिया ने प्रतिक्रिया दी है। अपनी ही सीमा में और जहाँ आवश्यक है वहीं पर यह तैनाती की होने की फटकर रशिया ने लगाई है। इससे पहले भी रशिया पर युक्रेन की सीमा के पास बड़ी संख्या में सेनातैनाती करने का आरोप हुआ था। पिछले कुछ हफ्तों से युक्रेन नाटो में सहभागी होने की तैयारी कर रहा है। नाटो में अपना प्रवेश कोई भी रोक नहीं सकता, ऐसा युक्रेन ने कहा था। ऐसी परिस्थिति में, रशिया ने यह तैनाती करके युक्रेन समेत नाटो को भी चेतावनी देने का दावा अमरीका के विश्लेषक और माध्यम कर रहे हैं।

लेकिन रशिया की यह तैनाती अमरीका के लिए ख़तरे की घंटी नहीं है, ऐसा अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी अधिकारियों का कहना है। ‘इससे पहले भी रशिया ने इस प्रकार की सेना तैनाती की थी। इसलिए इस नई तैनाती का क्या अर्थ है? इस बारे में हमें अभी कुछ भी पता नहीं है। इस कारण समय से पहले ही इस पर बयान करना उचित नहीं होगा’, ऐसा अमरीका के रक्षाबलप्रमुख जनरल मिले ने कहा।

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